मध्य प्रदेश की टीम ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई को हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी में रविवार (26 जून) को मैच के पांचवें और आखिरी दिन मध्य प्रदेश ने मैच को छह विकेट से अपने नाम किया। आदित्य श्रीवास्तव मध्य प्रदेश की टीम पहली बार चैंपियन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। वहीं, पृथ्वी शॉ फाइनल हारने वाले मुंबई के छठे कप्तान बन गए।
मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 374 रन बनाए। वहीं, मध्य प्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। दूसरी पारी में मुंबई की टीम ने 269 रन बनाए। इस तरह मध्य प्रदेश को मैच जीतने के लिए 108 रनों का लक्ष्य मिला। इसे उसने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। मध्य प्रदेश रणजी टॉफी जीतने वाली 20वीं टीम बन गई।
41 बार खिताब जीतने वाली मुंबई की टीम पिछली बार 2016/17 में फाइनल हारी थी। तब उसे गुजरात ने फाइनल में परास्त किया। उस वक्त मुंबई के कप्तान आदित्य तारे थे। मुंबई की टीम पहली बार फाइनल 1947/48 में हारी थी। उस समय टीम बॉन्बे के नाम से जानी जाती थी। केएसी इब्राहिम टीम के कप्तान थे। बॉम्बे को 1979/80 में दिल्ली के हाथों हार मिली थी। टीम की कमान सुनील गावस्कर के हाथों में थी।
कर्नाटक ने 1982/83 में बॉम्बे को हरा दिया था। टीम के कप्तान अशोक मांकड़ थे। 1990/91 में बॉम्बे को चौथी बार फाइनल में हार मिली थी। संजय मांजरेकर टीम के कप्तान थे। 1995 में बॉम्बे के नाम को आधिकारिक रूप से मुंबई कर दिया गया। फिर आदित्य तारे और पृथ्वी शॉ बतौर कप्तान फाइनल में हारे।
पिछले कुछ सालों में रणजी में नई टीमें उभर कर सामने आ रही हैं। 2014-15 से अब तक आठ सीजन में छह अलग-अलग टीमों ने खिताब अपने नाम किए हैं। 2014-15 में कर्नाटक, 2015-16 में मुंबई, 2016-17 में गुजरात, 2017-18 और 2018-19 में विदर्भ, 2019-20 में सौराष्ट्र और 2021-22 में मध्य प्रदेश की टीम चैंपियन बनी है। 2020-21 में कोरोना की वजह से टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया था।
विस्तार
मध्य प्रदेश की टीम ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई को हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी में रविवार (26 जून) को मैच के पांचवें और आखिरी दिन मध्य प्रदेश ने मैच को छह विकेट से अपने नाम किया। आदित्य श्रीवास्तव मध्य प्रदेश की टीम पहली बार चैंपियन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। वहीं, पृथ्वी शॉ फाइनल हारने वाले मुंबई के छठे कप्तान बन गए।
मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 374 रन बनाए। वहीं, मध्य प्रदेश ने पहली पारी में 536 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। दूसरी पारी में मुंबई की टीम ने 269 रन बनाए। इस तरह मध्य प्रदेश को मैच जीतने के लिए 108 रनों का लक्ष्य मिला। इसे उसने चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। मध्य प्रदेश रणजी टॉफी जीतने वाली 20वीं टीम बन गई।
41 बार खिताब जीतने वाली मुंबई की टीम पिछली बार 2016/17 में फाइनल हारी थी। तब उसे गुजरात ने फाइनल में परास्त किया। उस वक्त मुंबई के कप्तान आदित्य तारे थे। मुंबई की टीम पहली बार फाइनल 1947/48 में हारी थी। उस समय टीम बॉन्बे के नाम से जानी जाती थी। केएसी इब्राहिम टीम के कप्तान थे। बॉम्बे को 1979/80 में दिल्ली के हाथों हार मिली थी। टीम की कमान सुनील गावस्कर के हाथों में थी।
कर्नाटक ने 1982/83 में बॉम्बे को हरा दिया था। टीम के कप्तान अशोक मांकड़ थे। 1990/91 में बॉम्बे को चौथी बार फाइनल में हार मिली थी। संजय मांजरेकर टीम के कप्तान थे। 1995 में बॉम्बे के नाम को आधिकारिक रूप से मुंबई कर दिया गया। फिर आदित्य तारे और पृथ्वी शॉ बतौर कप्तान फाइनल में हारे।
पिछले कुछ सालों में रणजी में नई टीमें उभर कर सामने आ रही हैं। 2014-15 से अब तक आठ सीजन में छह अलग-अलग टीमों ने खिताब अपने नाम किए हैं। 2014-15 में कर्नाटक, 2015-16 में मुंबई, 2016-17 में गुजरात, 2017-18 और 2018-19 में विदर्भ, 2019-20 में सौराष्ट्र और 2021-22 में मध्य प्रदेश की टीम चैंपियन बनी है। 2020-21 में कोरोना की वजह से टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया था।