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Balod: बालोद में दम तोड़ता जलजीवन मिशन, बनने की जगह तोड़ी जा रहीं टंकिया; अब तक मात्र 135 प्रोजेक्ट हैंडओवर
अमर उजाला नेटवर्क, बालोद
Published by: आकाश दुबे
Updated Wed, 06 Aug 2025 06:11 PM IST
सार
बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा के आश्रित ग्राम रानीतराई में जल जीवन मिशन के तहत टंकी का निर्माण किया गया था, जिसके बाद पहली टेस्टिंग से ही टंकी की खामियां सामने आईं, जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत ने इसका विरोध किया।
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तोड़ी जाती मानकविहीन टंकी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बालोद जिले में जल जीवन मिशन की नाकामयाबी देखने को मिल रही है। जिले में इस अभियान के तहत 561 प्रोजेक्ट थे, जिसमें 453 पूरे हुए हैं और मात्र 135 ही हैंडओवर किए गए हैं। वहीं दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें दो टंकियों को तोड़वाया जा रहा है। वजह है पैमाने के अनुसार टंकी ना बनना। अब तक आपने टंकियों को बनते हुए देखा होगा लेकिन बालोद में टंकियों को तोड़ा जा रहा।
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बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा के आश्रित ग्राम रानीतराई में जल जीवन मिशन के तहत टंकी का निर्माण किया गया था, जिसके बाद पहली टेस्टिंग से ही टंकी की खामियां सामने आईं, जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत ने इसका विरोध किया। इसके बाद प्रशासन ने मामला संज्ञान में लिया और ठेकेदार को स्वयं ही तोड़ने के लिए कहा गया। लोक स्वास्थ्य विभाग के ईई सागर वर्मा ने बताया कि शिकायत के आधार पर पहले टीम का गठन किया गया, जांच में यह बात सामने आई कि निर्माण कार्य गुणवत्ताविहीन किया गया है, जिसके बाद ठेकेदार से लिखवाया गया है और तोड़ने के बाद उसी ठेकेदार द्वारा फिर से टंकी आ निर्माण किया जाएगा।
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जिले में योजना की स्थिति खराब
केंद्र की मोदी सरकार ने प्रत्येक गांव और प्रत्येक घर तक पानी पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी, लेकिन जिले में इस योजना के तहत कई गांव ऐसे हैं जहां नल तो पहुंचे लेकिन पानी का अता-पता नहीं है। विधायक संगीता सिन्हा ने पूरे मामले पर सरकार को घेरा है, उन्होंने कहा कि दो साल पहले सरकार जहां थी आज भी वहीं है। यहां जिस टंकी का जिक्र हो रहा है वो तय मानकों के हिसाब से नहीं बनी थी। इसकी शिकायत भी की गई थी और जब भी जल जीवन मिशन की बात को विधानसभा में रखा जाता है तो यही कहा जाता है कि काम चल रहा है, तो दिखता क्यों नहीं, लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।