Masayoshi Son: 'एनवीडिया में हिस्सेदारी बेच रोना आया', 5.83 अरब डॉलर का दर्द साझा कर बोले सॉफ्ट बैंक के सीईओ
Masayoshi Son: सॉफ्टबैंक ने नवंबर में खुलासा किया था कि उसने एनवीडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है, इसकी कीमत उस समय 5.83 बिलियन डॉलर थी। सोमवार (2 दिसंबर) को अपनी बात रखते हुए सोन ने साफ किया कि यह निर्णय बाजार के डर से नहीं, बल्कि मजबूरी और भविष्य की महत्वकांक्षाओं को देखते हुए लिया गया। सोन ने इस बारे में और क्या कहा, आइए विस्तार से जानिए।
विस्तार
सॉफ्टबैंक समूह के विजनरी सीईओ मासायोशी सोन ने सोमवार को एक चौंकाने वाला और भावनात्मक खुलासा किया। दिग्गज निवेश कंपनी के मुखिया ने स्वीकार किया कि दुनिया की सबसे मूल्यवान चिप निर्माता कंपनी, एनवीडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचना उनके लिए किसी दर्द से कम नहीं था। टोक्यो में एफआईआई (FII) प्रायोरिटी एशिया फोरम के मंच से सोन ने बताया कि जब उन्होंने एनवीडिया के शेयर बेचे, तो उन्हें रोना आ गया था। सोन की यह स्वीकारोक्ति केवल उनके निवेश से जुड़ी बात नहीं है, बल्कि एआई (AI) की दुनिया में प्रभुत्व जमाने के लिए सॉफ्टबैंक की आक्रामक रणनीति का प्रमाण भी है। सोन ने कहा, "मैं एक भी शेयर नहीं बेचना चाहता था।"
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सॉफ्टबैंक ने नवंबर में खुलासा किया था कि उसने एनवीडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। एनवीडिया में कंपनी की हिस्सेदारी की कुल कीमत बेचे जाने के समय पर 5.83 अरब डॉलर थी। सोमवार (2 दिसंबर) को अपनी बात रखते हुए सोन ने साफ किया कि यह निर्णय बाजार के डर से नहीं, बल्कि मजबूरी और भविष्य की महत्वकांक्षाओं को देखते हुए लिया गया। सोन ने कहा, "मैं एक भी शेयर नहीं बेचना चाहता था। मैं एनवीडिया के शेयर बेचने के लिए बेचैन था, लेकिन मुझे बस ओपनएआई और अन्य परियोजनाओं में निवेश करने के लिए पैसों की तत्काल और ज्यादा जरूरत थी।"
यह बिक्री सॉफ्टबैंक के लिए एआई क्षेत्र में नए और बड़े दांव लगाने के लिए 'ईंधन' बनी। इस पूंजी का उपयोग ओपनएआई में बड़ी प्रतिबद्धता, हॉन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी (फॉक्सकॉन) के साथ 'स्टारगेट' डेटा सेंटर के निर्माण और अमेरिकी चिप डिजाइनर एम्पीयर कंप्यूटिंग के अधिग्रहण जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए किया गया
सोन ने आलोचकों को दिया करारा जवाब, बोले- एआई कोई बुलबुला नहीं
बाजार में चल रही एआई निवेश को 'बुलबुला' बताने की अटकलों को भी 68 वर्षीय जापानी दिग्गज ने सिरे से खारिज कर दिया। अपने चिर-परिचित बेबाक अंदाज में सोन ने कहा, "जो लोग एआई निवेश के इर्द-गिर्द बुलबुले की बात करते हैं, वे उतने समझदार नहीं हैं।"
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सोन ने तर्क दिया कि यदि एआई लंबी अवधि में वैश्विक जीडीपी का 10% भी हासिल कर लेता है, तो वर्तमान में किया जा रहा खरबों डॉलर का खर्च पूरी तरह से उचित साबित होगा। तो 'बुलबुला कहां है?' उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा।
सोन ने एनवीडिया सीईओ के साथ भी स्टेज पर किया था रोने का मजाक
पिछले साल एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने एक सार्वजनिक मंच पर सोन के साथ एक हल्का-फुल्का मजाक किया था। पिछले साल नवंबर में जापान यात्रा के दौरान, हुआंग ने याद दिलाया था कि एक समय मासायोशी सोन एनवीडिया के सबसे बड़े शेयरधारक थे। उस पल को याद करते हुए हुआंग ने कहा था, "मासा दुनिया के एकमात्र उद्यमी हैं, जिन्होंने हर पीढ़ी में विनर्स को चुना है... लेकिन शायद आप लोग नहीं जानते, एक समय मासा हमारे सबसे बड़े शेयरधारक थे।"
इस टिप्पणी पर सोन ने हुआंग के कंधे पर सिर रखकर रोने का अभिनय किया था, जो उनकी ओर से छोड़े गए भारी रिटर्न के मलाल को दर्शाता था। हुआंग ने तब सहानुभूति और हास्य के मिश्रण के साथ जवाब दिया था, "कोई बात नहीं। हम रो सकते हैं। हम साथ में रो सकते हैं। क्या तुम सोच सकते हो? आज आप सबसे बड़े शेयरधारक होते। हे भगवान।"