सत्ताधारी भाजपा ने राज्य की 70 सीटों में से 59 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। जैसा अनुमान लगाया जा रहा था अपना टिकट कटने और दावेदारी को उम्मीदवारी में तब्दील न होने पर मायूस लोगों में असंतोष फूट पड़ा है। कहीं-कहीं तो हताश दावेदारों ने सीधे-सीधे बगावत का बिगुल बजा दिया है। यह भी बताया गया है कि अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा में बगावत से सुर थामने के लिए कई वरिष्ठ लोगों को लगा दिया है। संघ के पदाधिकारी भी खामोश रहकर इस काम को अंजाम देने में लगे हैं। यह तो वक्त ही बताएगा कि भाजपा अपने कुनबे की बगावत पर कितना काबू पाएगी लेकिन फौरी तौर पर तो बगावत के सुरों ने पार्टी के पदाधिकारियों की पेशानी पर पसीना ला दिया है।
यमुनोत्री व गंगोत्री सीट पर खुलकर बगावत
उत्तरकाशी जनपद की तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी घोषित होते ही बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। यमुनोत्री सीट पर पूर्व दर्जाधारी व दावेदार ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। वहीं गंगोत्री सीट पर भी एक दावेदार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। पुरोला सीट पर दावेदार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अग्रिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं।
बृहस्पतिवार को भाजपा ने जनपद की तीनों (पुरोला, यमुनोत्री व गंगोत्री) सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की। सबसे अधिक करीब एक दर्जन दावेदार गंगोत्री सीट पर थे। यहां सुरेश चौहान को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं शांति रावत व सूरत राम नौटियाल अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अग्रिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं। शांति रावत का कहना है कि निवर्तमान विधायक की भावनाओं व उनके साथ अन्याय हुआ है। वहीं इसी सीट पर दावेदार पवन नौटियाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। पुरोला सीट पर दावेदार पूर्व विधायक राजेश जुवांठा का कहना है कि इस निर्णय से पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। यमुुनोत्री सीट पर दावेदार पूर्व राज्यमंत्री जगबीर भंडारी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही है। जगवीर भंडारी ने वर्ष 2012 में भाजपा से चुनाव लड़ा था।
कर्णप्रयाग में टीका मैखुरी ने किया निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कर्णप्रयाग सीट पर भाजपा में बगावत शुरू हो गई है। कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर अनिल नौटियाल को टिकट दिए जाने की घोषणा होते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ भाजपा पार्टी ने धोखा और अन्याय किया है। मैंने हमेशा पार्टी को अपनी मां के समान समझकर काम किया। कभी पार्टी से दगाबाजी नहीं की, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी का विरोध किया उनको पार्टी ने आगे किया। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2002 से लगातार टिकट की दौड़ में रहे हैं, लेकिन हर बार पार्टी की ओर से उनको निराशा हाथ लगी। कहा कि इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।
Uttarakhand BJP Candidate List: प्रत्याशियों की पहली सूची जारी, खटीमा से चुनाव लड़ेंगे मुख्यमंत्री धामी
निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हूं, सोचकर लूंगी फैसला : मुन्नी देवी शाह
थराली से भाजपा विधायक मुन्नी देवी शाह का टिकट कहने पर वे आहत हैं। मुन्नी देवी शाह का कहना है कि मेरा टिकट क्यों काटा गया, हाईकमान से इसका जवाब चाहिए। मैंने विधायक रहते हुए क्षेत्र के विकास में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को भी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता व पूरी जनता मेरे साथ थी। अगर सिटिंग विधायक का टिकट काटना ही था तो युवा और पार्टी में निष्ठावान एवं लंबे समय से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए था। भाजपा ने थराली से बिल्कुल नए और कांग्रेस पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दिया है, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। समर्थकों की ओर से मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, मैं इस बारे में सोच कर फैसला लूंगी।
