पंजाब में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों को आ रही परेशानियों को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त हो गया है। तीन अलग-अलग नोटिसों के तय समय में जवाब दाखिल नहीं होने पर आयोग ने 17 जून को मुख्य सचिव सहित तीन अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है।
आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने पत्र में लिखा है कि आयोग ने तीन नोटिस जारी किए। 25 मई को जारी किए गए 15 दिन के नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर दूसरा नोटिस 7 जून और तीसरा 10 जून को जारी किया किया लेकिन सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं दिया गया। इस पर आयोग ने पंजाब की मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव एवं उच्च शिक्षा के प्रधान सचिव को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत तौर पर आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने 17 जून को नवीनतम एक्शन टेकन रिपोर्ट लेकर आने को कहा है। इसके साथ आयोग ने इन्हें पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप से संबंधित सारी फाइलें, केस डायरी आदि भी लेकर आने को कहा है।
आयोग के चेयरमैन ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो कि भारत के संविधान के आर्टिकल 338 के तहत बनी हुई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आयोग द्वारा जारी नोटिस को नजरअंदाज कर रहे हैं। अगर पंजाब सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कोई गलती नहीं की है तो उनके अधिकारी बार-बार नोटिस देने के बावजूद जवाब देने से क्यों भाग रहे हैं।
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पंजाब में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत विद्यार्थियों को आ रही परेशानियों को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग सख्त हो गया है। तीन अलग-अलग नोटिसों के तय समय में जवाब दाखिल नहीं होने पर आयोग ने 17 जून को मुख्य सचिव सहित तीन अधिकारियों को दिल्ली तलब किया है।
आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने पत्र में लिखा है कि आयोग ने तीन नोटिस जारी किए। 25 मई को जारी किए गए 15 दिन के नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर दूसरा नोटिस 7 जून और तीसरा 10 जून को जारी किया किया लेकिन सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं दिया गया। इस पर आयोग ने पंजाब की मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव एवं उच्च शिक्षा के प्रधान सचिव को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत तौर पर आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने 17 जून को नवीनतम एक्शन टेकन रिपोर्ट लेकर आने को कहा है। इसके साथ आयोग ने इन्हें पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप से संबंधित सारी फाइलें, केस डायरी आदि भी लेकर आने को कहा है।
आयोग के चेयरमैन ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जो कि भारत के संविधान के आर्टिकल 338 के तहत बनी हुई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आयोग द्वारा जारी नोटिस को नजरअंदाज कर रहे हैं। अगर पंजाब सरकार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कोई गलती नहीं की है तो उनके अधिकारी बार-बार नोटिस देने के बावजूद जवाब देने से क्यों भाग रहे हैं।