लोजपा सांसद चिराग पासवान शनिवार को दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर चिराग पासवान ने कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए बेताब थे, उन्हें वह अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की 'बरसी' (पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम) में आमंत्रित करना चाहते थे, लेकिन मौका नहीं मिला। चिराग ने मीडिया और जनता के जरिए सीएम नीतीश कुमार को बरसी में आने का न्योता दिया।
चिराग पासवान ने कहा कि 'सीएम नीतीश कुमार को हम आप लोग (मीडिया और जनता) के जरिए रविवार के बरसी कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण देते हैं। हम यह चाहते हैं कि रामविलास पासवान जी उनके भी मित्र थे और वह श्रद्धांजलि सभा में शामिल हों। भले ही वह मुझसे नहीं मिलें और मुझे आशीर्वाद नहीं दें, लेकिन रामविलास पासवान जी को श्रद्धांजलि जरूर दें।'
चिराग ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्ते को खत्म कर दिया था, जब उन्होंने जद (यू) नेता को हराने के लिए राजग से हाथ खींच लिया था, और नीतीश के खिलाफ उन्होंने अपने दिवंगत पिता के साथ 'दुर्व्यवहार सहित कई आरोप लगाए थे।
चिराग पासवान ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध किया। उनके के सात निश्चय कार्यक्रम का विरोध किया हूं क्योंकि नीतीश कुमार इतने सालों से सत्ता में हैं, तो सात निश्चत कार्यक्रम तो पहले पूरा हो जाना चाहिए था।
पटना में आयोजित होगा कार्यक्रम
रविवार को पटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि वह चाचा पशुपति कुमार पारस के रविवार के समारोह में शामिल होने का इंतजार करेंगे। चिराग ने अपने चाचा के बारे में कहा, 'हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मेरे पिता की मृत्यु के बाद, वह परिवार में मेरे अभिभावक हैं।'
बरसी में शामिल होने के लिए चिराग पासवान के चाचा व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी हामी भर दी है। लोजपा में टूट के बाद पहली बार चिराग और पारस एक साथ दिखेंगे।
बता दें कि चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद और कई अन्य नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह एवं रामविलास पासवान की राज्य में आदम कद प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
तेजस्वी ने लिखा कि स्व. डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह एवं स्व. रामविलास पासवान दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ-साथ प्रखर समाजवादी नेता थे। दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की। दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे हैं जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे।
तेजस्वी ने पत्र में कहा, निधन से कुछ दिन पूर्व डॉ रघुवंश बाबू ने आपको संबोधित पत्र के माध्यम से अपनी कुछ मांगे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी। मुझे विश्वास है कि आप उन मांगों को पूर्ण करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे होंगे। रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओं को सम्मान देते हुए उन्हें पूरा करना ही उनके प्रति हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसी प्रकार स्व. रामविलास पासवान जी सामाजिक न्याय, समतावादी विकास और समाजवाद के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन वंचितों उपेक्षितों के सामाजिक उत्थान, संघर्ष, रक्षा एवं विकास के लिए समर्पित किया। वो बिहार के विकास के लिए सदैव संघर्षरत रहे।
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लोजपा सांसद चिराग पासवान शनिवार को दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर चिराग पासवान ने कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए बेताब थे, उन्हें वह अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान की 'बरसी' (पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम) में आमंत्रित करना चाहते थे, लेकिन मौका नहीं मिला। चिराग ने मीडिया और जनता के जरिए सीएम नीतीश कुमार को बरसी में आने का न्योता दिया।
चिराग पासवान ने कहा कि 'सीएम नीतीश कुमार को हम आप लोग (मीडिया और जनता) के जरिए रविवार के बरसी कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण देते हैं। हम यह चाहते हैं कि रामविलास पासवान जी उनके भी मित्र थे और वह श्रद्धांजलि सभा में शामिल हों। भले ही वह मुझसे नहीं मिलें और मुझे आशीर्वाद नहीं दें, लेकिन रामविलास पासवान जी को श्रद्धांजलि जरूर दें।'
चिराग ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्ते को खत्म कर दिया था, जब उन्होंने जद (यू) नेता को हराने के लिए राजग से हाथ खींच लिया था, और नीतीश के खिलाफ उन्होंने अपने दिवंगत पिता के साथ 'दुर्व्यवहार सहित कई आरोप लगाए थे।
चिराग पासवान ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध किया। उनके के सात निश्चय कार्यक्रम का विरोध किया हूं क्योंकि नीतीश कुमार इतने सालों से सत्ता में हैं, तो सात निश्चत कार्यक्रम तो पहले पूरा हो जाना चाहिए था।
पटना में आयोजित होगा कार्यक्रम
रविवार को पटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि वह चाचा पशुपति कुमार पारस के रविवार के समारोह में शामिल होने का इंतजार करेंगे। चिराग ने अपने चाचा के बारे में कहा, 'हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मेरे पिता की मृत्यु के बाद, वह परिवार में मेरे अभिभावक हैं।'
बरसी में शामिल होने के लिए चिराग पासवान के चाचा व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी हामी भर दी है। लोजपा में टूट के बाद पहली बार चिराग और पारस एक साथ दिखेंगे।
बता दें कि चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद और कई अन्य नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।