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व दर्जाधारी जगवीर सिह भंडारी ने यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा में निष्ठावान और जमीन से जुडे़ हुए कार्याकर्ताओं की पहचान की कमी है। मेरे साथ हर बार धोखा किया जाता है। वह यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लडे़ंगे। जगवीर भंडारी ने 2012 में यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से भाजपा पार्टी से चुनाव लड़ा था, जिसमें इन्हें 12680 वोट मिले थे।
मगन सिंह बिष्ट ने तीखी प्रतिक्रिया जताई
देवप्रयाग विधानसभा सीट से सीटिंग विधायक विनोद कंडारी का नाम भाजपा प्रत्याशी के तौर पर घोषित होने पर टिकट के दौड़ में आगे माने जा रहे पूर्व प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने टिकट बंटवारे में धन-बल का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जन आकांक्षाओं के अनुरूप विधान सभा चुनाव में खड़े होंगे व इसका जबाब देंगे।
पूर्व प्रमुख ने कहा कि पैनल में सबसे ऊपर उनका नाम था, बावजूद इसके पार्टी के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों द्वारा सीटिंग विधायक को तरजीह दी गई। टिकट कटने से नाराज पूर्व प्रमुख बिष्ट सीटिंग विधायक पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अपने चहेतों व रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए विधायक ने सभी सीमाएं पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग सीट पर टिकट की सौदेबाजी हुई है। क्षेत्रीय जनता क्षेत्रीय व्यक्ति का साथ देकर उनको विजय बनाएगी।
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश सचिव ने छोड़ी भाजपा
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश सचिव सूरज घिल्डियाल ने डॉ. धन सिंह रावत को टिकट मिलने और डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी से निष्कासित किए जाने के विरोध में भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। घिल्डियाल ने कहा कि भाजपा ने डॉ. रावत को जिस प्रकार पार्टी से अपमानित कर मंत्रिमंडल और पार्टी से निष्कासित किया है, उससे वह आहत हैं। उन्होंने स्थानीय विधायक डॉ. धन सिंह रावत पर युवाओं और क्षेत्र की उपेक्षा का भी आरोप लगाया।
प्रदेश मंत्री बलबीर घुनियाल ने टिकट नहीं मिलने पर जताई नाराजगी
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री बलवीर घुनियाल को थराली विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने इसे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बताते हुए नाराजगी जताई। कहा कि इससे लंबे समय से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं का मनोबल कम हुआ है।
थराली विधानसभा सीट में पिंडर थराली, देवाल, नारायणबगड़ तथा घाट ब्लॉक शामिल है। बलवीर घुनियाल 2007 से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को भाजपा ने 59 प्रत्याशियों की घोषणा की, जिसमें थराली सीट से भूपालराम टम्टा का नाम शामिल है।
पार्टी की ओर से भूपालराम टम्टा को अपना प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी के प्रदेश मंत्री बलवीर घुनियाल ने कहा कि वर्ष 2017 में भी उनका टिकट अंतिम समय में काट दिया गया। इस बार भी उनका टिकट अंतिम समय में काट दिया गया। उन्होंने कहा कि भूपाल राम टम्टा 2018 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए। पार्टी अगर ऐसा करेगी तो भाजपा से कार्यकर्ता कैसे जुड़ेंगे। कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट देना कार्यकर्ताओं की उपेक्षा है। वहीं, टिकट नहीं मिलने पर सिटिंग विधायक मुन्नी देवी शाह से बात करनी चाही तो उनका फोन नहीं लगा।
नरेंद्रनगर विधानसभा से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के टिकट पर मोहर लगने के बाद पूर्व विधायक और भाजपा नेता ओम गोपाल रावत बगावत पर उतर आए हैं। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की जनता को गाली देने वाले नेता को भाजपा ने विधानसभा का टिकट दे दिया, जबकि राज्य आंदोलन के दौरान गोली खाने वाले आंदोलनकारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ओम गोपाल रावत ने सुबोध उनियाल के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया है।
क्यों लड़ सकते हैं निर्दलीय चुनाव
