चंडीगढ़। सीबीआई ने वीरवार शाम सेक्टर-38 के स्टेशन फायर ऑफिसर (एसएफओ) को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के हस्ताक्षर करवाकर जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिलवाने के नाम पर रुपये मांग रहा था। आरोपी की पहचान डड्डूमाजरा गांव निवासी सुरजीत सिंह के रूप में हुई है। जाल में फंसने के बाद सुरजीत को जब सीबीआई लेकर जाने लगी मोहल्ले के लोगों ने टीम को घेर लिया। बड़ी मुश्किल से सीबीआई आरोपी को लेकर सेक्टर-42 स्थित बीएसएनएल दफ्तर में पूछताछ के लिए लेकर आई।
शिकायतकर्ता ग्लोबल फायर सर्विस के मालिक बलबीर सिंह ने अपने जानकार के सेक्टर-36 स्थित दफ्तर की फायर ब्रिगेड विभाग से एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। आरोपी ने इस फाइल की रिपोर्ट बना दी थी लेकिन चीफ फायर ऑफिसर को भेजने में आनाकानी कर रहा था। वह अपने पास फाइल लटका कर बैठा था। सुरजीत ने 35 हजार रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में सीबीआई को जानकारी दे दी। सीबीआई के निर्देश पर शिकायतकर्ता ने सुरजीत को फोन लगाकर रुपये देने को कहा और सौदा 30 हजार रुपये में तय हो गया। सुरजीत ने उसे डड्डूमाजरा स्थित टैक्सी स्टैंड पर रुपये लेकर बुलाया। शिकायतकर्ता जैसे हीरुपये देने पहुंचा सीबीआई ने सुरजीत को रंगेहाथ दबोच लिया। इस दौरान लोगों ने सीबीआई को घेर लिया और सुरजीत को जाने से रोकने की कोशिश करने लगे। सीबीआई आरोपी को वहां से निकालकर सेक्टर 42 स्थित बीएसएनएल के दफ्तर लेकर गई। इसके बाद सीबीआई की टीम सेक्टर 38 स्थित स्टेशन फायर ऑफिसर के दफ्तर गई। वहां से लैपटॉप, अलमारी में रखी फाइलें और अन्य दस्तावेजों भी अपने कब्जे में ले लीं।
अब शुक्रवार को सीबीआई आरोपी को अदालत में पेश करेगी। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि कितनी फाइलें एनओसी के लिए रुकी हैं और आरोपी पहले भी ऐसा कर चुका है या नहीं। आरोपी से देर रात तक सीबीआई आरोपी से बीएसएनएल में पूछताछ कर रही थी।
पहले भी सदन की बैठक में उठ चुके हैं सवाल
फायर ब्रिगेड विभाग की कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। सदन की
बैठक में तत्कालीन पार्षद अरुण सूद ने आरोप लगाया था कि फायर ऑफिसर चेकिंग
के नाम पर जाकर एक कार्ड थमाते हैं। जो लोग उस कार्ड पर लिखे पते से फायर
सेफ्टी का सामान खरीदते हैं, उनकी एनओसी तत्काल देने का वादा भी किया जाता
है। उस समय तत्कालीन आयुक्त केके यादव ने कहा था कि इसका सबूत मिल जाए तो
सबसे पहले कार्रवाई करूंगा। शिकायतकर्ता आकर मुझे सबूत के साथ शिकायत दे।
हालांकि इस संबंध में शिकायतकर्ता ने अपने आप को खतरा बताकर हाथ पीछे खींच लिया था।
लगातार चर्चाओं में बना है फायर ब्रिगेड विभाग
फायर ब्रिगेड विभाग हाल ही के दिनों में लगातार चर्चाओं में बना है। फायर
ब्रिगेड विभाग की भर्ती के दौरान फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए थे। उसके बाद
दूसरे दिन भी एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया। पुलिस फर्जी व असली अभ्यर्थियों
से पूछताछ कर रही है। इसमें सामने आया कि लिखित परीक्षा में भी गड़बड़ हुई
थी। तब तक यह नया मामला सामने आ गया है।
