अगले महीने होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव के बहाने पंजाब के विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट होगा। हालांकि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव हमेशा से स्थानीय मुद्दों पर ही होते हैं, लेकिन इस बार लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते मामला थोड़ा अलग है। यही वजह है कि अगले महीने होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां दिल्ली से न केवल इसकी निगरानी कर रही हैं, बल्कि स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारने का पूरा खाका तैयार कर रही हैं। ताकि कहीं कोई कोर कसर बाकी ना रहे। दरअसल चंडीगढ़ की एक बड़ी आबादी पंजाब से सीधे तौर पर ताल्लुक रखती है।
नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की पूरी तैयारियां चल रही हैं। नगर निगम चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही है। बीते कई सालों से चंडीगढ़ में होने वाले नगर निगम चुनावों के मुद्दे न सिर्फ स्थानीय होते थे, बल्कि उसका पंजाब या हरियाणा के चुनाव से सीधे तौर पर कोई ताल्लुक नहीं होता था। यही वजह है कि अकसर जब चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस का दबदबा होता था, तो पंजाब में अकालियों की सरकार हुआ करती थी। या कई बार ऐसा हुआ कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार रही तो चंडीगढ़ में अकाली दल का मेयर हुआ। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
यहां रहने वाली बड़ी आबादी पंजाब और हरियाणा की
दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस बार पंजाब के विधानसभा चुनाव को चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव से दूर नहीं रखा जा सकता। उसकी वजह बताते हुए वह कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव एक तरीके से पंजाब के चुनाव का लिटमस टेस्ट जैसा ही होगा। उनका कहना है दरअसल चंडीगढ़ की रहने वाली एक बड़ी आबादी पंजाब और हरियाणा की है। जिसका सीधा जुड़ाव किसान आंदोलन से रहा है। इसलिए इस बात को बिल्कुल दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि पंजाब और हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले लोग चंडीगढ़ में किसान आंदोलन जैसे बड़े मुद्दे को नजरअंदाज करेंगे।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व मेयर रहे प्रदीप छाबड़ा अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। प्रदीप छाबड़ा कहते हैं कि इस बार का चुनाव सामान्य चुनावों की तुलना में बिल्कुल अलग है। यही वजह है कि उनकी पार्टी इस बार मैदान में उतर रही है। छाबड़ा के मुताबिक चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव के मुद्दे राज्य के चुनावों से बिल्कुल अलग होते हैं। लेकिन इस बार जिस तरीके से किसान आंदोलन को लेकर किसानों का और उनसे जुड़े परिवारों की नाराजगी भाजपा सरकार से है उसका असर देश के किसी भी राज्य में किसी भी तरह के होने वाले चुनाव में दिखेगा। ऐसे में चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव भी इस मुद्दे से अछूता नहीं रह सकता है।
बड़े नेता करेंगे प्रचार
इस बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को सामान्य चुनाव की तुलना में अलग इसलिए भी माना जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत अकाली दल ने अपने स्टार प्रचारकों को बाकायदा इस चुनाव में ज्यादा से ज्यादा रैलियां और सभाएं करने की सूची तैयार कर ली है। इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चंडीगढ़ में नगर निगम चुनाव का मेनिफेस्टो तय करने के लिए भी पहुंचे। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई कद्दावर मंत्री नगर निगम के चुनाव में शिरकत करेंगे।
कांग्रेस की ओर से भी निगम के चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बुलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस के कई स्टार प्रचारकों को भी नगर निगम के चुनाव के दौरान चंडीगढ़ भेजे जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इमरान प्रतापगढ़ी जैसे कुछ नेताओं को तो पहले से नगर निगम चुनाव में स्थानीय वोटर को राष्ट्रीय मुद्दों से अवगत कराने के लिए भेजा जा चुका है। वे कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में किसान आंदोलन एक बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाला है, जिसका असर चुनाव में भी दिखेगा। चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव को लेकर अकाली नेताओं का भी स्पष्ट तौर पर यही कहना है कि इस बार नगर निगम के चुनाव सामान्य चुनावों की तुलना में पूरी तरीके से अलग होंगे।
