पंजाब सरकार के सभी विभागों में दफ्तरी कामकाज पंजाबी भाषा में किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। राज्य के उच्च शिक्षा व भाषा विभाग की ओर से जारी किए पत्र में सभी विभाग प्रमुखों, डिवीजन कमिश्नरों /डिप्टी कमिश्नरों, बोर्ड-कारपोरेशनों के प्रमुखों, जिला व सेशन जजों, उपमंडल अफसरों को पंजाब राज्य भाषा एक्ट 1967 और पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 का हवाला देते हुए आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
पत्र में उक्त दोनों एक्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि इनके अनुसार पंजाब राज्य के सभी विभागों में सारा दफ्तरी कामकाज पंजाब की राज्य भाषा पंजाबी में किया जाना अनिवार्य किया गया है। पंजाब सरकार की ओर से दफ्तरी कामकाज में पंजाबी भाषा के उपयोग को यकीनी बनाने के लिए समय-समय पर हिदायतें जारी की जाती रही हैं। सरकार यह चाहती है कि पंजाब राज्य भाषा एक्ट और उसके अधीन जारी की गई हिदायतों के अनुसार राज्य प्रबंध का सारा कामकाज पंजाबी भाषा में ही किया जाए।
पत्र में कहा गया है कि बीते अगस्त माह में पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नियम 66 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह बात सरकार के ध्यान में लाई गई है कि पंजाब सरकार के कुछ अधिकारियों की ओर से पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 के उपबंधों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा व भाषा मंत्री ने विधानसभा के सदस्यों को भरोसा दिलाया था कि पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 के उपबंधों का पूरी तरह पालन किया जाएगा और भविष्य में प्रशासन का सारा कामकाज पंजाब के राज्य भाषा पंजाबी में किया जाएगा।
इसके साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि यह ध्यान में आया है कि पंजाब सरकार के सभी दफ्तरों, बोर्डों व कारपोरेशनों की वेबसाइट केवल अंग्रेजी भाषा में ही बनाई गई हैं, जिस कारण पंजाब की आम जनता पंजाब सरकार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही स्कीमों की जानकारी से वंचित रह जाती है। इसलिए सभी विभागों, बोर्डों-कारपोरेशनों से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइटों को अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी भाषा में तैयार करके अपलोड करें ताकि पंजाब के लोगों को इनका लाभ मिल सके।
पंजाब सरकार के सभी विभागों में दफ्तरी कामकाज पंजाबी भाषा में किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। राज्य के उच्च शिक्षा व भाषा विभाग की ओर से जारी किए पत्र में सभी विभाग प्रमुखों, डिवीजन कमिश्नरों /डिप्टी कमिश्नरों, बोर्ड-कारपोरेशनों के प्रमुखों, जिला व सेशन जजों, उपमंडल अफसरों को पंजाब राज्य भाषा एक्ट 1967 और पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 का हवाला देते हुए आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
पत्र में उक्त दोनों एक्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि इनके अनुसार पंजाब राज्य के सभी विभागों में सारा दफ्तरी कामकाज पंजाब की राज्य भाषा पंजाबी में किया जाना अनिवार्य किया गया है। पंजाब सरकार की ओर से दफ्तरी कामकाज में पंजाबी भाषा के उपयोग को यकीनी बनाने के लिए समय-समय पर हिदायतें जारी की जाती रही हैं। सरकार यह चाहती है कि पंजाब राज्य भाषा एक्ट और उसके अधीन जारी की गई हिदायतों के अनुसार राज्य प्रबंध का सारा कामकाज पंजाबी भाषा में ही किया जाए।
पत्र में कहा गया है कि बीते अगस्त माह में पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नियम 66 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह बात सरकार के ध्यान में लाई गई है कि पंजाब सरकार के कुछ अधिकारियों की ओर से पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 के उपबंधों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा व भाषा मंत्री ने विधानसभा के सदस्यों को भरोसा दिलाया था कि पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट 2008 के उपबंधों का पूरी तरह पालन किया जाएगा और भविष्य में प्रशासन का सारा कामकाज पंजाब के राज्य भाषा पंजाबी में किया जाएगा।
इसके साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि यह ध्यान में आया है कि पंजाब सरकार के सभी दफ्तरों, बोर्डों व कारपोरेशनों की वेबसाइट केवल अंग्रेजी भाषा में ही बनाई गई हैं, जिस कारण पंजाब की आम जनता पंजाब सरकार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही स्कीमों की जानकारी से वंचित रह जाती है। इसलिए सभी विभागों, बोर्डों-कारपोरेशनों से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइटों को अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी भाषा में तैयार करके अपलोड करें ताकि पंजाब के लोगों को इनका लाभ मिल सके।