पंजाब यूनिवर्सिटी में पहुंचे केंद्रीय मंत्री विजय सांपला को अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सवालों से घेर लिया। मांग रख दी कि हरियाणा और पंजाब के एससी-एसटी के लाखों छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप नहीं मिली है। सरकारें एक-दूसरे पर टाल रही हैं। वहीं स्टूडेंट्स परेशान हैं। सवाल दागते ही मंत्री से भी रहा नहीं गया। उन्होंने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा, केंद्र ने पैसे पूरे जारी कर दिए हैं लेकिन वह रकम कहां खर्च हुई इसकी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली। स्टूडेंट्स की समस्या को हमने गंभीरता से लिया है।
इसका हल निकाले जाने की कोशिश होगी लेकिन पंजाब सरकार भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्टूडेंट्स को भेजी गई स्कॉलरशिप दे। इससे पूर्व दिव्यांगों ने भी अपने समस्याएं छात्रों को गिनाईं। कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय की तर्ज पर पीयू में भी दिव्यांग स्टूडेंट्स की फीस माफ की जानी चाहिए। पीयू में दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए फैकल्टी की कमी है, उनकी तैनाती भी की जानी चाहिए। साथ ही इस बात की नाराजगी जताई गई कि ब्लाइंड स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए यहां एक भी शिक्षक नहीं हैं।
सरकार व नागरिक एक साथ काम करें
पीयू में डिसएबिलिटी डे पर हुए कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कैबिनेट मंत्री विजय सांपला ने कहा कि दिव्यांगजनों ने ओलंपिक में भी बाजी मारी है। पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार और नागरिक मिलकर काम करेंगे तो समाज के लिए और बेहतर कार्य हो पाएंगे। जनता सरकार को सुझाव दे और सरकार उस पर काम करे तो उससे और बेहतर कार्य हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि विकलांगता अभिशाप नहीं है। उधर, अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन ने मंत्री के समक्ष एक ब्वायज हॉस्टल खोलने का प्रस्ताव भी रखा। इस मौके पर अध्यक्ष गौतम मौर्य, पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार आदि रहे।
वीसी बोले- स्टूडेंट्स बेझिझक अपनी समस्याएं बताएं
इस अवसर पर वीसी प्रो. राजकुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए एक विशेष गैलरी भी बना रहे हैं, जिसमें उन्हें कई सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वह बेझिझक कभी भी आकर अपनी समस्या बता सकते हैं। समान अवसर सेल के पदाधिकारी डॉ. संजीव गौतम ने देश व दुनिया के आंकड़े प्रस्तुत किए। सामुदायिक शिक्षा और विकलांगता विभाग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ने दिवस की पृष्ठभूमि बताई। इस दौरान दिव्यांग स्टूडेंट्स केलिए कई प्रतियोगिताएं भी हुईं।
नारा लेखन में लालरुत, प्रदीप कुमार, धीरज आहूजा, बहस प्रतियोगिता में विशाल चौहान, दीपक गुप्ता, निधि मेनन, पोस्टर प्रतियोगिता में आशिमा, दीपक गुप्ता, मेघना, सिमरन कौर, रितु अव्वल रहीं। इन्हें पुरस्कृत भी किया गया। इसी दौरान दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए आई कार्ड भी जारी किए गए हैं। उसके बाद कैबिनेट मंत्री विजय सांपला, वीसी प्रो. राजकुमार, डीसीडीसी प्रो. संजय कौशिक, समान अवसर सेल के प्रभारी डॉ. संजीव गौतम ने हॉस्टल नंबर दो में पौधरोपण किया।
गेट के बाहर लगे कंटीले तार हटाए जाएं
कार्यक्रम में पहुंचे दिव्यांग स्टूडेंट एवं ईओसी मेंबर शुभम शर्मा ने कहा कि पीयू के गेट नंबर एक के बाहर लगाए गए कंटीले तार हटाएं जाएं ताकि दिव्यांगों को रोड क्रॉस करने में कोई दिक्कत न हो। फुटपाथ की ऊंचाई अधिक नहीं होनी चाहिए। डिवाइडर की भी ऊंचाई समान होनी चाहिए ताकि दिव्यांगों को दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि पीयू में दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए फैकल्टी की कमी है, उसकी तैनाती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लाइंड स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं।
