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GDP: 2031 तक सालाना 6.7% की दर से बढ़ेगी जीडीपी, एसएंडपी ने कहा- वैश्विक सुस्ती और ब्याज दरों का नहीं होगा असर

एजेंसी, नई दिल्ली/मुंबई Published by: गुलाम अहमद Updated Thu, 17 Aug 2023 05:49 AM IST
सार

एसएंडपी ने कहा, चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 6 प्रतिशत रह सकती है। यही नहीं, जी20 (20 देशों के समूह) में भी भारत की जीडीपी सबसे तेज बढ़ेगी। 

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India GDP to grow at 6.7 percent till 2031 no impact of Global slowdown and interest rates S-P Global
S&P Global - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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भारतीय अर्थव्यवस्था 2031 तक सालाना औसतन 6.7% की दर से बढ़ेगी। विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात, ग्राहकों की मांग और निकट समय में चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि दर जारी रहेगी। एसएंडपी ने कहा, ब्याज दरों के बढ़ने और वैश्विक धीमापन का बहुत असर अर्थव्यवस्था की तेजी पर नहीं दिखेगा।

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स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा, चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 6 प्रतिशत रह सकती है। यही नहीं, जी20 (20 देशों के समूह) में भी भारत की जीडीपी सबसे तेज बढ़ेगी। पिछले माह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष  ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को 0.2% बढ़ाकर 6.1% कर दिया था। आरबीआई ने 6.5% का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2031 तक बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2023 में 3.4 लाख करोड़ डॉलर है। इसका मतलब प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर करीब 3.75 लाख रुपये हो जाएगी। यदि ऐसा होता है तो भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
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विनिर्माण क्षेत्र में नए अवसर उभरने की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण की ओर बढ़ते वैश्विक रुझान से नए अवसर उभरने की उम्मीद है, क्योंकि निर्माताओं को प्रोत्साहन के साथ बुनियादी ढांचे में सुधार हो रहा है। कर सुधारों से दक्षता लाभ, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे के लिए राज्य समर्थन और सरकारी सब्सिडी हस्तांतरण से रिसाव को कम करने से भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे चलकर लाभ होगा।

शहरी गरीब महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित: क्रिसिल
जुलाई में फुटकर महंगाई के 15 महीने की ऊंचाई पर पहुंचने से शहरी गरीब सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। क्रिसिल ने कहा, शहरी क्षेत्रों में उच्च आय वर्ग को सबसे कम महंगाई के बोझ का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके खर्च में भोजन का हिस्सा कम था। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे गरीब वर्ग को अधिक महंगाई के बोझ का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे खाने पर निर्भर हैं और जुलाई में खाद्य महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है।

क्रिसिल ने कहा, इसमें 20 प्रतिशत कम आय वाले, 60 प्रतिशत मध्य आय वाले और 20 प्रतिशत ऊंची आय वालों को शामिल किया गया है। कम आय वालों में शहरों में कमाने वालों के लिए जुलाई में महंगाई 8.5 फीसदी रही जबकि गांवों में यह 7.9 फीसदी रही। जून में यह 4.9 और 4.7 फीसदी रही थी।

India GDP growth
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