चंडीगढ़। सीबीआई ने वीरवार शाम सेक्टर-38 के स्टेशन फायर ऑफिसर (एसएफओ) को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के हस्ताक्षर करवाकर जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिलवाने के नाम पर रुपये मांग रहा था। आरोपी की पहचान डड्डूमाजरा गांव निवासी सुरजीत सिंह के रूप में हुई है। जाल में फंसने के बाद सुरजीत को जब सीबीआई लेकर जाने लगी मोहल्ले के लोगों ने टीम को घेर लिया। बड़ी मुश्किल से सीबीआई आरोपी को लेकर सेक्टर-42 स्थित बीएसएनएल दफ्तर में पूछताछ के लिए लेकर आई।
शिकायतकर्ता ग्लोबल फायर सर्विस के मालिक बलबीर सिंह ने अपने जानकार के सेक्टर-36 स्थित दफ्तर की फायर ब्रिगेड विभाग से एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। आरोपी ने इस फाइल की रिपोर्ट बना दी थी लेकिन चीफ फायर ऑफिसर को भेजने में आनाकानी कर रहा था। वह अपने पास फाइल लटका कर बैठा था। सुरजीत ने 35 हजार रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में सीबीआई को जानकारी दे दी। सीबीआई के निर्देश पर शिकायतकर्ता ने सुरजीत को फोन लगाकर रुपये देने को कहा और सौदा 30 हजार रुपये में तय हो गया। सुरजीत ने उसे डड्डूमाजरा स्थित टैक्सी स्टैंड पर रुपये लेकर बुलाया। शिकायतकर्ता जैसे हीरुपये देने पहुंचा सीबीआई ने सुरजीत को रंगेहाथ दबोच लिया। इस दौरान लोगों ने सीबीआई को घेर लिया और सुरजीत को जाने से रोकने की कोशिश करने लगे। सीबीआई आरोपी को वहां से निकालकर सेक्टर 42 स्थित बीएसएनएल के दफ्तर लेकर गई। इसके बाद सीबीआई की टीम सेक्टर 38 स्थित स्टेशन फायर ऑफिसर के दफ्तर गई। वहां से लैपटॉप, अलमारी में रखी फाइलें और अन्य दस्तावेजों भी अपने कब्जे में ले लीं।
अब शुक्रवार को सीबीआई आरोपी को अदालत में पेश करेगी। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि कितनी फाइलें एनओसी के लिए रुकी हैं और आरोपी पहले भी ऐसा कर चुका है या नहीं। आरोपी से देर रात तक सीबीआई आरोपी से बीएसएनएल में पूछताछ कर रही थी।
पहले भी सदन की बैठक में उठ चुके हैं सवाल
फायर ब्रिगेड विभाग की कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। सदन की
बैठक में तत्कालीन पार्षद अरुण सूद ने आरोप लगाया था कि फायर ऑफिसर चेकिंग
के नाम पर जाकर एक कार्ड थमाते हैं। जो लोग उस कार्ड पर लिखे पते से फायर
सेफ्टी का सामान खरीदते हैं, उनकी एनओसी तत्काल देने का वादा भी किया जाता
है। उस समय तत्कालीन आयुक्त केके यादव ने कहा था कि इसका सबूत मिल जाए तो
सबसे पहले कार्रवाई करूंगा। शिकायतकर्ता आकर मुझे सबूत के साथ शिकायत दे।
हालांकि इस संबंध में शिकायतकर्ता ने अपने आप को खतरा बताकर हाथ पीछे खींच लिया था।
लगातार चर्चाओं में बना है फायर ब्रिगेड विभाग
फायर ब्रिगेड विभाग हाल ही के दिनों में लगातार चर्चाओं में बना है। फायर
ब्रिगेड विभाग की भर्ती के दौरान फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए थे। उसके बाद
दूसरे दिन भी एक फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया। पुलिस फर्जी व असली अभ्यर्थियों
से पूछताछ कर रही है। इसमें सामने आया कि लिखित परीक्षा में भी गड़बड़ हुई
थी। तब तक यह नया मामला सामने आ गया है।