Bihar Election Result: राघोपुर से तेजस्वी 3500 वोटों से आगे, श्रेयसी सिंह जमुई से जीतीं; चर्चित सीटों का हाल
Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरण के मतदान संपन्न होने के बाद आज मतगणना हो रही है। शुरुआती रुझानों में एक बार फिर एनडीए महागठबंधन से आगे निकलते दिख रही है। यहां हम आपको बिहार की 22 चर्चित सीटों के बारे में बताएंगे जहां कौन आगे है और कौन पीछे है।
विस्तार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आज घोषित हो रहे हैं। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू है। इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राघोपुर से तेजस्वी यादव, तारापुर से सम्राट चौधरी, महुआ से तेज प्रताप यादव और लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा जैसी सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हैं। इस बार मुकाबला सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा है। एग्जिट पोल ने इस बार रोमांच बढ़ा दिया था, लेकिन असली तस्वीर आज मतगणना से साफ होगी।
| क्रम संख्या | विधानसभा क्षेत्र | प्रत्याशी का नाम | पार्टी | रुझान |
|---|---|---|---|---|
| 1 | राघोपुर | तेजस्वी यादव | राजद | आगे |
| 2 | तारापुर | सम्राट चौधरी | भाजपा | आगे |
| 3 | लखीसराय | विजय कुमार सिन्हा | भाजपा | आगे |
| 4 | मोकामा | अनंत सिंह | जदयू | आगे |
| 5 | महुआ | तेज प्रताप यादव | जनशक्ति जनता दल | पीछे |
| 6 | जाले | जीवेश कुमार मिश्रा | भाजपा | आगे |
| 7 | अलीनगर | मैथिली ठाकुर | भाजपा | आगे |
| 8 | सरायरंजन | विजय कुमार चौधरी | जदयू | आगे |
| 9 | रघुनाथपुर | ओसामा शहाब | राजद | आगे |
| 10 | सीवान | मंगल पांडेय | भाजपा | आगे |
| 11 | छपरा | खेसारी लाल यादव | राजद | पीछे |
| 12 | गरखा | सीमांत मृणाल | एलजेपी (आर) | पीछे |
| 13 | दानापुर | रामकृपाल यादव | भाजपा | आगे |
| 14 | जोकीहाट | शाहनवाज आलम | राजद | पीछे |
| 15 | कटिहार | तारकिशोर प्रसाद | भाजपा | आगे |
| 16 | सुपौल | विजेंद्र प्रसाद यादव | जदयू | आगे |
| 17 | झंझारपुर | नीतीश मिश्रा | भाजपा | आगे |
| 18 | कुटुंबा | राजेश कुमार | कांग्रेस | पीछे |
| 19 | अमौर | सबा जफर | जदयू | पीछे |
| 20 | रुपौली | बीमा भारती | राजद | पीछे |
| 21 | नबीनगर | चेतन आनंद | जदयू | पीछे |
| 22 | जमुई | श्रेयसी सिंह | भाजपा | जीतीं |
राघोपुर विधानसभा
राघोपुर विधानसभा से पूर्व डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राजद से उम्मीदवार हैं। महागठबंधन ने इस बार तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। तेजस्वी ने अपने चुनावी करियर की शुरुआत इसी सीट से की थी। 2015 और 2020 में वह इस सीट से जीत चुके हैं। भाजपा ने यहां से पिछली बार के उम्मीदवार सतीश कुमार को टिकट दिया है। सतीश कुमार ने 2010 में जदयू के टिकट पर तेजस्वी यादव की मां और राजद की उम्मीदवार राबड़ी देवी को हराया था। जनसुराज ने चंचल कुमार को यहां मैदान में उतारा है। अब तक की गिनती में तेजस्वी इस सीट से आगे चल रहे हैं।
तारापुर विधानसभा
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस बार तारापुर से टिकट दिया गया है। इससे पहले वह परबत्ता सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। 2014 में वह राजद से अलग हो गए। 2020 में वह एमएलसी चुने गए। अब वह भाजपा के टिकट पर तारापुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला राजद के अरुण कुमार से है।
लखीसराय विधानसभा
लखीसराय से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार जीतने वाले विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर यहां से मैदान में हैं। बिहार के उपमुख्मंत्री सिन्हा फरवरी 2005 में हुए चुनाव में पहली बार लखीसराय से जीते थे। 2005 अक्तूबर में हुए चुनाव में उन्हें राजद के फुलेना सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2010 में उन्होंने अपनी सीट वापस ले ली। उनका मुकाबला कांग्रेस के अमरेष कुमार से है।
मोकामा विधानसभा
