आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था बेकाबू हो चुकी है, जिसकी गवाही सरकारी आंकड़े दे रहे हैं। सरकार के गुजरे 4 वर्ष 3 महीने में 7138 लोगों को अगवा किया गया और उन्हें सुरक्षित छोड़ने के लिए फिरौती मांगी गई। ये सभी मामले वे हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं लेकिन अपहरणकर्ताओं से जान बचाने के लिए जो पीड़ित पुलिस थानों तक नहीं पहुंचे, उनकी कोई गिनती नहीं है।
रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक जमाने में बिहार और उत्तर प्रदेश में होती अपहरण जैसी वारदातें आज पंजाब में चरम सीमा पर हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं, जिनके पास पंजाब का गृह विभाग है। बदतर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी और जवाबदेही कैप्टन की है।
उन्हें तत्काल प्रभाव से गृह विभाग छोड़कर इसे किसी अन्य सक्षम मंत्री को सौंपना चाहिए। चीमा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का अपराधियों से गठजोड़ के कारण पंजाब अपराध का गढ़ बन चुका है। बढ़े अपराध का असर सीधे पंजाब के आर्थिक विकास पर भी पड़ रहा है। निवेशकों को सुरक्षित और सुखद माहौल नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन पंजाब औद्योगिक क्षेत्र में लगातार पिछड़ता जा रहा है।
आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि अपहरण कर फिरौती मांगने की सबसे अधिक वारदात में औद्योगिक क्षेत्र लुधियाना सबसे आगे है। कैप्टन के कार्यकाल में यहां 1032 वारदात को अंजाम दिया गया है। 765 वारदात के साथ अमृतसर दूसरे और 619 वारदात से जालंधर तीसरे स्थान पर है। यहां तक कि मुख्यमंत्री का अपना गृह जिला पटियाला 470 अपहरण की वारदात के साथ पांचवें नंबर पर है। मोहाली जिले में मुख्यमंत्री का अपना शाही फार्म हाउस है और यहां भी 570 वारदात हो चुकी हैं। इनमें वर्ष 2021 में ही सबसे अधिक 122 वारदात हुईं हैं।
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आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था बेकाबू हो चुकी है, जिसकी गवाही सरकारी आंकड़े दे रहे हैं। सरकार के गुजरे 4 वर्ष 3 महीने में 7138 लोगों को अगवा किया गया और उन्हें सुरक्षित छोड़ने के लिए फिरौती मांगी गई। ये सभी मामले वे हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं लेकिन अपहरणकर्ताओं से जान बचाने के लिए जो पीड़ित पुलिस थानों तक नहीं पहुंचे, उनकी कोई गिनती नहीं है।
रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि एक जमाने में बिहार और उत्तर प्रदेश में होती अपहरण जैसी वारदातें आज पंजाब में चरम सीमा पर हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं, जिनके पास पंजाब का गृह विभाग है। बदतर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी और जवाबदेही कैप्टन की है।
उन्हें तत्काल प्रभाव से गृह विभाग छोड़कर इसे किसी अन्य सक्षम मंत्री को सौंपना चाहिए। चीमा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के नेता, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का अपराधियों से गठजोड़ के कारण पंजाब अपराध का गढ़ बन चुका है। बढ़े अपराध का असर सीधे पंजाब के आर्थिक विकास पर भी पड़ रहा है। निवेशकों को सुरक्षित और सुखद माहौल नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन पंजाब औद्योगिक क्षेत्र में लगातार पिछड़ता जा रहा है।
आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि अपहरण कर फिरौती मांगने की सबसे अधिक वारदात में औद्योगिक क्षेत्र लुधियाना सबसे आगे है। कैप्टन के कार्यकाल में यहां 1032 वारदात को अंजाम दिया गया है। 765 वारदात के साथ अमृतसर दूसरे और 619 वारदात से जालंधर तीसरे स्थान पर है। यहां तक कि मुख्यमंत्री का अपना गृह जिला पटियाला 470 अपहरण की वारदात के साथ पांचवें नंबर पर है। मोहाली जिले में मुख्यमंत्री का अपना शाही फार्म हाउस है और यहां भी 570 वारदात हो चुकी हैं। इनमें वर्ष 2021 में ही सबसे अधिक 122 वारदात हुईं हैं।