उत्तराखंड में आगामी 23 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कार्य संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की अध्यक्षता में विधानमंडल दल और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। कार्य मंत्रणा में एक दिन का एजेंडा तय हुआ है। जिसमें पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं, सत्र के दौरान एक दिन सिर्फ सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए पक्ष और विपक्ष ने सहमति दी है।
बृहस्पतिवार को विधानसभा में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 23 से 27 अगस्त तक सदन के कार्य संचालन को लेकर चर्चा की गई। जिसमें एक दिन का एजेंडा तय किया गया। 23 अगस्त को दिवंगत हुए विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष स्व इंदिरा हृदयेश, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, हरिद्वार के पूर्व विधायक अमरीश कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक बच्ची सिंह रावत को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि आगे के दिवसों के कार्य संचालन के लिए 23 अगस्त की शाम को दोबारा से कार्यमंत्रणा की बैठक में एजेंडा तय किया जाएगा। अध्यक्ष ने पक्ष और विपक्ष से सदन की कार्यवाही को निर्बाध रूप से संचालित करने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सरकार और प्रतिपक्ष के बीच देशहित व जनहित के विषयों पर सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो। विधायकों पर अपना अभिमत प्रस्तुत करने और जनमानस की भावनाओं को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के अधिकतम अवसर प्रदान करने की कोशिश रहेगी। बैठक के दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, विधायक खजान दास, विधायक करन मेहरा, विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, विधायी सचिव हीरा सिंह बोनाल, अनुसचिव नरेंद्र रावत आदि मौजूद थे।
मानसून सत्र के लिए विधानसभा को 19 विधायकों से 784 प्रश्न प्राप्त हुए हैं। सत्र के दौरान सदन पटल पर रखने के लिए आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021, डीआईटी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 विधान सभा को प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा दो असरकारी विधेयक उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन (निरसन) विधेयक 2021 प्राप्त हुए हैं।
सतत विकास पर चर्चा के लिए एक दिन बढ़ेगा सत्र
विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के सतत विकास को लेकर एक दिन चर्चा करने का पक्ष व विपक्ष से आग्रह किया था। जिस पर दलीय नेताओं ने सहमति दी। अध्यक्ष ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान राज्य के विकास पर चर्चा करते रहते हैं। 2018 में सतत विकास को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन चर्चा लंबी नहीं हो पाई। इस देखते हुए उन्होंने पक्ष व विपक्ष से आग्रह के बाद तय किया राज्य के सतत विकास पर एक दिन चर्चा की जाएगी। इसके लिए सत्र को एक दिन आगे बढ़ाया जाएगा। जिसमें प्रश्न काल नहीं होगा। पक्ष और विपक्ष के सतत विकास को लेकर अपने सुझाव देंगे।
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उत्तराखंड में आगामी 23 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कार्य संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की अध्यक्षता में विधानमंडल दल और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। कार्य मंत्रणा में एक दिन का एजेंडा तय हुआ है। जिसमें पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं, सत्र के दौरान एक दिन सिर्फ सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए पक्ष और विपक्ष ने सहमति दी है।
बृहस्पतिवार को विधानसभा में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 23 से 27 अगस्त तक सदन के कार्य संचालन को लेकर चर्चा की गई। जिसमें एक दिन का एजेंडा तय किया गया। 23 अगस्त को दिवंगत हुए विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष स्व इंदिरा हृदयेश, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, हरिद्वार के पूर्व विधायक अमरीश कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक बच्ची सिंह रावत को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि आगे के दिवसों के कार्य संचालन के लिए 23 अगस्त की शाम को दोबारा से कार्यमंत्रणा की बैठक में एजेंडा तय किया जाएगा। अध्यक्ष ने पक्ष और विपक्ष से सदन की कार्यवाही को निर्बाध रूप से संचालित करने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सरकार और प्रतिपक्ष के बीच देशहित व जनहित के विषयों पर सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो। विधायकों पर अपना अभिमत प्रस्तुत करने और जनमानस की भावनाओं को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के अधिकतम अवसर प्रदान करने की कोशिश रहेगी। बैठक के दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, विधायक खजान दास, विधायक करन मेहरा, विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, विधायी सचिव हीरा सिंह बोनाल, अनुसचिव नरेंद्र रावत आदि मौजूद थे।