तीर्थ नगरी हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला-2021 के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महत्वपूर्ण कार्यों का प्रस्ताव सरकार को भेेजा है। परिषद ने सभी 13 अखाड़ों के इष्ट देवों के नाम से स्नान घाटों का नामकरण करने और नीलधारा स्थित भू समाधि स्थल को औपचारिक रूप से अखाड़ा परिषद को सौंपने की मांग रखी है। परिषद के प्रस्ताव को लेकर 28 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। इसमें परिषद के प्रस्ताव पर सरकार निर्णय ले सकती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि की ओर से पांच कार्यों का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जिसमें कुंभ मेला में हरिद्वार के सभी प्रमुख स्नान घाटों का नाम अखाड़ों के इष्ट देवों के नाम पर रखा जाए। नवरात्र शुरू होने से पहले पंच दशनाम जूना भैरव अखाड़ा की ओर से हर साल हरिद्वार से छड़ी यात्रा निकाली जाती है।
इस यात्रा को अनुमति देने के साथ ही यात्रा मार्ग पर आवश्यक व्यवस्था और सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। कुंभ मेले के दौरान स्थायी और अस्थायी छावनी स्थलों का अखाड़ा परिषद को निरीक्षण कराया जाए। मेला क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कें, संपर्क और मनसा देवी बाईपास का शीघ्र निर्माण किया जाए।
अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि परिषद के प्रस्ताव पर विचार विमर्श के लिए 28 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। इसमें कुंभ मेला से संबंधित विभागों के अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए पत्र भेजा है।
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तीर्थ नगरी हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला-2021 के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महत्वपूर्ण कार्यों का प्रस्ताव सरकार को भेेजा है। परिषद ने सभी 13 अखाड़ों के इष्ट देवों के नाम से स्नान घाटों का नामकरण करने और नीलधारा स्थित भू समाधि स्थल को औपचारिक रूप से अखाड़ा परिषद को सौंपने की मांग रखी है। परिषद के प्रस्ताव को लेकर 28 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। इसमें परिषद के प्रस्ताव पर सरकार निर्णय ले सकती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि की ओर से पांच कार्यों का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जिसमें कुंभ मेला में हरिद्वार के सभी प्रमुख स्नान घाटों का नाम अखाड़ों के इष्ट देवों के नाम पर रखा जाए। नवरात्र शुरू होने से पहले पंच दशनाम जूना भैरव अखाड़ा की ओर से हर साल हरिद्वार से छड़ी यात्रा निकाली जाती है।
इस यात्रा को अनुमति देने के साथ ही यात्रा मार्ग पर आवश्यक व्यवस्था और सुरक्षा का इंतजाम किया जाए। कुंभ मेले के दौरान स्थायी और अस्थायी छावनी स्थलों का अखाड़ा परिषद को निरीक्षण कराया जाए। मेला क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कें, संपर्क और मनसा देवी बाईपास का शीघ्र निर्माण किया जाए।
अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि परिषद के प्रस्ताव पर विचार विमर्श के लिए 28 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई है। इसमें कुंभ मेला से संबंधित विभागों के अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए पत्र भेजा है।