Hyundai Motor Company (ह्यूंदै मोटर कंपनी) और उसकी सहयोगी Kia (किआ) ने दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 21 ट्रिलियन वोन या 16.5 अरब डॉलर (करीब 1,282 अरब रुपये) निवेश करने की योजना बनाई है। निवेश में नए कारखाने की स्थापना शामिल है जो धीरे-धीरे सालाना लगभग 150,000 कार बनाने की क्षमता रखेगा।
दोनों वाहन निर्माताओं का लक्ष्य इस साल अनुमानित 350,000 यूनिट्स से 2030 तक देश में वार्षिक ईवी उत्पादन को बढ़ाकर 1.44 मिलियन यूनिट्स करना हैं। उस समय तक अनुमानित 1.44 मिलियन यूनिट्स का उत्पादन ह्यूंदै और किआ के ग्लोबल ईवी उत्पादन का लगभग 45 प्रतिशत होगा।
इस उद्देश्य से वाहनों के लिए दक्षिण कोरिया में बनाया जा रहा नया कारखाना किआ के मौजूदा ह्वासोंग मैन्युफेक्चरिंग फैक्टरी के भीतर ही होगा। इसका निर्माण 2023 की पहली छमाही में शुरू होने की उम्मीद है, जबकि कमर्शियल प्रोडेक्शन 2025 की दूसरी छमाही में शुरू होगा।
पर्पज बिल्ट व्हीकल्स, स्पेशल पर्पज वाहन होते हैं जो आम तौर पर छोटे से मध्यम आकार के वैन पर आधारित होते हैं क्योंकि वे एक ही चेसिस का इस्तेमाल करते हैं। नए मॉडल के लिए उत्पादन शुरू करने और बाजार में लाने का समय आम तौर पर कम होता है। ह्यूंदै और किआ दोनों का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक स्तर पर सालाना 3.23 मिलियन यूनिट्स ईवी बेचने का है, जो वैश्विक ईवी बाजार के 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
अन्य खबरों में, ह्यूंदै दक्षिणी जॉर्जिया में एक नया इलेक्ट्रिक वाहन असेंबली प्लांट बनाने की भी योजना बना रही है। इसमें कहा गया है कि कार निर्माता जॉर्जिया ईवी फैक्ट्री 7.4 बिलियन डॉलर की निवेश योजनाओं का हिस्सा है, जिसे ह्यूंदै ने अमेरिका के लिए तैयार किया है। ह्यूंदै और किआ दोनों ब्रांडों के मालिक, ह्यूंदै मोटर ग्रुप ने पिछले साल कहा था कि वह 2025 तक अमेरिका में अरबों का निवेश करने का लक्ष्य रखती है, जो ईवी प्लांट, हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों के साथ-साथ फ्लाइंग टैक्सियों को कवर करने का इरादा रखता है।
ह्यूंदै की जॉर्जिया में एक नया इलेक्ट्रिक वाहन कारखाना बनाने की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन इलेक्ट्रिक वाहनों और ईवी से संबंधित आपूर्तिकर्ताओं में ज्यादा निवेश पर जोर दे रहे हैं।
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Hyundai Motor Company (ह्यूंदै मोटर कंपनी) और उसकी सहयोगी Kia (किआ) ने दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 21 ट्रिलियन वोन या 16.5 अरब डॉलर (करीब 1,282 अरब रुपये) निवेश करने की योजना बनाई है। निवेश में नए कारखाने की स्थापना शामिल है जो धीरे-धीरे सालाना लगभग 150,000 कार बनाने की क्षमता रखेगा।