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भारतीय अर्थव्यवस्था: दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेगी, चालू वित्त वर्ष में 4.4 फीसदी रह सकती है वैश्विक वृद्धि दर 

अजीत सिंह, मुंबई। Published by: देव कश्यप Updated Tue, 19 Apr 2022 06:33 AM IST
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Indian economy will grow at the fastest pace in the world Global Growth Rate may remain at 4.4 percent in the current Financial Year
भारतीय अर्थव्यवस्था (सांकेतिक तस्वीर)। - फोटो : सोशल मीडिया
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भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले दो वर्षों तक दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने का अनुमान है। 2022-23 में यह नौ फीसदी और 2023-24 में 7.1 फीसदी दर से आगे बढ़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष  (आईएमएफ) ने वैश्विक जीडीपी की वृद्धि अनुमान पर कहा, वैश्विक विकास दर 2022-23 में 4.4 फीसदी और 2023-24 में 3.8 फीसदी रह सकती है।

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विकसित देशों की वृद्धि दर 3.9 फीसदी और 2.6 फीसदी रह सकती है। उभरते और विकासशील देशों की विकास दर 4.8 फीसदी  और 4.7 फीसदी रह सकती है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था चार फीसदी और 2.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है। यूरो जोन की वृद्धि दर 3.9 और 2.5 फीसदी रहने का अनुमान है। 
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वृद्धि दर

  • 2022-23  में 9.0 फीसदी रह सकती है वृद्धि दर
  • 2023-24 में 7.1 फीसदी रह सकती है वृद्धि दर


2022-23 का अनुमान

संस्थान पहले अब
विश्व बैंक 8.7 8.0
रिजर्व बैंक 7.8 7.2
सिटी ग्रुप 8.3 8.0
मोर्गन स्टेनली 8.4 7.9
फिच रेटिंग 10.3 8.5

यूक्रेन युद्ध का विकास दर पर पड़ेगा असर
एशियन डेवलपमेंट बैंक का अनुमान है कि 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी और 2023-24 में 8 फीसदी रह सकती है। इस दौरान चीन की विकास दर पांच फीसदी और 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, 2022-23 में भारत की विकास दर में और तेजी आ सकती थी। लेकिन, रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से इस पर थोड़ा असर पड़ने की आशंका है। 

भारत चुनौतियों से लड़ने में सक्षम : आरबीआई
वैश्विक स्तर पर जारी संकट को लेकर भारत के समक्ष चुनौतियां हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर टीकाकरण, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती और बेहतर निर्यात के साथ इन चुनौतियों का अच्छे से सामना कर रहा है। आरबीआई ने एक लेख में कहा है कि भारत ने कोरोना की तीसरी लहर से पार पाते हुए नए संवत में कदम रखा। कई क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां तेजी में हैं। इसके अनुसार आनेवाले समय में वृद्धि को लंबे समय तक उच्च स्तर पर बनाए रखने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण होगा। लेख के अनुसार, व्यापार और चालू खाते के बढ़ते घाटे के साथ विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी से बाहरी स्तर का जोखिम भी बना हुआ है। 

बैंक तेजी से लागू कर रहे हैं मौद्रिक नीति की घोषणाएं
मौद्रिक नीति घोषणाओं को बैंक तेजी से लागू कर रहे हैं। अक्तूबर, 2019 में बाह्य मानक संबद्ध ऋण दर (ईबीएलआर) व्यवस्था अपनाने के बाद खासतौर पर इसमें तेजी आई है। आंतरिक बेंचमार्क आधारित उधारी दर की व्यवस्थाओं को कई मुद्दों का सामना करना पड़ा था। इसमें एमसीएलआर मामले भी थे।

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