Vijay Mallya: माल्या ने वसूली के आंकड़े पर उठाए सवाल, कहा- रिटायर्ड जज करें सरकार और बैंकों के दावों की जांच
भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने आरोप लगाया है कि सरकार और बैंक संसद और जनता के सामने लगातार गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वसूली गई राशि के लिए कोई खाता विवरण या जमा नहीं है। माल्या ने तर्क दिया कि वास्तविक आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक स्वतंत्र जांच की जरूरत है। आइए विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से उनके खिलाफ की गई वसूली को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति की मांग की है।
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माल्या ने लगाए गंभीर आरोप
माल्या ने आरोप लगाया कि सरकार और बैंक संसद और जनता के सामने लगातार गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि कब तक भारत सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मुझे और जनता को धोखा देते रहेंगे? वित्त मंत्री संसद में कहते हैं कि मुझसे 14,100 करोड़ रुपये वसूले गए। बैंक कहते हैं कि 10,000 करोड़ रुपये वसूले गए। 4,000 करोड़ रुपये के अंतर का क्या?
How long will the GOI and PSU Banks hoodwink me and the public. Finance Minister says to Parliament that Rs 14,100 crores recovered from me. Banks say Rs 10,000 crores recovered. What about the difference of Rs 4,000 crores ? Now, MOS tells Parliament that I still owe Rs 10,000…
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) December 1, 2025
आंकड़ों की पुष्टि करने के लिए स्वतंत्र जांच की जरूत
उन्होंने आगे बताया कि राज्य मंत्री ने अब संसद को बताया है कि उन पर अभी भी 10,000 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि बैंकों का दावा है कि उन पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। उन्होंने कहा कि वसूली गई राशि के लिए कोई खाता विवरण या जमा नहीं है। इन आंकड़ों पर स्पष्टता की आवश्यकता है। माल्या ने तर्क दिया कि वास्तविक आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक स्वतंत्र जांच की जरूरत है।
माल्या ने कहा कि जांच और सच्चाई का पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को क्यों न नियुक्त किया जाए, खासकर जब मेरा न्याय ऋण 6,203 करोड़ रुपये का है। यह मेरे लिए एक दयनीय स्थिति है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में क्या जानकारी दी?
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि 31 अक्तूबर, 2025 तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (एफईओए) के तहत कुल 15 व्यक्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया गया है। यह जानकारी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा सदस्य और दौसा से कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा द्वारा उठाए गए एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में साझा की गई।
चौधरी ने कहा कि इन 15 अपराधियों में से नौ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल हैं। इस सूची में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि इन 15 एफईओ ने सामूहिक रूप से 31 अक्तूबर, 2025 तक बैंकों को 26,645 करोड़ रुपये का मूल वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा, एनपीए बनने की तारीख से 31 अक्तूबर, 2025 तक इन ऋणों पर अर्जित ब्याज 31,437 करोड़ रुपये है। चौधरी ने सदन को बताया कि 31 अक्तूबर 2025 तक इन अपराधियों से 19,187 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं।
घोषित भगोड़े आर्थिक अपराधियों के नाम हैं: विजय माल्या, नीरव मोदी, नितिन जे संदेसरा, चेतन जे संदेसरा, दीप्ति सी संदेसरा, सुदर्शन वेंकटरमण, रामानुजम शेषरत्नम, पुष्पेश कुमार बैद और हितेश कुमार नरेंद्रभाई पटेल। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ऐसी कोई नीति बना रही है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे अपराधियों को भविष्य में कानूनी प्रतिबंधों या निगरानी सूची के माध्यम से देश छोड़ने से रोका जा सके, पंकज चौधरी ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई नीति तैयार नहीं की जा रही है।