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एसईसीएल ड्रोन सर्वे पर ग्रामीणों में आक्रोश: बिना अनुमति कार्रवाई पर विरोध, थाना परिसर में दिया धरना
अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा
Published by: राहुल तिवारी
Updated Mon, 01 Dec 2025 09:47 PM IST
सार
एसईसीएल द्वारा बिना अनुमति ड्रोन सर्वे किए जाने पर सराईसिंगार, हरदीबाजार और रेंकी के ग्रामीणों में आक्रोश दिखा। ग्रामीणों ने थाना परिसर में धरना देकर कार्रवाई रोकने, जांच कराने और आगे किसी भी सर्वे से पहले ग्राम सभा की अनुमति अनिवार्य करने की मांग उठाई।
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प्रदर्शन करते ग्रामीण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सराईसिंगार, हरदीबाजार और रेंकी के सरपंचों व ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला, जब एसईसीएल दीपका प्रबंधन द्वारा सोमवार को बिना सहमति और बिना पूर्व सूचना दिए गांवों में ड्रोन सर्वे किया जा रहा था। ग्रामीणों ने एसईसीएल की इस काम को देखते हुए हरदीबाजार थाना परिसर में धरना दिया और एसईसीएल के खिलाफ नारे लगाए।
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नरेश टण्डन ने बताया कि यह सर्वे बिना ग्राम सभा की अनुमति और बिना ग्रामवासियों की सहमति के गुपचुप तरीके से किया जा रहा है, जो अवैध और असंवैधानिक है। ग्रामीणों ने इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पाली को लिखित शिकायत भी सौंपी है, जिसमें मुख्य रूप से आपत्तियां और मांगे दर्ज की गई हैं।
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यह कार्रवाई भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के निराकरण से पहले की जा रही है, जिससे ग्रामवासियों के गरिमा से जीने के अधिकार का हनन हो रहा है। ग्रामीणों ने एसईसीएल से स्पष्ट करने की मांग की है कि यह सर्वे किस आधार और किस कानून के तहत कराया जा रहा है।
ग्रामीणों ने अधिकारियों से सवाल किया कि एसईसीएल, जो एक अनुषंगी कंपनी है, को थाना परिसर जैसे संवेदनशील स्थान से सर्वे कराने की क्या आवश्यकता पड़ी। यह प्रशासन की आड़ में खदान विस्तार करने की कोशिश प्रतीत होती है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि ग्राम सभा की अनुमति के बिना किए जा रहे ड्रोन सर्वे पर तत्काल रोक लगाई जाए। एसईसीएल से यह स्पष्ट कराया जाए कि सर्वे किस आधार पर कराया जा रहा है। पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। भविष्य में किसी भी सर्वे के लिए ग्राम सभा की अनुमति और ग्रामवासियों की सहमति अनिवार्य की जाए।
विरोध प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक मुआवजा, रोजगार, पुनर्वास और नई केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की दरों को लागू करने जैसी समस्याओं का प्रशासनिक निराकरण नहीं होता, तब तक गांव में किसी भी प्रकार का सर्वे या नापी कार्य नहीं होने दिया जाएगा।