अमित गुप्ता, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 17 Dec 2020 05:14 PM IST
आजकल शातिर ठग आम लोगों को अलग-अलग तरीके से झांसा देकर उनके खाते से रकम उड़ा ले रहे हैं। आए दिन इस संबंध में खबरें भी आती हैं। ठग इतने शातिर हो गए हैं कि खबर छपते ही वे अपराध का नया तरीका भी खोज लाते हैं। चिंता का विषय है कि समय-समय पर जागरूकता अभियान और साइबर अपराध सेल होने के बावजूद लोग अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं। ऐसे में अब लोगों को ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है। थोड़ी सी सतर्कता से आप इन ठगों से बच सकते हैं।
क्यूआर कोड के जरिए लगाते हैं चपत
कुछ लोग ओएलएक्स पर अपनी पुरानी चीजें बेचते हैं। शातिर ठग ऐसे ही कुछ लोगों को चुनते हैं और उनसे ग्राहक बनकर सौदा तय करते हैं। बात बनने के बाद यह ठग सामान बेचने वाले को पैसे डिजिटल वॉलेट के जरिए भेजने का झांसा देकर उनसे क्यूआर कोड स्कैन करवाकर मंगवा लेते हैं। उसके बाद वह अपना खेल शुरू कर सामने वाले के अकाउंट से आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। कई बार ठग खुद से लोगों को क्यूआर कोड भेज देते हैं। उसके स्कैन करते ही खाते से पैसे निकल जाते हैं।
पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर ठगी
ठग व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल साइट पर जॉब ऑफर कर एक मैसेज भेजते हैं और कहते हैं कि 10 से 30 मिनट ऑनलाइन मोबाइल पर काम करके 200 से 3 हजार रुपये तक कमा सकते हो। मैसेज के साथ एक लिंक भी भेजा जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि यदि काम करने के लिए इच्छुक हैं तो लिंक पर क्लिक करें। बस फिर क्या लिंक पर क्लिक करते ही झट से बैंक अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं।
शारीरिक संबंध बनाने का झांसा देकर ऐसे हो रही ठगी
एक गिरोह ऐसा भी काम कर रहा है, जो सोशल साइट पर युवतियों के नाम से फर्जी आईडी बनाता है और लोगों को लालच देकर दोस्ती करने या शारीरिक संबंध बनाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ लेता है। आरोपी अपने मोबाइल पर एक ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं, जिसमें युवती की आवाज आती है। ऐसे कई मामले चंडीगढ़ पुलिस के सामने आ चुके हैं। गिरोह के कुछ आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार भी किया गया था।
ये भी हैं ठगी के नए तरीके
- कोविड से जुड़ा (डब्ल्यूएचओ, बैंक वगैरह) से ईमेल या फोन करके ठगी करना
- इंश्योरेंस एजेंट बनकर प्रीमियम भरने के लिए कहकर ठगी करना
- बैंक और फोन वॉलेट के कर्मचारी बनकर फोन करना
- फोन पर कॉन्टेस्ट और उनमें लाखों जीतने, आकर्षक ऑफर के लालच देकर ठगी करना
- कोरोना के नाम पर मदद मांगने के लिए फोन कर ठगी करना
खुद को ऐसे बचाएं ठगी से
- किसी अनजान द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें
- सोशल मीडिया पर लालच देने वाले लिंक को क्लिक न करें
- आसान से सवालों के जवाब देने वाले मैसेज को रिप्लाई करने से बचें
- युवती के नाम से आने वाले फ्रेंड रिक्वेस्ट के जांच के बाद ही स्वीकार करें
- ओएलएक्स पर खरीदारी व सामान बेचते समय क्यूआर कोड व लिंक पर क्लिक न करें
- किसी को पेमेंट देने के बाद स्टेटमेंट को हर तीन दिन में जांच करते रहें
- अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें। ओटीपी शेयर करने से बचें
- मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर
आजकल शातिर ठग आम लोगों को अलग-अलग तरीके से झांसा देकर उनके खाते से रकम उड़ा ले रहे हैं। आए दिन इस संबंध में खबरें भी आती हैं। ठग इतने शातिर हो गए हैं कि खबर छपते ही वे अपराध का नया तरीका भी खोज लाते हैं। चिंता का विषय है कि समय-समय पर जागरूकता अभियान और साइबर अपराध सेल होने के बावजूद लोग अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं। ऐसे में अब लोगों को ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है। थोड़ी सी सतर्कता से आप इन ठगों से बच सकते हैं।
क्यूआर कोड के जरिए लगाते हैं चपत
कुछ लोग ओएलएक्स पर अपनी पुरानी चीजें बेचते हैं। शातिर ठग ऐसे ही कुछ लोगों को चुनते हैं और उनसे ग्राहक बनकर सौदा तय करते हैं। बात बनने के बाद यह ठग सामान बेचने वाले को पैसे डिजिटल वॉलेट के जरिए भेजने का झांसा देकर उनसे क्यूआर कोड स्कैन करवाकर मंगवा लेते हैं। उसके बाद वह अपना खेल शुरू कर सामने वाले के अकाउंट से आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। कई बार ठग खुद से लोगों को क्यूआर कोड भेज देते हैं। उसके स्कैन करते ही खाते से पैसे निकल जाते हैं।
पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर ठगी
ठग व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल साइट पर जॉब ऑफर कर एक मैसेज भेजते हैं और कहते हैं कि 10 से 30 मिनट ऑनलाइन मोबाइल पर काम करके 200 से 3 हजार रुपये तक कमा सकते हो। मैसेज के साथ एक लिंक भी भेजा जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि यदि काम करने के लिए इच्छुक हैं तो लिंक पर क्लिक करें। बस फिर क्या लिंक पर क्लिक करते ही झट से बैंक अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं।
शारीरिक संबंध बनाने का झांसा देकर ऐसे हो रही ठगी
एक गिरोह ऐसा भी काम कर रहा है, जो सोशल साइट पर युवतियों के नाम से फर्जी आईडी बनाता है और लोगों को लालच देकर दोस्ती करने या शारीरिक संबंध बनाने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठ लेता है। आरोपी अपने मोबाइल पर एक ऐसा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं, जिसमें युवती की आवाज आती है। ऐसे कई मामले चंडीगढ़ पुलिस के सामने आ चुके हैं। गिरोह के कुछ आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार भी किया गया था।