पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुड़गांव और फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण के मामले में उपायुक्तों से कहा है कि वह अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं।
गुड़गांव और फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से चले आ रहे मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट केजस्टिस एसएस सारों व जस्टिस गुरमीत राम की डिवीजन बेंच ने दोनों जिलों के उपायुक्तों से कहा है कि वह अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं।
गुड़गांव में पहले प्रतिबंधित दायरा 900 मीटर था, जिसे बाद में रक्षा मंत्रालय ने 300 मीटर कर दिया था। इसी प्रकार फरीदाबाद में 300 से घटा कर 100 मीटर किया गया था, लेकिन रक्षा मंत्रालय की मांग थी कि घटाया गया प्रतिबंधित दायरा अतिक्रमण मुक्त करवाकर दिया जाए।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपनी-अपनी जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ती आ रही थीं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार डिफेंस एक्ट के तहत अतिक्रमण मुक्त कार्रवाई करने के लिए दोनों जिलों में कलेक्टर नियुक्त करने की नोटिफिकेशन जारी करे। हालांकि, केंद्र के वकील ने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्तों को पहले से ही कलेक्टर स्तर की शक्तियां प्रदान हैं, ऐसे में नोटिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन बेंच ने कहा कि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाए।
इसी पर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन के लिए समय मांग लिया। बेंच ने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्त अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं, लिहाजा यह कार्रवाई शुरू की जाए।
इस निर्देश के साथ ही अब अवैध निर्माण हटाने को कार्रवाई का रास्ता लगभग साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि गुड़गांव के प्रतिबंधित 300 मीटर दायरे में मारूति उद्योग लिमिटेड का एक यूनिट और हुडा की ओर से काटे गए सेक्टर का कुछ हिस्सा भी आता है। इन पर भी कार्रवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुड़गांव और फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण के मामले में उपायुक्तों से कहा है कि वह अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं।
गुड़गांव और फरीदाबाद एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण हटाने की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से चले आ रहे मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट केजस्टिस एसएस सारों व जस्टिस गुरमीत राम की डिवीजन बेंच ने दोनों जिलों के उपायुक्तों से कहा है कि वह अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं।
गुड़गांव में पहले प्रतिबंधित दायरा 900 मीटर था, जिसे बाद में रक्षा मंत्रालय ने 300 मीटर कर दिया था। इसी प्रकार फरीदाबाद में 300 से घटा कर 100 मीटर किया गया था, लेकिन रक्षा मंत्रालय की मांग थी कि घटाया गया प्रतिबंधित दायरा अतिक्रमण मुक्त करवाकर दिया जाए।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपनी-अपनी जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ती आ रही थीं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार डिफेंस एक्ट के तहत अतिक्रमण मुक्त कार्रवाई करने के लिए दोनों जिलों में कलेक्टर नियुक्त करने की नोटिफिकेशन जारी करे। हालांकि, केंद्र के वकील ने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्तों को पहले से ही कलेक्टर स्तर की शक्तियां प्रदान हैं, ऐसे में नोटिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन बेंच ने कहा कि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाए।
इसी पर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन के लिए समय मांग लिया। बेंच ने कहा कि दोनों जिलों के उपायुक्त अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी कर सकते हैं, लिहाजा यह कार्रवाई शुरू की जाए।
इस निर्देश के साथ ही अब अवैध निर्माण हटाने को कार्रवाई का रास्ता लगभग साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि गुड़गांव के प्रतिबंधित 300 मीटर दायरे में मारूति उद्योग लिमिटेड का एक यूनिट और हुडा की ओर से काटे गए सेक्टर का कुछ हिस्सा भी आता है। इन पर भी कार्रवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।