पिथौरागढ़ जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रहे हिमपात के कारण ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की ठंड पड़ने लगी है। लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। सोमवार रात बारिश के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र के पंचाचूली, हंसलिंग, सिदमखान, नाग्निधूरा में सीजन में चौथी बार बर्फबारी हुई। बर्फबारी के बाद सर्द हवाएं चल रही हैं। इस कारण अधिकतम तापमान 13 डिग्री और न्यूनतम तामपान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मुनस्यारी सहित ऊंचे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह-शाम हल्की ठंड बढ़ने लगी है।
वहीं, पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्र की चोटियो मे बर्फबारी के बाद मंगलवार शाम को मौसम साफ हुआ। धूप खिलते के यमुनोत्री धाम के ऊपर की चोटियों सप्त ऋषि कुंड, बंदर पूंछ, गरुडगंगा टॉप पर बर्फबारी हुई।
कई गांवों के नजदीक पहुंचा टिहरी झील का पानी
लगातार हो रही बारिश और टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर ने बांध प्रभावित परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जलस्तर आरएल 828.60 मीटर पहुंचने से कई गांव के नजदीक पानी पहुंच गया है। हालांकि टीएचडीसी का कहना है कि जलस्तर बढ़ाने से कोई दिक्कत नहीं है।
टीएचडीसी को टिहरी झील का जलस्तर आरएल 828 मीटर भरने की अनुमति थी, लेकिन बीते 25 अगस्त को सरकार ने अधिकतम 830 मीटर जलभराव की अनुमति दी है। अनुमति मिलने के बाद टीएचडीसी ने जलस्तर बढ़ाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को जलस्तर आरएल 828.60 मीटर पहुंच गया है।
मसूरी: बारिश के बाद अचानक उफान पर आया कैंपटी फॉल, विकराल रूप देख दहशत में आए पर्यटक, तस्वीरें...
भागीरथी नदी से 400 क्यूमेक्स, भिलंगना से 125 और सहायक नदियों से 150 क्यूमेक्स पानी का बहाव दर्ज किया गया, जिसमें से 448 क्यूमेक्स पानी नदी की ओर छोड़ा जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से खांड, रमोलगांव, सरोठ, उप्पू, नंदगांव, रौलाकोट, छोलगांव, लुणेटा, भल्डगांव आदि के नजदीक पानी पहुंचने लगा है, जिससे गांव में रह रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। बदरीचंद रमोला, जोत सिंह, नारायण सिंह, बच्चन सिंह का कहना है कि जल स्तर बढ़ने से झील के आसपास स्थित गांवों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इस वर्ष अभी किसी भी गांव के आसपास से भूस्खलन की समस्या सामने नहीं आई है।
22 मिलियन यूनिट हो रहा उत्पादन
वहीं जलस्तर बढ़ने से टीएचडीसी पॉवर हाउस की चारों की टरबाइनों से 22 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है जबकि सामान्य दिनों में 8-10 मिलियन बिजली उत्पादन होता है।
टिहरी झील के आरएल 835 मीटर तक के परिवारों का संपूर्ण पुनर्वास किया जा चुका है। इस परिधि में अब कोई भी परिवार निवासरत नहीं है। कॉलेकट्रल डैमेज पॉलिसी की सिफारिश के अनुसार जिन परिवारों को पात्र पाया गया है, उन्हें नकद भुगतान के लिए एक सप्ताह के अंदर पुनर्वास निदेशालय को धनराशि दी जाएगी। झील के जल स्तर पर निरस्तर निगरानी रखी जा रही है। जलस्तर बढ़ने से भूस्खलन जैसी कोई समस्या नहीं है।
- यूके सक्सेना, अधिशासी निदेशक टीएचडीसी इंडिया लि. टिहरी।
यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी मे रातभर हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, नदी नाले भी ऊफान पर हैं। मलबा आने से यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह बंद हो गया हो गया है। वहीं, गंगोत्री हाईवे भी सुखी टॉप के पास पत्थर व मलबा आने के कारण बंद है। उत्तरकाशी में 11 ग्रामीण संपर्क मोटर मार्ग यातायात के लिए बाधित हैं।
उफान पर आया झर्जरगाड़ नाला
यमुनोत्री हाईवे पर बारिश के बाद झर्जरगाड़ नाला अचानक ऊफान पर आ गया। इस दौरान यमुनोत्री क्षेत्र से इंटर कॉलेज जा रहे स्कूली छात्र-छात्राएं भी रास्ते में ही फंस गए। दोपहर बाद यमुनोत्री हाईवे झर्जरगाड़ के पास खोल दिया गय, लेकिन आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है।
भारी बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में मंगलवार को दिन की शुरूआत बारिश के साथ हुई। राजधानी देहरादून समेत अधिकतर इलाकों में तड़के ही बारिश शुरू हो गई थी जो सुबह थमी। वहीं, देहरादून सहित सभी जिलों में मौसम विभाग ने अगले चार दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
दून, नैनीताल, चंपावत के साथ ही पर्वतीय क्षेेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। कहीं-कहीं गर्जना के साथ बिजली चमकने और बारिश की संभावना है। बारिश का यह सिलसिला आगे चार दिन यानी 17 सितंबर तक जारी रहेगा। मंगलवार को नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर एवं पौड़ी में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है।