पंजाब यूनिवर्सिटी में पहुंचे केंद्रीय मंत्री विजय सांपला को अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सवालों से घेर लिया। मांग रख दी कि हरियाणा और पंजाब के एससी-एसटी के लाखों छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप नहीं मिली है। सरकारें एक-दूसरे पर टाल रही हैं। वहीं स्टूडेंट्स परेशान हैं। सवाल दागते ही मंत्री से भी रहा नहीं गया। उन्होंने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा, केंद्र ने पैसे पूरे जारी कर दिए हैं लेकिन वह रकम कहां खर्च हुई इसकी ऑडिट रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली। स्टूडेंट्स की समस्या को हमने गंभीरता से लिया है।
इसका हल निकाले जाने की कोशिश होगी लेकिन पंजाब सरकार भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्टूडेंट्स को भेजी गई स्कॉलरशिप दे। इससे पूर्व दिव्यांगों ने भी अपने समस्याएं छात्रों को गिनाईं। कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय की तर्ज पर पीयू में भी दिव्यांग स्टूडेंट्स की फीस माफ की जानी चाहिए। पीयू में दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए फैकल्टी की कमी है, उनकी तैनाती भी की जानी चाहिए। साथ ही इस बात की नाराजगी जताई गई कि ब्लाइंड स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए यहां एक भी शिक्षक नहीं हैं।
सरकार व नागरिक एक साथ काम करें
पीयू में डिसएबिलिटी डे पर हुए कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कैबिनेट मंत्री विजय सांपला ने कहा कि दिव्यांगजनों ने ओलंपिक में भी बाजी मारी है। पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार और नागरिक मिलकर काम करेंगे तो समाज के लिए और बेहतर कार्य हो पाएंगे। जनता सरकार को सुझाव दे और सरकार उस पर काम करे तो उससे और बेहतर कार्य हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि विकलांगता अभिशाप नहीं है। उधर, अंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन ने मंत्री के समक्ष एक ब्वायज हॉस्टल खोलने का प्रस्ताव भी रखा। इस मौके पर अध्यक्ष गौतम मौर्य, पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार आदि रहे।
वीसी बोले- स्टूडेंट्स बेझिझक अपनी समस्याएं बताएं
इस अवसर पर वीसी प्रो. राजकुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए एक विशेष गैलरी भी बना रहे हैं, जिसमें उन्हें कई सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वह बेझिझक कभी भी आकर अपनी समस्या बता सकते हैं। समान अवसर सेल के पदाधिकारी डॉ. संजीव गौतम ने देश व दुनिया के आंकड़े प्रस्तुत किए। सामुदायिक शिक्षा और विकलांगता विभाग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ने दिवस की पृष्ठभूमि बताई। इस दौरान दिव्यांग स्टूडेंट्स केलिए कई प्रतियोगिताएं भी हुईं।
नारा लेखन में लालरुत, प्रदीप कुमार, धीरज आहूजा, बहस प्रतियोगिता में विशाल चौहान, दीपक गुप्ता, निधि मेनन, पोस्टर प्रतियोगिता में आशिमा, दीपक गुप्ता, मेघना, सिमरन कौर, रितु अव्वल रहीं। इन्हें पुरस्कृत भी किया गया। इसी दौरान दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए आई कार्ड भी जारी किए गए हैं। उसके बाद कैबिनेट मंत्री विजय सांपला, वीसी प्रो. राजकुमार, डीसीडीसी प्रो. संजय कौशिक, समान अवसर सेल के प्रभारी डॉ. संजीव गौतम ने हॉस्टल नंबर दो में पौधरोपण किया।
गेट के बाहर लगे कंटीले तार हटाए जाएं
कार्यक्रम में पहुंचे दिव्यांग स्टूडेंट एवं ईओसी मेंबर शुभम शर्मा ने कहा कि पीयू के गेट नंबर एक के बाहर लगाए गए कंटीले तार हटाएं जाएं ताकि दिव्यांगों को रोड क्रॉस करने में कोई दिक्कत न हो। फुटपाथ की ऊंचाई अधिक नहीं होनी चाहिए। डिवाइडर की भी ऊंचाई समान होनी चाहिए ताकि दिव्यांगों को दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि पीयू में दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए फैकल्टी की कमी है, उसकी तैनाती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लाइंड स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं हैं।