सरकारी चिकित्सालय, डोईवाला में कैंप लगाकर आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों के फर्जी गोल्डन कार्ड बनवाने का मामला प्रकाश में आया है। डोईवाला निवासी राजेश द्विवेदी की शिकायत के बाद सामने आए इस मामले में शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
मामले में जांच की बात कही जा रही है। पीड़ित की ओर से इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय, डायरेक्टर जनरल हेल्थ, सीएमओ देहरादून, जिलाधिकारी देहरादून, चीफ सेक्रेटरी और एसडीएम डोईवाला से की गई है।मिस्सरवाला, डोईवाला निवासी राजेश द्विवेदी ने पिछले साल 9 दिसंबर 2019 को सरकारी चिकित्सालय, डोईवाला में लगे विशेष कैंप में अपना, पत्नी और दो पुत्रों का आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाया था।
गुरुवार राजेश द्विवेदी एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचे तो उन्होंने अपना आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत किया। अस्पताल प्रशासन की आरे से कार्ड की जांच की गई तो वह फर्जी पाया गया। इसके बाद द्विवेदी ने अपनी पत्नी और बच्चों के कार्ड की भी जांच कराई तो वे भी फर्जी पाए गए। इसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत सीएससी हेड (आयुष्मान भारत) देहरादून पंकज नेगी से की।
उन्होंने तुरंत की इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों और शासन स्तर पर करने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने ई-मेल के माध्यम से इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय, डायरेक्टर जनरल हेल्थ, सीएमओ देहरादून, जिलाधिकारी देहरादून, चीफ सेक्रेटरी, उत्तराखंड सरकार और एसडीएम, डोईवाला को लिखित रूप में दी।
द्विवेदी ने बताया कि उनके यह चारों कार्ड आधार कार्ड के आधार पर बायोमेट्रिक के जरिए जारी किए गए थे। इसके लिए कैंप में उनसे प्रति कार्ड 70 रुपये कुल 280 रुपये शुल्क भी वसूला गया था। उन्होंने बताया कि उस दौरान करीब चार दिन तक लगातार सरकारी अस्पताल में कैंप चला था। हजारों लोगों ने कैंप में गोल्डन कार्ड बनवाए थे। उन्होंने इस मामले में धोखाधड़ी की आशंका जताते हुए उच्च स्तर पर जांच की मांग की है।
मामले की शिकायत हमें मिली है। यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। इसमें शीघ्र ही पीड़ित को बुलाकर तथ्यों की जांच की जाएगी। यदि शिकायत सही पाई जाती है तो इसमें उच्च स्तर पर कार्रवाई होना तय है।
- लक्ष्मीराज चौहान, उपजिलाधिकारी, डोईवाला
अभी हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। लेकिन यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। इस मामले में तुरंत जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
- डीके कोटिया , राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष
सरकारी चिकित्सालय, डोईवाला में कैंप लगाकर आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों के फर्जी गोल्डन कार्ड बनवाने का मामला प्रकाश में आया है। डोईवाला निवासी राजेश द्विवेदी की शिकायत के बाद सामने आए इस मामले में शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
मामले में जांच की बात कही जा रही है। पीड़ित की ओर से इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय, डायरेक्टर जनरल हेल्थ, सीएमओ देहरादून, जिलाधिकारी देहरादून, चीफ सेक्रेटरी और एसडीएम डोईवाला से की गई है।मिस्सरवाला, डोईवाला निवासी राजेश द्विवेदी ने पिछले साल 9 दिसंबर 2019 को सरकारी चिकित्सालय, डोईवाला में लगे विशेष कैंप में अपना, पत्नी और दो पुत्रों का आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाया था।
गुरुवार राजेश द्विवेदी एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचे तो उन्होंने अपना आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत किया। अस्पताल प्रशासन की आरे से कार्ड की जांच की गई तो वह फर्जी पाया गया। इसके बाद द्विवेदी ने अपनी पत्नी और बच्चों के कार्ड की भी जांच कराई तो वे भी फर्जी पाए गए। इसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत सीएससी हेड (आयुष्मान भारत) देहरादून पंकज नेगी से की।
उन्होंने तुरंत की इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों और शासन स्तर पर करने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने ई-मेल के माध्यम से इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय, डायरेक्टर जनरल हेल्थ, सीएमओ देहरादून, जिलाधिकारी देहरादून, चीफ सेक्रेटरी, उत्तराखंड सरकार और एसडीएम, डोईवाला को लिखित रूप में दी।
द्विवेदी ने बताया कि उनके यह चारों कार्ड आधार कार्ड के आधार पर बायोमेट्रिक के जरिए जारी किए गए थे। इसके लिए कैंप में उनसे प्रति कार्ड 70 रुपये कुल 280 रुपये शुल्क भी वसूला गया था। उन्होंने बताया कि उस दौरान करीब चार दिन तक लगातार सरकारी अस्पताल में कैंप चला था। हजारों लोगों ने कैंप में गोल्डन कार्ड बनवाए थे। उन्होंने इस मामले में धोखाधड़ी की आशंका जताते हुए उच्च स्तर पर जांच की मांग की है।
मामले की शिकायत हमें मिली है। यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। इसमें शीघ्र ही पीड़ित को बुलाकर तथ्यों की जांच की जाएगी। यदि शिकायत सही पाई जाती है तो इसमें उच्च स्तर पर कार्रवाई होना तय है।
- लक्ष्मीराज चौहान, उपजिलाधिकारी, डोईवाला
अभी हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं पहुंची है। लेकिन यदि ऐसा है तो मामला गंभीर है। इस मामले में तुरंत जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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डीके कोटिया , राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष