अमृतसर से 18 किलोमीटर दूर बटाला रोड पर बसा फतेहगढ़ सुक्करचक दूसरे गांवों के लिए मिसाल है। स्टेडियम, पार्क, शानदार स्कूल, अच्छी सड़कों से युक्त इस गांव के विकास का श्रेय यहां की पंचायत को ही जाता है। सरकार के भरोसे बैठने के बजाय खुद बीड़ा उठाया और गांव के कायाकल्प में जुट गई।
6500 की आबादी वाले इस गांव में लोग विकास के प्रति जागरूक हैं। विकास में सरकार से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका गांववासियों की है। लोगों की सोच का ही नतीजा है कि यहां शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आपसी लड़ाई-झगड़े बहुत कम होते हैं। ऐसे मामलों को पंचायत अपने स्तर पर ही हल कर लेती है। पंचायत ने नशे के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है। इसी के तहत नशे का धंधा करने वाले करीब डेढ़ दर्जन लोगों पर केस तक दर्ज कराए हैं।
आपसी सहयोग और प्यार की मिसाल है गांव
गांव के बुजुर्ग व पूर्व डीईओ (एलिमेंटरी) मास्टर बावा दास और 20 साल तक गांव के चेयरमैन रहे रंजीत सिंह सरां ने बताया कि यहां आजादी से पहले बनाया गया एक प्राइमरी स्कूल भी है। मौजूदा वक्त में यहां हायर सेकेंडरी स्कूल है और कुछ किलोमीटर दूर वेरका में कॉलेज है। गांव में सेहत केंद्र और युवाओं के लिए कैफे भी है। यह गांव आपसी सहयोग और प्यार की मिसाल है।
हरियाली के लिए पौधे, युवाओं के लिए स्टेडियम
गांव की सरपंच नवनीत कौर व प्रदीप सिंह लाडा ने बताया कि यूथ के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए गांव में चार एकड़ में एक स्टेडियम बनाया गया है। गांव में एक पार्क विकसित किया गया है। मुख्य रोड से गांव तक आने वाली करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों तरफ पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत ने नशे के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। नशे का कारोबार करने वाले डेढ़ दर्जन लोगों पर पर्चे तक दर्ज करवाए हैं।
गांव में थापर मॉडल पर लगाया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
प्रदीप सिंह लाडा ने बताया कि थापर मॉडल की तर्ज पर गांव के छप्पड़ों और बारिश के पानी को खेती में इस्तेमाल कर एक कुदरती वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। इसमें पानी इकट्ठा करने के लिए तीन बड़े-बड़े टैंक बनाए गए हैं। पहले टैंक से फिल्टर होकर दूसरे टैंक में और यहां से फिल्टर होने के बाद तीसरे टैंक में पानी पहुंचेगा। यहां से पूरी तरह साफ होकर आगे बनाए गए बड़े छप्पड़ में पानी पहुंचेगा। इन टैंकों से फिल्टर पानी को खेती में इस्तेमाल किया जाएगा। लाडा ने बताया कि सात माह पहले इस प्लांट के निर्माण का काम शुरू हुआ था जो अगले दो माह में मुकम्मल कर लिया जाएगा।
ग्रांट का एक-एक पैसा हुआ विकास पर खर्च: गिल
जिला विकास व पंचायत अधिकारी गुरप्रीत सिंह गिल कहते हैं कि गांव के ग्रांट का एक-एक पैसा बहुमुखी विकास पर खर्च किया गया। उन्हें कभी कोई शिकायत नहीं आई। उन्होंने बताया कि आज यहां गांव के युवा सेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा कर रहे हैं। गांव के कई विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करने विदेश गए हैं।
महाराजा रणजीत सिंह की 10 मिसलों में से एक है फतेहगढ़ सुक्करचक
फतेहगढ़ सुक्करचक महाराजा रणजीत सिंह की 10 मिसलों में से एक है। उनके दादा चढ़त सिंह ने विभाजित घरों को इकट्ठा कर एक गांव का रूप दिया था। गांव का इतिहास सिखों की 7वीं पातशाही श्री गुरु हर राय साहिब के साथ भी जुड़ा है और गुरुजी के नाम पर गांव में गुरुद्वारा भी है। ग्रंथी भरपूर सिंह कहते हैं कि 7वीं पातशाही श्री गुरु हर राय साहिब गोइंदवाल साहिब से कीरतपुर जाते हुए रास्ते में इस गांव में कुछ देर के लिए एक बेरी के नीचे रुके। गुरु साहिब को गांववालों ने बताया कि लुटेरे उन्हें बार-बार लूट कर ले जाते हैं। इस पर गुरु साहिब ने इस गांव के लिए वचन कहे कि चढ़दी आए और लत्थी जाए। इसका अर्थ है कि जो कोई भी इस गांव में चढ़ते हुए आएगा, वह लत्थ (सिर झुका) कर जाएगा।
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अमृतसर से 18 किलोमीटर दूर बटाला रोड पर बसा फतेहगढ़ सुक्करचक दूसरे गांवों के लिए मिसाल है। स्टेडियम, पार्क, शानदार स्कूल, अच्छी सड़कों से युक्त इस गांव के विकास का श्रेय यहां की पंचायत को ही जाता है। सरकार के भरोसे बैठने के बजाय खुद बीड़ा उठाया और गांव के कायाकल्प में जुट गई।
6500 की आबादी वाले इस गांव में लोग विकास के प्रति जागरूक हैं। विकास में सरकार से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका गांववासियों की है। लोगों की सोच का ही नतीजा है कि यहां शहर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आपसी लड़ाई-झगड़े बहुत कम होते हैं। ऐसे मामलों को पंचायत अपने स्तर पर ही हल कर लेती है। पंचायत ने नशे के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है। इसी के तहत नशे का धंधा करने वाले करीब डेढ़ दर्जन लोगों पर केस तक दर्ज कराए हैं।
आपसी सहयोग और प्यार की मिसाल है गांव
गांव के बुजुर्ग व पूर्व डीईओ (एलिमेंटरी) मास्टर बावा दास और 20 साल तक गांव के चेयरमैन रहे रंजीत सिंह सरां ने बताया कि यहां आजादी से पहले बनाया गया एक प्राइमरी स्कूल भी है। मौजूदा वक्त में यहां हायर सेकेंडरी स्कूल है और कुछ किलोमीटर दूर वेरका में कॉलेज है। गांव में सेहत केंद्र और युवाओं के लिए कैफे भी है। यह गांव आपसी सहयोग और प्यार की मिसाल है।