केएलडीएवी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई इस बार भी अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रही। पिछले साल की तुलना में जीत अंतर भले ही कम रहा हो, लेकिन एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशी एनएसयूआई के किले में सेंध लगाने में नाकाम रहे। पिछले चुनाव में एनएसयूआई ने जहां 195 वोटों से अध्यक्ष पद पर कब्जा किया था तो इस बार यह अंतर घटकर 106 रह गया।
वर्ष 2017-18 के छात्रसंघ चुनाव में केएलडीएवी कॉलेज में एबीवीपी ने बाजी मारी थी। इस चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था। वहीं, वर्ष 2018-19 के छात्रसंघ चुनाव में बहुजन छात्रसंघ ने भी किस्मत आजमाई थी। लिहाजा मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। इसमें एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी ने 415 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं, पहली बार चुनाव में उतरी बहुजन छात्रसंघ, एबीवीपी को तीसरे नंबर पर धकेलते हुए उपविजेता रही थी। बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशी को 220 और एबीवीपी को 188 मत मिले थे।
ऐसे में इस बार छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशियों ने एनएसयूआई से जीत छीनने के लिए दिनरात एक कर दिया था, लेकिन सोमवार को आए नतीजों में एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के मंसूबों पर पानी फिर गया। हालांकि, एनएसयूआई के जीत का अंतर जरूर कम हुआ है। इस चुनाव में एनएसयूआई के प्रत्याशी को 106 मतों से जीत मिली है जबकि पिछले सत्र में यह अंतर 195 था। इससे साफ होता है कि एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ, एनएसयूआई का ग्राफ कम करने में तो सफल रहे, लेकिन खिताब नहीं छीन सकी हैं।
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केएलडीएवी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई इस बार भी अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रही। पिछले साल की तुलना में जीत अंतर भले ही कम रहा हो, लेकिन एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशी एनएसयूआई के किले में सेंध लगाने में नाकाम रहे। पिछले चुनाव में एनएसयूआई ने जहां 195 वोटों से अध्यक्ष पद पर कब्जा किया था तो इस बार यह अंतर घटकर 106 रह गया।
वर्ष 2017-18 के छात्रसंघ चुनाव में केएलडीएवी कॉलेज में एबीवीपी ने बाजी मारी थी। इस चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हुआ था। वहीं, वर्ष 2018-19 के छात्रसंघ चुनाव में बहुजन छात्रसंघ ने भी किस्मत आजमाई थी। लिहाजा मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। इसमें एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी ने 415 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं, पहली बार चुनाव में उतरी बहुजन छात्रसंघ, एबीवीपी को तीसरे नंबर पर धकेलते हुए उपविजेता रही थी। बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशी को 220 और एबीवीपी को 188 मत मिले थे।
ऐसे में इस बार छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के प्रत्याशियों ने एनएसयूआई से जीत छीनने के लिए दिनरात एक कर दिया था, लेकिन सोमवार को आए नतीजों में एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ के मंसूबों पर पानी फिर गया। हालांकि, एनएसयूआई के जीत का अंतर जरूर कम हुआ है। इस चुनाव में एनएसयूआई के प्रत्याशी को 106 मतों से जीत मिली है जबकि पिछले सत्र में यह अंतर 195 था। इससे साफ होता है कि एबीवीपी और बहुजन छात्रसंघ, एनएसयूआई का ग्राफ कम करने में तो सफल रहे, लेकिन खिताब नहीं छीन सकी हैं।