सोमवार देर रात को उत्तराखंड में हुई बारिश के कारण नैनीताल में लोगों की जान सूख गई। अचानक से नैनीझील का जलस्तर काफी बढ़ गया। जिसके बाद पानी माल रोड तक पहुंच गया।
बारिश की संभावना को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र ने झील नियंत्रण कक्ष कर्मी रमेश सिंह के साथ मौका मुआयना कर उच्चाधिकारियों से बात की।
इसके बाद झील के ऊपरी गेट खुलवाए गए। इसके बाद जाकर जलस्तर कुछ कम हुआ। बताया जा रहा है कि, झील का जलस्तर 12 फीट डेढ़ इंच पहुंच गया था, जो कि सामान्य से काफी ज्यादा था।
सरोवर नगरी में दो माह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते इस साल दो बार झील का गेट खोला जा चुका है। झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि सितम्बर माह में झील का अधिकतम जलस्तर 12 फ़ीट से नीचे रहना चाहिए। लेकिन मंगलवार सुबह को जलस्तर 12 फ़ीट से ज्यादा था। पानी माल रोड पर पहुँचने वाला था। इसे देखते हुए झील का ऊपरी गेट खोल दिया गया है।
वहीं बारिश के कारण ही हरिनगर में सोमवार सुबह फिर दो पहाड़ियां टूटकर बलियानाले में समा गईं। सुबह सात बजे हुए भारी भूस्खलन से स्थानीय लोग दहशत में आ गए और छाता लगाकर बारिश में ही घरों से बाहर भाग खड़े हो गए।
जीआईसी के खेल मैदान से सटी एक पहाड़ी और कुछ घरों में भी दरारें आ गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग 35 फुट क्षेत्र नाले में समा गया है। भारी भूस्खलन की आशंका को देखते हुए एडीएम प्रशासन हरबीर सिंह ने सात परिवारों के 38 सदस्यों को जीजीआईसी में शिफ्ट किया गया है।
अल्मोड़ा के स्याल्दे ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल में तैनात चार शिक्षकों की कार धनगढ़ी नाले की बाढ़ में बह गई। स्थानीय लोगों की मदद से सभी शिक्षकों को बचा लिया गया।
ग्राम कानिया निवासी योगेंद्र सिंह बिष्ट, मोहल्ला भरतपुरी के हरीश चंद्र, काशीपुर के कृष्ण कुमार, स्याल्दे निवासी खुशहाल सिंह स्याल्दे ब्लॉक अल्मोड़ा के जूनियर हाईस्कूल कल्याणपुरी में शिक्षक हैं।
वह रोजाना एक कार से स्कूल जाते हैं। सोमवार सुबह छह बजे स्कूल जाते समय योगेंद्र सिंह बिष्ट की वेगनआर कार यूके 04एम 7461 से निकले थे। करीब साढ़े छह बजे उनकी कार धनगढ़ी नाले के बीच में बंद हो गई, तब बहाव कम था। काफी देर तक प्रयास करने के बावजूद कार स्टार्ट नहीं हुई और वे वहीं फंस गए।
सोमवार देर रात को उत्तराखंड में हुई बारिश के कारण नैनीताल में लोगों की जान सूख गई। अचानक से नैनीझील का जलस्तर काफी बढ़ गया। जिसके बाद पानी माल रोड तक पहुंच गया।
बारिश की संभावना को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र ने झील नियंत्रण कक्ष कर्मी रमेश सिंह के साथ मौका मुआयना कर उच्चाधिकारियों से बात की।
इसके बाद झील के ऊपरी गेट खुलवाए गए। इसके बाद जाकर जलस्तर कुछ कम हुआ। बताया जा रहा है कि, झील का जलस्तर 12 फीट डेढ़ इंच पहुंच गया था, जो कि सामान्य से काफी ज्यादा था।
सरोवर नगरी में दो माह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते इस साल दो बार झील का गेट खोला जा चुका है। झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि सितम्बर माह में झील का अधिकतम जलस्तर 12 फ़ीट से नीचे रहना चाहिए। लेकिन मंगलवार सुबह को जलस्तर 12 फ़ीट से ज्यादा था। पानी माल रोड पर पहुँचने वाला था। इसे देखते हुए झील का ऊपरी गेट खोल दिया गया है।