आखिरकार छह दिन इंतजार कराने के बाद कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के लिए पार्टी के दरवाजे खोल दिए। शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड (जीआरजी) में बने वार रूम में डॉ. हरक ने पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के साथ विधिवत रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। वह बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन से टिकट दे सकती है। इस दौरान खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को पार्टी का पटका पहनाकर उनका स्वागत किया। इधर, हरक की पार्टी में वापसी के साथ ही देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय भवन में आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया।
कांग्रेस नेताओं से नजदीकी के चलते 16 जनवरी को भाजपा ने डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें मंत्रिमंडल से भी हटा दिया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद ही डॉ. हरक सिंह रावत के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं थीं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से इसके लिए हरी झंडी नहीं मिल पा पा रही थी।
उत्तराखंड की सियासत: चार सरकारों में मंत्री रहने वाले हरक कभी पूरा नहीं कर पाए कार्यकाल
लिखित माफी के बाद मिली सोनिया-राहुल की हरी झंडी
आखिरकर छठे दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद के यह मामला सुलझ पाया। बताया जा रहा है कि डॉ. हरक सिंह रावत की ओर से वर्ष 2016 की घटना के लिए खेद जताने और लिखित रूप से माफी मांगने के बाद उनकी कांग्रेस पार्टी में पुन: वापसी हुई है। इसके साथ ही डॉ. हरक एक परिवार-एक टिकट के फार्मूले के साथ ही पार्टी में काम करेंगे। इस फार्मूले के तहत उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडोन से टिकट दिया जाएगा। जबकि हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव में विभिन्न सीटों पर पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
इससे पूर्व पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने वर्चुअली डॉ. हरक सिंह रावत से बातचीत की। दोपहर में पार्टी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडेय, प्रदेश प्रभारी देवेेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह, राजेश धर्माणी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार से बगावत दुर्भाग्यपूर्ण थी। उस वक्त कांग्रेस पार्टी छोड़ना उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल थी। इसके लिए वह कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं, नेताओं और उत्तराखंड के लोगों से माफी मांगते हैं। शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मीडिया को जारी बयान में डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वह बगैर शर्त पार्टी में शामिल हुए हैं। अब कांग्रेस को सत्ता में लाना ही उनका लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास में हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार के आगे भाजपा सरकार दूर-दूर तक भी मुकाबला नहीं कर पाई। जनता से झूठे वादे कर लोकतंत्र को अपमानित करने वाली भाजपा ने आगामी चुनावों में वोट मांगने का नैतिक अधिकार भी खो दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वापसी के लिए पूरी ताकत के साथ काम करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2016 में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर अपनी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों दुरुपयोग किया था।
भाजपा ने दिया था डबल इंजन से डबल विकास का भरोसा
पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा भाजपा नेताओं ने वर्ष 2016 में उन्हें भरोसा दिलाया था कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनने पर तमाम समस्याओं को सुलझाने में केंद्र सरकार से विशेष सहायता मिलेगी। यही वादे दोबारा 2017 के विधानसभा चुनावों में भी दोहराए गए। भाजपा सरकार बनने पर उन्होंने इन वायदों को पूरा करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं से कई बार आग्रह किया, लेकिन वह हर बार विचार-विमर्श की बात कहकर टालते रहे। सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद यह वादे जुमले साबित हुए। इसके बाद ही उन्होंने भाजपा छोड़ने का फैसला ले लिया था।
हरीश रावत सरकार ने ज्यादा बेहतर काम किया: हरक
डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि जब उन्होंने भाजपा व पूर्व कांग्रेस सरकार का तुलनात्मक अध्ययन किया तो वह इस नतीजे पर पहुंचे कि प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने और विकास में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार का बेहतरीन योगदान रहा है। भाजपा सरकार का उनसे दूर-दूर तक मुकाबला नहीं है।
पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत हुए बागी, कांग्रेस में शामिल होंगे
टिहरी जिले की नरेंद्रनगर सीट से विधायक रहे ओम गोपाल रावत कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि इस संबंध में उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत हो गई, लेकिन अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
इससे पूर्व शुक्रवार दोपहर ओम गोपाल रावत पूर्व सीएम हरीश रावत से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मिलने पहुंचे। दोनों नेताओं की बातचीत करते हुए फोटो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई। जबकि एक दिन पहले खुद ओम गोपाल रावत एक वीडियो जारी कर कांग्रेस पार्टी में जाने की बात चुके हैं। ओम गोपाल वर्ष 2007 में यूकेडी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। वर्ष 2012 में भी ओम ने चुनाव लड़ा था, लेकिन तब वह सुबोध उनियाल से हार गए थे।
इसके बाद वर्ष 2017 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। लेकिन सुबोध उनियाल के बीजेपी में आ जाने के बाद पार्टी ने उन्हें टिकट थमा दिया है और ओम गोपाल खाली हाथ रह गए। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरकर ताल ठोकी और अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। सुबोध उनियाल को करीब 24 हजार मत मिले थे, जबकि ओम गोपाल रावत ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 19 हजार से अधिक मत पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। अब 2022 के समर में भी पार्टी ने नरेंद्रनगर सीट से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद ओम गोपाल रावत ने खुद की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस में जाने का एलान कर दिया।
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आखिरकार छह दिन इंतजार कराने के बाद कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के लिए पार्टी के दरवाजे खोल दिए। शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड (जीआरजी) में बने वार रूम में डॉ. हरक ने पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के साथ विधिवत रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। वह बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन से टिकट दे सकती है। इस दौरान खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को पार्टी का पटका पहनाकर उनका स्वागत किया। इधर, हरक की पार्टी में वापसी के साथ ही देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय भवन में आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया।
कांग्रेस नेताओं से नजदीकी के चलते 16 जनवरी को भाजपा ने डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें मंत्रिमंडल से भी हटा दिया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद ही डॉ. हरक सिंह रावत के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं थीं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से इसके लिए हरी झंडी नहीं मिल पा पा रही थी।
उत्तराखंड की सियासत: चार सरकारों में मंत्री रहने वाले हरक कभी पूरा नहीं कर पाए कार्यकाल
लिखित माफी के बाद मिली सोनिया-राहुल की हरी झंडी
आखिरकर छठे दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद के यह मामला सुलझ पाया। बताया जा रहा है कि डॉ. हरक सिंह रावत की ओर से वर्ष 2016 की घटना के लिए खेद जताने और लिखित रूप से माफी मांगने के बाद उनकी कांग्रेस पार्टी में पुन: वापसी हुई है। इसके साथ ही डॉ. हरक एक परिवार-एक टिकट के फार्मूले के साथ ही पार्टी में काम करेंगे। इस फार्मूले के तहत उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडोन से टिकट दिया जाएगा। जबकि हरक सिंह रावत विधानसभा चुनाव में विभिन्न सीटों पर पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
इससे पूर्व पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने वर्चुअली डॉ. हरक सिंह रावत से बातचीत की। दोपहर में पार्टी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडेय, प्रदेश प्रभारी देवेेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, सह प्रभारी दीपिका पांडेय सिंह, राजेश धर्माणी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।