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Bihar News : उपेंद्र कुशवाहा ने RTI से मिली अधूरी जानकारी पर ट्रोलर्स को दिया जवाब; पेंशन को लेकर कही यह बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: आदित्य आनंद Updated Tue, 09 Dec 2025 05:15 PM IST
सार

Upendra Kushwaha: बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार कारण उनका अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करना है। उनका स्पष्ट कहा है कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप गलत है। मैं इन दो जगहों से पेंशन नहीं ले रहा हूं।

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Bihar News: Upendra Kushwaha responds to trolls about incomplete RTI information; speaks about pension
उपेंद्र कुशवाहा - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पूर्व विधायकों और विधान पार्षदों की पेंशन को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर अब सवाल उठने लगे हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ नेताओं पर पेंशन लेने का आरोप लगाया गया था। अब इस पर सियायत शुरू हो गई। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाया है। अब राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर गलत आरोप लगाया जा रहा है।  विधानसभा या विधान परिषद् से पेंशन उठाने के आरोपों को लेकर दस्तावेजों में संपूर्ण विवरण आरोप लगाने वालों ने उपलब्ध नहीं करवाया है।

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'पेंशन लेने का प्रश्न ही नहीं उठता'
सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि RTI के जवाब में दी गई सूची में केवल पेंशन शुरू होने की तारीख का उल्लेख है, लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई कि किस अवधि में कितनी राशि किसके द्वारा ली गई। उन्होंने कहा कि उनके बारे में जो खबरें चलाई जा रही हैं, वह पूरी तरह बेबुनियाद और तथ्यहीन हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने केवल उसी समय में पेंशन ली है, जब वह किसी सदन के सदस्य नहीं थे। सदन के सदस्य रहते हुए उन्होंने सिर्फ वेतन लिया है, पेंशन लेने का प्रश्न ही नहीं उठता।
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किसी को विश्वास नहीं है तो वह जांच करवा लें
सांसद ने बताया कि वर्तमान में वह राज्यसभा के सदस्य हैं और राज्यसभा से ही वेतन प्राप्त कर रहे हैं। विधानसभा या विधान परिषद की पेंशन वह नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियम बिल्कुल स्पष्ट है कि किसी भी व्यक्ति को एक साथ किसी सदन का वेतन और किसी अन्य सदन से पेंशन लेने की अनुमति नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा ने दावा कि मैं इस नियम का शत-प्रतिशत पालन कर रहा हूं। सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित भ्रामक खबरें न केवल गलतफहमी फैलाती हैं, बल्कि तथ्यों को विकृत रूप में सामने लाती हैं। इन पर ध्यान न दें। अगर फिर भी किसी को विश्वास नहीं है तो वह जांच करवा लें। 

सांसद देवेश चंद्र ठाकुर को सिर्फ 6 महीने मिली थी पेंशन
सचिवालय कोषागार से प्राप्त जानकारी के आधार पर इस मामले पर सांसद का पक्ष रखते हुए उनके पटना स्थित कार्यालय ने कई दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं, जिसमें बताया गया है कि सांसद देवेश चंद्र ठाकुर को विधान परिषद के पूर्व सदस्य के रूप में 7 मई, 2020 से 16 नवंबर, 2020 के बीच की अवधि की पेंशन मिली थी। इस अवधि में वे परिषद के सदस्य नहीं थे। इसके बाद वे परिषद के सदस्य बन गये थे, तब पेंशन भुगतान बंद हो गया था। सांसद देवेश चंद ठाकुर के पटना कार्यालय ने कोषागार से प्राप्त दस्तावेज और बैंक विवरण की कापी उपलब्ध कराते हुए बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दी गयी जानकारी सही नहीं है। वरीय कोषागार पदाधिकारी, सचिवालय कोषागार की ओर से दी गयी सूचना में पीपीओ, लाभुकों का नाम, मिलने वाली राशि और पेंशन मिलने की तिथि की पूरी जानकारी दी गयी है। 
 

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