बाहुबली और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। मोकामा हुए हत्याकांड के बाद इस सीट की चर्चा पूरे देश में है। इस हत्याकांड का आरोप अनंत सिंह पर लगा है। उन्हें चुनाव प्रचार के बीच में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के हाथ में रही।
महुआ विधानसभा
लालू यादव के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव पांच साल बाद फिर अपनी बनाई पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। राजद ने यहां से मुकेश कुमार रौशन और जनसुराज से इंद्रजीत प्रधान को टिकट दिया है।
जाले विधानसभा
शहरी विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा की वजह से यह सीट चर्चा में है। उन्हें एक बार फिर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने ऋषि मिश्रा को मैदान में उतारा है।
अलीनगर विधानसभा
यह इस प्रमंडल की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। भाजपा ने यहां से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है। राजद ने यहां से विनोद मिश्रा को टिकट दिया है। जनसुराज ने यहां से बिप्लव कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है।
सरायरंजन विधानसभा
इस सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा मंत्री विजय चौधरी को ही टिकट मिला है। जदयू के विजय कुमार चौधरी को इस सीट पर लगातार तीन बार जीत मिली है। 2010 से लगातार वह इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। इससे पहले इस सीट पर कोई उम्मीदवार लगातार तीन बार नहीं जीता था। वह नीतीश कैबिनेट में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। राजद ने अरबिंद कुमार साहनी और जनसुराज ने साजन कुमार मिश्रा को टिकट दिया है।
रघुनाथपुर विधानसभा
सीवान जिले की इस सीट पर राजद ने बाहुबली शाहबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है। जदयू ने यहां से विकास कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं जनसुराज की तरफ से राहुल कीर्ति मैदान में हैं। पिछले दो चुनावों से यहां राजद ने जीत दर्ज की है। दोनों बार यहां से राजद के हरिशंकर यादव को जीत मिली थी। पार्टी ने इस बार उनकी जगह ओसामा शहाब को टिकट दिया है।
सीवान विधानसभा
सीवान से भाजपा के मंगल पांडेय के सामने राष्ट्रीय जनता दल ने अवध बिहारी चौधरी को उतारा है। अवध बिहारी चौधरी महागठबंधन सरकार के समय विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे। यहां जन सुराज ने भाजपा को राहत दी है। राजद-कांग्रेस के कोर वोट बैंक मुस्लिम धर्म के शेख वर्ग से बिजनेसमैन इंतक़ाब अहमद को उतारा गया है।
छपरा विधानसभा
मशहूर भोजपुरी गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव की वजह से सारण जिले की छपरा सीट चर्चा में है। इस सीट से राजद ने महागठबंन की ओर से शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव को मैदान में उतारा है। खेसारी लाल के खिलाफ भाजपा ने छोटी कुमारी और जनसुराज ने जयप्रकाश सिंह को टिकट दिया है। इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं।
गरखा विधानसभा
लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान के भांजे सीमांत मृणाल यहां से लोजपा (आर) के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हार मिली थी। इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा ने यह सीट लोजपा के लिए छोड़ दी। राजद ने यहां से मौजूदा विधायक सुरेंद्र राम को ही टिकट दिया है। जनसुराज ने मनोहर कुमार राम को उम्मीदवार बनाया है।
दानापुर विधानसभा
यहां से भाजपा ने पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को टिकट दिया है। रामकृपाल 2024 के लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र सीट हार गए थे। उन्हें लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने शिकस्त दी थी। रामकृपाल यादव के सामने राजद ने रीत लाल राय को उतारा है। रीत लाल 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे।
जोकीहाट विधानसभा
