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Anil Ambani: अनिल अंबानी को ईडी का नया समन; वर्चुअली पेश होने की पेशकश खारिज, सोमवार को पेश होने के निर्देश

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Fri, 14 Nov 2025 10:51 AM IST
सार

Anil Ambani: प्रवर्तन निदेशालय ने उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी जांच में अपना रुख कड़ा कर दिया है। ईडी ने अनिल अंबानी को फेमा के तहत एक नया समन जारी किया है। नए समन में क्या कहा गया है, आइए जानते हैं विस्तार से।

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Anil Ambani Offers to Appear Virtually Before ED in FEMA Case
अनिल अंबानी पर सीबीआई पर शिकंजा - फोटो : ANI
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विस्तार
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प्रवर्तन निदेशालय ने उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी जांच में अपना रुख कड़ा कर दिया है। ईडी ने अनिल अंबानी को फेमा के तहत एक नया समन जारी किया है। एजेंसी ने वर्चुअल बयान दर्ज करवाने के उनके अनुरोध को खारिज करते हुए उन्हें अगले सोमवार को पेश होने के लिए कहा है।

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इससे पहले रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने शुक्रवार को फेमा के तहत जारी समन के बाद प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष आभासी तरीके से (वर्चुअली)  पेश होने की पेशकश की। 66 वर्षीय व्यवसायी अनिल अंबानी के प्रवक्ता की ओर से जारी एक बयान में यह बात कही गई है। अनिल अंबानी ने जांच एजेंसी को पत्र लिखकर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत की जा रही जांच में 'पूर्ण सहयोग' का आश्वासन दिया है।

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क्या है पूरा मामला यहां जानिए?

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने अंबानी को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फेमा के तहत अपना बयान दर्ज कराने को कहा था। यह जांच जयपुर-रींगस राजमार्ग परियोजना से संबंधित है। ईडी को संदेह है कि हवाला के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि विदेश भेजी गई।


ईडी ने कुछ कथित हवाला डीलरों सहित विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं, जिसके बाद उन्होंने अंबानी को तलब करने का फैसला किया है। हवाला से तात्पर्य धन के अवैध आवागमन से है, जो मुख्यतः नकदी में होता है। व्यवसायी से ईडी द्वारा एक बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की जा चुकी है। यह उनके समूह की कंपनियों के खिलाफ कथित तौर पर 17,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है।

रिलायंस ने अपने बयान में क्या कहा?

बयान में कहा गया है, "यह मामला (फेमा मामला) 15 वर्ष पुराना है, 2010 का है और एक सड़क की ठेकेदारी से जुड़ा हुआ है।" 2010 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को जेआर टोल रोड (जयपुर-रींगस राजमार्ग) के निर्माण के लिए ईपीसी अनुबंध दिया गया था। यह पूर्णतः घरेलू अनुबंध था, इसमें किसी भी प्रकार से विदेशी मुद्रा घटकों को शामिल नहीं किया गया।

बयान के अनुसार, "जेआर टोल रोड पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है और 2021 से यह पिछले चार वर्षों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास है।" अंबानी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। बयान में कहा गया है, "उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया और कंपनी के दैनिक प्रबंधन में कभी शामिल नहीं रहे।"

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