हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े के नागा संन्यासी, पूर्व अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत भगवतपुरी बुधवार को बह्मलीन हो गए। वे 100 वर्ष के थे। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे दिवंगत श्रीमहंत ने जौलीग्रांट के हिमालयन इंस्टीट्यूट में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार समाधि के रूप में बागपत जिले के खट्टा प्रहलादपुर में किया जाएगा।
स्वामी भगवतपुरी वर्तमान में भी 16 मड़ी के सभापति थे। उन्होंने दशकों तक जूना अखाड़े के सभापति पद पर रहते हुए अनेक कार्य किए। उनकी पार्थिव देह को बृहस्पतिवार सवेरे बागपत के खट्टा प्रहलादपुर में ले जाया जाएगा। वहां उन्होंने 70 वर्षों तक साधना की। उनके निधन का समाचार सुनते ही अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि हरिद्वार पहुंच गए हैं।
श्रीमहंत हरिगिरि ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने हरिद्वार, नासिक, उज्जैन, प्रयाग, वृंदावन, हरियाणा और पंजाब में अनेक निर्माण कार्य कराए। वर्तमान सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि ने कहा कि भागवतपुरी संगठनात्मक क्षमा के धनी थे।
उनके पार्थिव देह शोभा यात्रा के रूप में नगर भ्रमण को पहुंची। इस यात्रा का नेतृत्व श्रीमहंत प्रेम गिरि, केदार पुरी और महेश पुरी कर रहे थे। अंतिम यात्रा में मछंदर पुरी, सोहन गिरि, राम गिरि, राजराजेश्वरपुरी, धीरेंद्रपुरी, रणधीर गिरि, लाल भारती, देवानंद गिरि, गोपालानंद पुरी, गोरीशंकर पुरी आदि ने भाग लिया। म
हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े के नागा संन्यासी, पूर्व अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत भगवतपुरी बुधवार को बह्मलीन हो गए। वे 100 वर्ष के थे। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे दिवंगत श्रीमहंत ने जौलीग्रांट के हिमालयन इंस्टीट्यूट में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार समाधि के रूप में बागपत जिले के खट्टा प्रहलादपुर में किया जाएगा।
स्वामी भगवतपुरी वर्तमान में भी 16 मड़ी के सभापति थे। उन्होंने दशकों तक जूना अखाड़े के सभापति पद पर रहते हुए अनेक कार्य किए। उनकी पार्थिव देह को बृहस्पतिवार सवेरे बागपत के खट्टा प्रहलादपुर में ले जाया जाएगा। वहां उन्होंने 70 वर्षों तक साधना की। उनके निधन का समाचार सुनते ही अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि हरिद्वार पहुंच गए हैं।
श्रीमहंत हरिगिरि ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने हरिद्वार, नासिक, उज्जैन, प्रयाग, वृंदावन, हरियाणा और पंजाब में अनेक निर्माण कार्य कराए। वर्तमान सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि ने कहा कि भागवतपुरी संगठनात्मक क्षमा के धनी थे।
उनके पार्थिव देह शोभा यात्रा के रूप में नगर भ्रमण को पहुंची। इस यात्रा का नेतृत्व श्रीमहंत प्रेम गिरि, केदार पुरी और महेश पुरी कर रहे थे। अंतिम यात्रा में मछंदर पुरी, सोहन गिरि, राम गिरि, राजराजेश्वरपुरी, धीरेंद्रपुरी, रणधीर गिरि, लाल भारती, देवानंद गिरि, गोपालानंद पुरी, गोरीशंकर पुरी आदि ने भाग लिया। म