पूर्व में ओम गोपाल रावत के आम आदमी पार्टी और यूकेडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ओम गोपाल रावत ने भाजपा का दामन नहीं छोड़ा। ओम गोपाल रावत को लगता है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ कर भाजपा के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं। हालांकि यूकेडी और आप में भी उनके लिए पूरी तरह से दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।
कुमाऊं से 23 पर प्रत्याशियों के नामों का एलान
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ने कुमाऊं से विधानसभा की 29 सीटों में से 23 पर प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है। इन 23 सीटों पर अधिकतर पर सिटिंग विधायकों को ही टिकट दिए गए हैं, जबकि विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान समेत चार विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। टिकट कटने और टिकट नहीं मिलने से नाराज दावेदारों ने अपनी नाराजगी तो खुलकर जाहिर नहीं की है लेकिन उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक पर नाराजगी जताई है।
गंगोलीहाट : मीना के लिए टिकट पर पुनर्विचार करने की मांग
मोदी लहर में भाजपा के टिकट पर गंगोलीहाट विधानसभा से मीना गंगोला ने 2017 में कांग्रेस के दो बार के विधायक नारायण राम आर्य को पटकनी देकर जिले की पहली महिला विधायक बनी। दोपहर बाद भाजपा की सूची जारी होने पर मीना गंगोला का नाम नहीं होने पर उनके समर्थकों ने नाराजगी जताई। हालांकि मीना ने मौन साध रखा है। धारचूला से धन सिंह धामी को टिकट देने पर बगावत शुरू हो गई है। मुनस्यारी में दर्जनों भाजपाइयों ने इस्तीफा दिया है। वहीं द्वाराहाट से भूतपूर्व ब्लॉक प्रमुख ममता भट्ट ने भी भाजपा से इस्तीफा दिया है।
किच्छा : अजय तिवारी लड़ सकते हैं निर्दलीय
भाजपा से टिकट के दावेदार समाजसेवी अजय तिवारी भी भाजपा से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में नामांकन कर सकते हैं। टिकट घोषणा के बाद अजय तिवारी ने ने कहा कि समर्थक टिकट नहीं मिले से मायूस हैं। तिवारी ने कहा शुक्रवार सुबह समर्थकों के साथ बैठक करके उनकी राय के आधार पर निर्दलीय चुनाव लड़ने या पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार का निर्णय लेंगे।
अल्मोड़ा : टिकट काटने से पहले पूछे नहीं जाने दुखी चौहान
अल्मोड़ा सीट से पूर्व विधायक कैलाश शर्मा के नाम की मुहर लगने के बाद वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह चौहान के तेवर बगावती तो नहीं हैं लेकिन हाईकमान के फैसले से दुखी जरूर हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक बार भी नहीं पूछा कि चुनाव लड़ोगे या नहीं। वे पार्टी के निर्णय का सम्मान करते हैं लेकिन इस चुनाव में वे कितना काम करेंगे यह स्पष्ट नहीं है।
द्वाराहाट : महेश दुखी, कैलाश के बागी तेवर
द्वाराहाट विधानसभा सीट से अनिल शाही के भाजपा उम्मीदवार घोषित होने के बाद टिकट के दावेदार कैलाश भट्ट के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं। फोन पर हुई बातचीत में कैलाश भट्ट का कहना है कि समर्थकों व कार्यकर्ताओं के भारी दबाव के चलते वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। उधर, टिकट काटे जाने पर भाजपा विधायक महेश नेगी ने किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
रामनगर : टिकट नहीं मिलने से दावेदारों में बगावत शुरू
विधायक दीवान सिंह बिष्ट को टिकट मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की अंदरूनी कलह सामने आने लगी। एक दावेदार ने पार्टी के सर्वे पर ही सवालिया निशान लगा दिए हैं। वहीं अन्य दावेदारों ने चुप्पी साध ली है। सांसद प्रतिनिधि एवं ब्लॉक प्रमुख रेखा रावत के पति इंदर रावत खासे नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि समर्थकों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे।
नैनीताल : सरिता के टिकट से दुखी हुए दावेदार
तीन दिन पहले कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष का पद और पार्टी छोड़कर आने वाली सरिता आर्य को भाजपा का टिकट मिलने से नैनीताल से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे भाजपाई नाराज हैं। हालांकि कोई खुलकर तो नहीं बोल रहा है लेकिन अंदरखाने नाराजगी स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है। इस सीट से भाजपा के टिकट के लिए दिनेश चंद्र आर्या, मोहन पाल, प्रकाश आर्या, कमला आर्या और हेम आर्या ने दावेदारी की थी।