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अगले महीने होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव के बहाने पंजाब के विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट होगा। हालांकि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव हमेशा से स्थानीय मुद्दों पर ही होते हैं, लेकिन इस बार लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते मामला थोड़ा अलग है। यही वजह है कि अगले महीने होने वाले चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां दिल्ली से न केवल इसकी निगरानी कर रही हैं, बल्कि स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारने का पूरा खाका तैयार कर रही हैं। ताकि कहीं कोई कोर कसर बाकी ना रहे। दरअसल चंडीगढ़ की एक बड़ी आबादी पंजाब से सीधे तौर पर ताल्लुक रखती है।
नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की पूरी तैयारियां चल रही हैं। नगर निगम चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही है। बीते कई सालों से चंडीगढ़ में होने वाले नगर निगम चुनावों के मुद्दे न सिर्फ स्थानीय होते थे, बल्कि उसका पंजाब या हरियाणा के चुनाव से सीधे तौर पर कोई ताल्लुक नहीं होता था। यही वजह है कि अकसर जब चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस का दबदबा होता था, तो पंजाब में अकालियों की सरकार हुआ करती थी। या कई बार ऐसा हुआ कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार रही तो चंडीगढ़ में अकाली दल का मेयर हुआ। लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
यहां रहने वाली बड़ी आबादी पंजाब और हरियाणा की
दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि इस बार पंजाब के विधानसभा चुनाव को चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव से दूर नहीं रखा जा सकता। उसकी वजह बताते हुए वह कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव एक तरीके से पंजाब के चुनाव का लिटमस टेस्ट जैसा ही होगा। उनका कहना है दरअसल चंडीगढ़ की रहने वाली एक बड़ी आबादी पंजाब और हरियाणा की है। जिसका सीधा जुड़ाव किसान आंदोलन से रहा है। इसलिए इस बात को बिल्कुल दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि पंजाब और हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले लोग चंडीगढ़ में किसान आंदोलन जैसे बड़े मुद्दे को नजरअंदाज करेंगे।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और चंडीगढ़ नगर निगम के पूर्व मेयर रहे प्रदीप छाबड़ा अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। प्रदीप छाबड़ा कहते हैं कि इस बार का चुनाव सामान्य चुनावों की तुलना में बिल्कुल अलग है। यही वजह है कि उनकी पार्टी इस बार मैदान में उतर रही है। छाबड़ा के मुताबिक चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव के मुद्दे राज्य के चुनावों से बिल्कुल अलग होते हैं। लेकिन इस बार जिस तरीके से किसान आंदोलन को लेकर किसानों का और उनसे जुड़े परिवारों की नाराजगी भाजपा सरकार से है उसका असर देश के किसी भी राज्य में किसी भी तरह के होने वाले चुनाव में दिखेगा। ऐसे में चंडीगढ़ नगर निगम का चुनाव भी इस मुद्दे से अछूता नहीं रह सकता है।
बड़े नेता करेंगे प्रचार
इस बार चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को सामान्य चुनाव की तुलना में अलग इसलिए भी माना जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत अकाली दल ने अपने स्टार प्रचारकों को बाकायदा इस चुनाव में ज्यादा से ज्यादा रैलियां और सभाएं करने की सूची तैयार कर ली है। इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चंडीगढ़ में नगर निगम चुनाव का मेनिफेस्टो तय करने के लिए भी पहुंचे। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई कद्दावर मंत्री नगर निगम के चुनाव में शिरकत करेंगे।
कांग्रेस की ओर से भी निगम के चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बुलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस के कई स्टार प्रचारकों को भी नगर निगम के चुनाव के दौरान चंडीगढ़ भेजे जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इमरान प्रतापगढ़ी जैसे कुछ नेताओं को तो पहले से नगर निगम चुनाव में स्थानीय वोटर को राष्ट्रीय मुद्दों से अवगत कराने के लिए भेजा जा चुका है। वे कहते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में किसान आंदोलन एक बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाला है, जिसका असर चुनाव में भी दिखेगा। चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव को लेकर अकाली नेताओं का भी स्पष्ट तौर पर यही कहना है कि इस बार नगर निगम के चुनाव सामान्य चुनावों की तुलना में पूरी तरीके से अलग होंगे।