Consumption: देश में बढ़ती खपत का असर, भारत ने 2024-25 में आयात किए 1.6 करोड़ टन खाद्य तेल
देश में खाद्य तेल आयात 2024-25 बाजार वर्ष में 22 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये हुआ। पिछले 20 वर्षों (2004-05 से 2024-25) में आयात की मात्रा 2.2 गुना बढ़ गई है। वहीं आयात की लागत लगभग 15 गुना बढ़ गई है।
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खाद्य तेलों की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत ने 2024-25 विपणन वर्ष (अक्तूबर तक) में 1.6 करोड़ टन खाद्य तेलों का आयात किया, जिसकी कुल लागत 1.61 लाख करोड़ रुपये रही। यह जानकारी उद्योग संस्था सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) की ओर गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों से सामने आई है।
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भारत के खाद्य तेल की खपत में लगातार हो रही वृद्धि
वहीं, 2023-24 विपणन वर्ष (नवंबर-अक्तूबर) में भारत का खाद्य तेल आयात 15.96 मिलियन टन था, जिसकी कुल कीमत 1.32 लाख करोड़ रुपये रही। इस वृद्धि से साफ है कि भारत में खाद्य तेल की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है, जो आयात पर निर्भरता को बढ़ा रही है। वैश्विक स्तर पर ऊंची कीमतों के कारण मूल्य के संदर्भ में खाद्य तेल के आयात में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
पिछले 20 वर्षों में आयात की मात्रा 2.2 गुना बढ़ी
भारत पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात करता है, जबकि सोयाबीन तेल अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात करता है। एसोसिएशन ने कहा कि आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को पाटने के लिए भारत 1990 के दशक से आयात का सहारा ले रहा है। शुरुआती दौर में आयात की मात्रा बहुत कम थी। हालांकि, पिछले 20 वर्षों (2004-05 से 2024-25) में आयात की मात्रा 2.2 गुना बढ़ गई है। वहीं आयात की लागत लगभग 15 गुना बढ़ गई है।
क्या कहते हैं एसईए के आंकड़े?
इसमें कहा गया है कि 2024-25 में भारत को 160 लाख टन (16 मिलियन टन) खाद्य तेलों के आयात के लिए लगभग 1.61 लाख करोड़ रुपये (18.3 अरब डॉलर) खर्च करने होंगे। मात्रा के लिहाज से खाद्य तेलों का आयात 2022-23 में 16.47 मिलियन टन, 2021-22 में 14.03 मिलियन टन और 2020-21 विपणन वर्ष में 13.13 मिलियन टन रहा। तेल विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान, एसईए के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले वर्ष 19,31,254 टन की तुलना में 17,37,228 टन रिफाइंड तेलों का आयात किया गया था।
हालांकि, विपणन वर्ष 2023-24 में कच्चे खाद्य तेलों का आयात 140,31,317 टन से बढ़कर 142,73,520 टन हो गया। सोयाबीन तेल के आयात ने 2024-25 में 54.7 लाख टन का नया रिकॉर्ड बनाया, जो 2015-16 के 42.3 लाख टन के पिछले उच्चतम स्तर को पार कर गया। एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल का आयात 90 लाख टन से तेज़ी से घटकर 75.8 लाख टन रह गया।