जोकीहाट विधानसभा चुनाव में दो भाइयों के बीच विरासत की लड़ाई है। दोनों ही अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है, और कौन इस चुनावी जंग में विजयी होता है।
कटिहार विधानसभा
कटिहार सदर विधान सभा क्षेत्र पिछले चार चुनावों से भाजपा का गढ़ रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद लगातार चार बार से यहां से विधायक हैं। किंतु इस बार लड़ाई भाजपा के लिए प्रतिष्ठा और गढ़ बचाने की हो गई है। यहां का मुकाबला केवल दो दलों के बीच का का नहीं, बल्कि संबंधों, रणनीतियों और स्वाभिमान से भी जुड़ गया है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में इसे पुराने और नए चावल के बीच की लड़ाई भी बताया जा रहा है। कभी हमकदम-हमझोली रहा अपना ही खेमा आज आमने-सामने हैं। भाजपा के सामने वीआइपी से सौरभ कुमार अग्रवाल नाव लेकर चुनावी वैतरणी में हैं जो भाजपा एमएलसी अशोक अग्रवाल व नगर निगम मेयर उषा देवी अग्रवाल के पुत्र हैं।
सुपौल विधानसभा
सीमांचल और कोसी की राजनीति में सुपौल विधानसभा सीट का अपना अलग महत्व है। यह सीट न केवल जिले की सियासी दिशा तय करती है, बल्कि यहां से उठने वाली राजनीतिक लहरें प्रदेश की सत्ता तक असर डालती हैं। इस बार फिर मैदान में हैं जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, जिनकी राजनीतिक जड़ें गहरी हैं। उनके सामने हैं कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नतुल्लाह रहमानी, जो अपने दलीय गठबंधन के बीच जोश और नई उम्मीद का चेहरा बने हुए हैं। वहीं जनसुराज पार्टी से अनिल कुमार सिंह तीसरा कोण बनाने की पुरजोर कोशिश में हैं।
झंझारपुर विधानसभा
झंझारपुर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवार नीतीश मिश्रा बिना स्टार प्रचारकों के अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं। महागठबंधन के रामनारायण यादव 'माय' समीकरण पर निर्भर हैं, वहीं जनसुराज के केशव चन्द्र भंडारी युवाओं और पलायन रोकने के वादे के साथ मैदान में हैं। सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी हैं, जहाँ मतदाता विकास, रोजगार, या पलायन रोकने की प्रतिबद्धता पर अपना फैसला सुनाएंगे।
कुटुंबा विधानसभा
औरंगाबाद का कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र 2025 के चुनाव के लिए तैयार है। 2020 में कांग्रेस के राजेश राम ने हम के श्रवण भुइयां को हराया था। इस बार ललन राम (हम) और राजेश राम (कांग्रेस) के बीच मुकाबला है, जिसमें श्रवण भुइयां (आप) भी मैदान में हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। देखना यह है कि मतदाता किसे चुनते हैं।
अमौर विधानसभा
पूर्णिया जिले की इस मुस्लिम बाहुल सीट पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला है। यहां पर जातिगत समीकरण के साथ विकास के मुद्दे भी निर्णायक साबित हो सकते हैं। बता दें कि पूर्णिया जिले की अमौर विधानसभा सीट से तीन प्रमुख मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
रूपौली विधानसभा
रूपौली का राजनीतिक इतिहास दो दशक से अधिक समय से दो प्रमुख चेहरों बीमा भारती और शंकर सिंह के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। बीमा भारती ने 2000 से अब तक 5 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें निर्दलीय, राजद और जद(यू) जैसे दलों से जीत शामिल है। इस बार फिर बीमा भारती मैदान में हैं।
नबीनगर विधानसभा
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के विजय सिंह ने जेडीयू के वीरेंद्र सिंह को हराया था, जबकि रालोसपा से लड़े धर्मेंद्र कुमार करीब 23 हजार वोट लाकर तीसरे नंबर पर रहे थे। नबीनगर विधानसभा सीट पर राजपूत जाति के अलावा यादव और रविदास वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
जमुई विधानसभा
भोला मांझी, त्रिपुरारी प्रसाद सिंह, नरदेव भगत, सुशील कुमार सिंह, अर्जुन मंडल, नरेंद्र सिंह और अभय सिंह की कर्मभूमि में इस बार भी लड़ाई रोचक है। यहां कमल के निशान पर श्रेयसी सिंह को फिर उम्मीदवार बनाया गया है। लालटेन के निशान पर शमशाद आलम उन्हें सीधी टक्कर देंगे, लेकिन जनसुराज और निर्दलीय अमरेंद्र कुमार तीसरा कोण बनाने में लगे हैं