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Bank of Maharashtra: बैंक ऑफ महाराष्ट्र का ओएफएस खुला, सरकार छह प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचेगी

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Tue, 02 Dec 2025 01:59 PM IST
सार

Bank of Maharashtra: बैंक ऑफ महाराष्ट्र का बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) मंगलवार को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए 54 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर खुल गया। सरकार को न्यूनतम मूल्य पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में अपनी छह प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 2,492 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

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Bank of Maharashtra OFS opens, govt to offload up to 6pc stake
बैंक ऑफ महाराष्ट्र, Bank Of Maharashtra - फोटो : एएनआई
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र का बिक्री प्रस्ताव (ओएफएस) मंगलवार को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए 54 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर खुल गया। सरकार को न्यूनतम मूल्य पर सार्वजनि क्षेत्र के बैंक में अपनी छह प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर लगभग 2,492 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। शेयर बिक्री के विवरण-पत्र के अनुसार, ओएफएस बुधवार को खुदरा निवेशकों के लिए खुलेगा। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ओएफएस के लिए न्यूनतम मूल्य 54 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया है। यह बीएसई पर बैंक के शेयरों के सोमवार के बंद भाव 57.66 रुपये प्रति शेयर से 6.34 प्रतिशत कम है। 

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आधार प्रस्ताव में 38,45,77,748 शेयर शामिल हैं, जो बैंक की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 5 प्रतिशत है, इसके अलावे 7,69,15,549 शेयर या 1 प्रतिशत हिस्सेदारी ग्रीन-शू विकल्प के तहत उपलब्ध है। इस कारण पुणे स्थित ऋणदाता में सरकार की कुल  कुल 46.14 करोड़ शेयर या 6 प्रतिशत की हिस्सेदारी हो जाती है। वर्तमान में सरकार के पास पुणे स्थित इस बैंक में 79.60 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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ओएफएस के बाद हिस्सेदारी कम करने से बैंक 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड को पूरा करने में सक्षम हो जाएगा। सरकारी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से कम हो जाएगी। यह ओएफएस भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड की ओर से जारी प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) नियमों के तहत है। इसके अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र सहित सभी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता होनी चाहिए।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सीपीएसई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को अगस्त 2026 तक रियायत दी है। अन्य चार ऋणदाता जिनमें सरकार की हिस्सेदारी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता सीमा से अधिक है, वे हैं इंडियन ओवरसीज बैंक (94.6 प्रतिशत), पंजाब एंड सिंध बैंक (93.9 प्रतिशत), यूको बैंक (91 प्रतिशत) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (89.3 प्रतिशत)।

महाराष्ट्र 2026 में ऊर्जा यूटिलिटीज को सूचीबद्ध करेगा: फडणवीस

महाराष्ट्र सरकार अपने स्वामित्त वाली ऊर्जा कंपनियों के लिए चरणबद्ध इक्विटी योजना पर विचार क रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली ऊर्जा यूटिलिटीज को 2026 में सूचीबद्ध किया जाएगा, इसकी शुरुआत ट्रांसमिशन कंपनी से होगी।

उन्होंने कहा कि संस्थाओं को अधिक कुशल और चुस्त बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू करना आवश्यक है। फडणवीस ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, "सरकारी संस्थाओं और निगमों के लिए सूचीबद्धता प्रक्रिया शुरू करने का यह सही समय है। हमने निर्णय लिया है कि हम निश्चित रूप से सबसे पहले बिजली पारेषण कंपनी को सूचीबद्ध करेंगे।"

बाद में उन्होंने बताया कि सरकार को उम्मीद है कि महाराष्ट्र राज्य विद्युत पारेषण कंपनी 2026 में सूचीबद्ध हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने बिना कोई समयसीमा बताए कहा कि पारेषण कंपनी की सूचीकरण के बाद दूसरे चरण में उत्पादन कंपनी की सूचीकरण किया जाएगा और अगले चरण में वितरण कंपनी की सूचीकरण किया जाएगा।

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