न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भागलपुर
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 14 Dec 2020 05:53 AM IST
बिहार के भागलपुर में महाभारत की कहानी कलियुग में दोहराई गई है। यहां एक पति अपनी पत्नी को जुए में हार गया, इतना ही नहीं पत्नी ने जब जुआरियों के साथ जाने से इंकार कर दिया तो कलियुगी पति ने उसके प्राइवेट पार्ट में भी तेजाब डाल दिया।
जानें क्या है पूरा मामला
यह घटना दो नवंबर की है। पीड़िता का पति जुए में अपनी पत्नी को हार गया और फिर उसे दूसरे जुआरियों के साथ जाने को कहने लगा। इस पर पत्नी ने विरोध किया तो उसके पति ने उसके शरीर पर तेजाब डाल दिया। पीड़िता की मानें तो पहले भी उस पर तेजाब फेंका गया। पीड़िता ने बताया कि पति ने उसको घर में कैद कर रखा था।
साथ ही पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह बचती हुई अपनी ससुराल हसनगंज से जान बचाकर लोदीपुर थाना क्षेत्र के लिछो गांव भाग गई और सारी दास्तान अपने मायके पक्ष को सुनाई।
पीड़िता की मानें तो शादी के दस साल के बाद भी वह मां नहीं बन पाई है। इसलिए उसके जालिम पति ने उसको इतनी खौफनाक सजा दी है। सजा के तौर पर उसके प्राइवेट पार्ट में तेजाब डाल दिया। हालांकि उसका मायागंज में इलाज भी चला, लेकिन ससुराल वालों के डर से वह पुलिस तक नहीं पहुंच सकी।
बिहार के भागलपुर में महाभारत की कहानी कलियुग में दोहराई गई है। यहां एक पति अपनी पत्नी को जुए में हार गया, इतना ही नहीं पत्नी ने जब जुआरियों के साथ जाने से इंकार कर दिया तो कलियुगी पति ने उसके प्राइवेट पार्ट में भी तेजाब डाल दिया।
जानें क्या है पूरा मामला
यह घटना दो नवंबर की है। पीड़िता का पति जुए में अपनी पत्नी को हार गया और फिर उसे दूसरे जुआरियों के साथ जाने को कहने लगा। इस पर पत्नी ने विरोध किया तो उसके पति ने उसके शरीर पर तेजाब डाल दिया। पीड़िता की मानें तो पहले भी उस पर तेजाब फेंका गया। पीड़िता ने बताया कि पति ने उसको घर में कैद कर रखा था।
साथ ही पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह बचती हुई अपनी ससुराल हसनगंज से जान बचाकर लोदीपुर थाना क्षेत्र के लिछो गांव भाग गई और सारी दास्तान अपने मायके पक्ष को सुनाई।
पीड़िता की मानें तो शादी के दस साल के बाद भी वह मां नहीं बन पाई है। इसलिए उसके जालिम पति ने उसको इतनी खौफनाक सजा दी है। सजा के तौर पर उसके प्राइवेट पार्ट में तेजाब डाल दिया। हालांकि उसका मायागंज में इलाज भी चला, लेकिन ससुराल वालों के डर से वह पुलिस तक नहीं पहुंच सकी।