विस्तार
सत्ताधारी भाजपा ने राज्य की 70 सीटों में से 59 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। जैसा अनुमान लगाया जा रहा था अपना टिकट कटने और दावेदारी को उम्मीदवारी में तब्दील न होने पर मायूस लोगों में असंतोष फूट पड़ा है। कहीं-कहीं तो हताश दावेदारों ने सीधे-सीधे बगावत का बिगुल बजा दिया है। यह भी बताया गया है कि अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा में बगावत से सुर थामने के लिए कई वरिष्ठ लोगों को लगा दिया है। संघ के पदाधिकारी भी खामोश रहकर इस काम को अंजाम देने में लगे हैं। यह तो वक्त ही बताएगा कि भाजपा अपने कुनबे की बगावत पर कितना काबू पाएगी लेकिन फौरी तौर पर तो बगावत के सुरों ने पार्टी के पदाधिकारियों की पेशानी पर पसीना ला दिया है।
यमुनोत्री व गंगोत्री सीट पर खुलकर बगावत
उत्तरकाशी जनपद की तीनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी घोषित होते ही बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। यमुनोत्री सीट पर पूर्व दर्जाधारी व दावेदार ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। वहीं गंगोत्री सीट पर भी एक दावेदार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। पुरोला सीट पर दावेदार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अग्रिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं।
बृहस्पतिवार को भाजपा ने जनपद की तीनों (पुरोला, यमुनोत्री व गंगोत्री) सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की। सबसे अधिक करीब एक दर्जन दावेदार गंगोत्री सीट पर थे। यहां सुरेश चौहान को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं शांति रावत व सूरत राम नौटियाल अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अग्रिम निर्णय लेने की बात कह रहे हैं। शांति रावत का कहना है कि निवर्तमान विधायक की भावनाओं व उनके साथ अन्याय हुआ है। वहीं इसी सीट पर दावेदार पवन नौटियाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है। पुरोला सीट पर दावेदार पूर्व विधायक राजेश जुवांठा का कहना है कि इस निर्णय से पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। यमुुनोत्री सीट पर दावेदार पूर्व राज्यमंत्री जगबीर भंडारी ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही है। जगवीर भंडारी ने वर्ष 2012 में भाजपा से चुनाव लड़ा था।
कर्णप्रयाग में टीका मैखुरी ने किया निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद कर्णप्रयाग सीट पर भाजपा में बगावत शुरू हो गई है। कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर अनिल नौटियाल को टिकट दिए जाने की घोषणा होते ही भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे साथ भाजपा पार्टी ने धोखा और अन्याय किया है। मैंने हमेशा पार्टी को अपनी मां के समान समझकर काम किया। कभी पार्टी से दगाबाजी नहीं की, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी का विरोध किया उनको पार्टी ने आगे किया। उन्होंने कहा कि वे वर्ष 2002 से लगातार टिकट की दौड़ में रहे हैं, लेकिन हर बार पार्टी की ओर से उनको निराशा हाथ लगी। कहा कि इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।
Uttarakhand BJP Candidate List: प्रत्याशियों की पहली सूची जारी, खटीमा से चुनाव लड़ेंगे मुख्यमंत्री धामी
निर्दलीय चुनाव लड़ सकती हूं, सोचकर लूंगी फैसला : मुन्नी देवी शाह
थराली से भाजपा विधायक मुन्नी देवी शाह का टिकट कहने पर वे आहत हैं। मुन्नी देवी शाह का कहना है कि मेरा टिकट क्यों काटा गया, हाईकमान से इसका जवाब चाहिए। मैंने विधायक रहते हुए क्षेत्र के विकास में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को भी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता व पूरी जनता मेरे साथ थी। अगर सिटिंग विधायक का टिकट काटना ही था तो युवा और पार्टी में निष्ठावान एवं लंबे समय से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए था। भाजपा ने थराली से बिल्कुल नए और कांग्रेस पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दिया है, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। समर्थकों की ओर से मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, मैं इस बारे में सोच कर फैसला लूंगी।