RBI: अमेरिकी टैरिफ से दबाव के बीच निर्यातकों को राहत, आरबीआई ने शिपमेंट भुगतान की समयसीमा बढ़ाकर 15 महीने की
अमेरिकी टैरिफ से जूझ रहे भारतीय निर्यातकों को आरबीआई ने बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने निर्यातकों को उनकी शिपमेंट के भुगतान को 15 महीने में करने की अनुमति दे दी है। मौजूदा नियमों के तहत निर्यातकों को अपने माल या सॉफ्टवेयर निर्यात की पूरी राशि निर्यात की तारीख से नौ महीने के भीतर देश में वापस लानी होती थी। हालांकि, अब इस समय सीमा में बदलाव किया गया है।
विस्तार
भारतीय रिजर्व बैंक ने निर्यातकों को उनकी शिपमेंट के भुगतान को 15 महीने में करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए पहले नौ महीने की समयसीमा तय की गई थी। यह फैसला निर्यातकों द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों को देखते हुए लिया गया है।
भारी अमेरिकी टैरिफ से जूझ रहे भारतीय निर्यातक
भारतीय निर्यात पर अगस्त से लगाए गए भारी टैरिफ के कारण निर्यातकों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका ने भारत से आन वाले सामानों पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है।
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मौजूदा नियमों में किया गया संशोधन
मौजूदा नियमों के तहत निर्यातकों को अपने माल या सॉफ्टवेयर निर्यात की पूरी राशि निर्यात की तारीख से नौ महीने के भीतर देश में वापस लानी होती थी। हालांकि, अब इस समय सीमा में बदलाव किया गया है।
यह संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (वस्तुओं व सेवाओं का निर्यात) में किए गए बदलावों के बाद लागू हुआ है। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक रोहित पी दास द्वारा 13 नवंबर को जारी राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, संशोधित नियमों को मुद्रा प्रबंधन (वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियम, 2025 कहा जा सकता है। इसमें कहा गया है कि ये आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
कोविड-19 में हुआ था समयसीमा में बदलाव
आरबीआई ने कोविड-19 अवधि के दौरान 2020 में निर्यातकों के लिए इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 महीने कर दिया था।
निर्यातकों को समर्थन देने के लिए सरकार ने योजनाओं को दी मंजूरी
इससे पहले सप्ताह में सरकार ने निर्यातकों के लिए 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के संयुक्त परिव्यय वाली दो योजनाओं को मंजूरी दी। इनसे देश के निर्यात को बढ़ावा मिलने व वैश्विक बाजारों में घरेलू वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होने की उम्मीद है। सरकार ने बुधवार को निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) और ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये) को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) से निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा, एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मदद मिलेगी।