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Korba: मकान के कोने में बैठा था 12 फीट लंबा किंग कोबरा, घंटों चला रेस्क्यू, देखिए VIDEO
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोरबा
Published by: मोहनीश श्रीवास्तव
Updated Mon, 17 Oct 2022 04:43 PM IST
सार
कोरबा DFO प्रियंका पांडेय ने कहा कि क्षेत्र में किंग कोबरा को लेकर एक विशेष टीम काम कर रही। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से अपील भी की जा रही है किंग कोबरा देखे जाने पर तत्काल वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दें। फिलहाल रेस्क्यू किए गए कोबरा को दूर जंगल में छोड़ा गया है।
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कोरबा में मकान से रेस्क्यू किया गया 12 फीट लंबा किंग कोबरा।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक मकान से एक सांप को रेस्क्यू किया गया है। सांप मकान के कोने में छिपकर बैठा हुआ था। सूचना पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची और उनकी नजर सांप पर पड़ी तो हैरान रह गई। वह 12 फीट लंबा किंग कोबरा था। उसे घंटों की मशक्कत से टीम ने रेस्क्यू किया। इसके बाद पास के जंगल में छोड़ा तो लोग भड़क गए। हालांकि उन्हें समझाया गया कि यही जंगल कोबरा का स्थल है। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन का VIDEO भी सामने आया है।
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ग्रामीण की नजर पड़ी तो मकान में घुसा
कोरबा वन मंडल में पसरखेत क्षेत्र के ग्राम कोलगा निवासी चंद्रशेखर राठौर किसी काम से मदनपुर आया था। इस दौरान उसकी नजर आबादी क्षेत्र में बैठे बड़े से सांप पर पड़ी। इस पर उसने इसकी सूचना आरसीआरएस प्रमुख अविनाश यादव को दी। वह टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले ही सांप पास ही स्थित फिरतु राम के मकान में घुस गया। टीम पहुंची तो देखा कि सांप एक कोने में बैठा हुआ है। अविनाश ने सांप देखा तो पता चला कि वह विलुप्त प्रजाति का किंग कोबरा है।
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रेस्क्यू करने वाले पर फुंफकारने का किया प्रयास
अविनाश ने इसकी जानकारी कोरबा दक्षिण SDO आशीष खेरवार को दी। इसके बाद पसरखेत के डिप्टी रेंजर सहित कर्मचारी वहां पहुंच गए। फिर उनके निर्देश पर किंग कोबरा का रेस्क्यू शुरू हुआ। इस दौरान अविनाश ने कोबरा को पकड़ कर मकान से निकालने का प्रयास किया तो वह बार-बार उसी पर फुंफकारने का प्रयास करता। इस दौरान मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। अविनाश ने किसी तरह किंग कोबरा को घंटों की मशक्कत के बाद बाहर निकाला, लेकिन वह उसी पर झपट्टा मारने का प्रयास करता।
अविनाश ने इसकी जानकारी कोरबा दक्षिण SDO आशीष खेरवार को दी। इसके बाद पसरखेत के डिप्टी रेंजर सहित कर्मचारी वहां पहुंच गए। फिर उनके निर्देश पर किंग कोबरा का रेस्क्यू शुरू हुआ। इस दौरान अविनाश ने कोबरा को पकड़ कर मकान से निकालने का प्रयास किया तो वह बार-बार उसी पर फुंफकारने का प्रयास करता। इस दौरान मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। अविनाश ने किसी तरह किंग कोबरा को घंटों की मशक्कत के बाद बाहर निकाला, लेकिन वह उसी पर झपट्टा मारने का प्रयास करता।
पास के जंगल में छोड़ने पर ग्रामीणों ने जताया विरोध
हालांकि किसी तरह किंग कोबरा को रेस्क्यू ककर पास के जंगल में ले जाने लगे। इस पर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने कोबरा को वहां जंगल में छोड़ने पर एतराज जताया। कहा कि वह फिर किसी को निशाना बना सकता है। सूचना मिलने पर DFO प्रियंका पांडे भी पहुंच गईं। उन्होंने लोगों को समझाया। इसके बाद वन विभाग की टीम कोबरा को अंदर जंगल में छोड़कर आई। DFO प्रियंका पांडे ने बताया कि किंग कोबरा को मदनपुर इलाके में इससे पहले भी देखा गया है। यह 12 फिट से अधिक है और मोटाई भी काफी है। उसे रेस्क्यू कर जंगल मे छोड़ा गया है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किंग कोबरा
छत्तीसगढ़ में पहली बार किंग कोबरा की मौजूदगी को करीब 10 माह पहले सरकारी रिकार्ड में दर्ज किया गया है। कोरबा में करीब डेढ़ साल पहले घायल किंग कोबरा मिला था। उसके बाद वन विभाग ने पापुलेशन डेंसिटी सर्वे करने का फैसला किया। इसके बाद 3 माह में चार किंग कोबरा मिल गए। इनमें से एक की लंबाई 14 फीट थी। इस पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही केंद्रीय वन मंत्रालय को भेजा जाएगा। ताकि सांपों के डिस्ट्रिब्यूशन मानचित्र में छत्तीसगढ़ का नाम भी जुड़ जाए।
छत्तीसगढ़ में पहली बार किंग कोबरा की मौजूदगी को करीब 10 माह पहले सरकारी रिकार्ड में दर्ज किया गया है। कोरबा में करीब डेढ़ साल पहले घायल किंग कोबरा मिला था। उसके बाद वन विभाग ने पापुलेशन डेंसिटी सर्वे करने का फैसला किया। इसके बाद 3 माह में चार किंग कोबरा मिल गए। इनमें से एक की लंबाई 14 फीट थी। इस पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही केंद्रीय वन मंत्रालय को भेजा जाएगा। ताकि सांपों के डिस्ट्रिब्यूशन मानचित्र में छत्तीसगढ़ का नाम भी जुड़ जाए।