देहरादून में आसमान में आंशिक रूप से आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। वहीं, सोमवार सुबह दून में बादल छाए रहे। दोपहर और शाम के समय कई क्षेत्रों में तेज बौछारें भी पड़ीं। इससे कई जगहों पर जलभराव भी हुआ और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बाइक सवार के ऊपर गिरा पेड़
मोरी जरमोला धार के पास एक बाइक सवार युवक के ऊपर पेड़ गिर गया। इस दौरान युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सीएससी पुरोला में भर्ती कराया गया।
मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे पागलनाले में करीब 13 घंटे तक बंद रहा, जिससे हाईवे के दोनों ओर पर्यटकों और स्थानीय लोगों के वाहनों की कतार लगी रही। यहां पर अभी भी पत्थर और मलबा आने का सिलसिला जारी है।
पागलनाले में आए दिन मलबा आने से हाईवे बंद हो रहा है। सोमवार देर रात 11 बजे भारी बारिश के कारण पागलनाले में भारी मलबा आ गया, जिससे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। सुबह पांच बजे से पर्यटक और स्थानीय लोगों के वाहन यहां पर फंसे रहे। एनएच की जेसीबी ने कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे को खोला तो दोपहर करीब साढ़े 12 बजे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी और लोगों ने राहत की सांस ली।
स्थायी समाधान की जरूरत
जोशीमठ। नंदा देवी टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष चंडी प्रसाद बहुगुणा का कहना है कि पागलनाले में स्थायी समाधान की जरूरत है। मलबा आने पर यहां कई जेसीबी खड़ी रहती हैं, लेकिन काम एक ही करती है। पूछने पर बताया जाता है कि जेसीबी में तेल नहीं है। ऐसे में हाईवे खोलने में समय लग जाता है। वहीं एनएचआईडीसीएल के जीएम संदीप कार्की का कहना है कि जेसीबी लगातार काम करती है। तेल खत्म होने पर मशीन में तेल भरवाने जाना पड़ता है। हम जल्द से जल्द हाईवे खोलने का प्रयास करते हैं।
बोल्डर आने से विद्यालय के दो कमरे ध्वस्त
जोशीमठ। भारी बारिश के कारण बोल्डर आने से आदर्श बाल विद्या मंदिर सलूड डुंग्रा के भवन के दो कमरे ध्वस्त हो गए हैं। स्थानीय निवासी भगत सिंह कुंवर ने बताया कि विद्यालय के ऊपर सड़क कटिंग के दौरान पुश्ता नहीं लगाया गया, जिससे रात को पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर विद्यालय की छत पर जा गिरा और दोनों कमरे ध्वस्त हो गए। साथ ही गांव का आम रास्ता भी टूट गया है।
स्कूल की टिन की छत निकालने की शिकायत
राजकीय इंटर कॉलेज बड़ागांव में विद्यालय की टिन की छत को बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के निकालने की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से की गई है। कुशल सिंह ने इसकी शिकायत करते हुए कहा है कि बरसात में टिन निकालने से लकड़ी खराब हो रही है। खंड शिक्षा अधिकारी विवेक पंवार ने कहा कि मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। संवाद
पिंडर नदी में नहाने गया किशोर बहा
आमसौड़ (नलगांव) में पिंडर नदी में नहाने गया एक किशोर बह गया। मौके पर रेस्क्यू करने पहुंची एसडीआरएफ अंधेरा होने के कारण लौट गई।
आमसौड़ में रह रहे नेपालियों के कुछ बच्चे मंगलवार शाम को पिंडर नदी में नहाने गए थे। इसी दौरान उनमें से एक किशोर (13) संतोष पुत्र सुरेशनाथ, तल्लीगांव उमखोला, थाना-जुमला पिंडर नदी की तेज धारा में बह गया। सूचना पर पुलिस चौकी नारायणबगड़ प्रभारी एसआई नवीन नेगी मय फोर्स मौके पर पहुंचे। घटनास्थल कर्णप्रयाग थाना क्षेत्र में होने से पुलिस चौकी सिमली से भी फोर्स और एसडीआरएफ के जवान भी मौके पर पहुंच गए। अंधेरा होने से नदी किनारे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया। एसआई नवीन नेगी ने बताया कि बुधवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर किशोर की खोज की जाएगी।
विस्तार
पिथौरागढ़ जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रहे हिमपात के कारण ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की ठंड पड़ने लगी है। लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। सोमवार रात बारिश के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र के पंचाचूली, हंसलिंग, सिदमखान, नाग्निधूरा में सीजन में चौथी बार बर्फबारी हुई। बर्फबारी के बाद सर्द हवाएं चल रही हैं। इस कारण अधिकतम तापमान 13 डिग्री और न्यूनतम तामपान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मुनस्यारी सहित ऊंचे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह-शाम हल्की ठंड बढ़ने लगी है।
वहीं, पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्र की चोटियो मे बर्फबारी के बाद मंगलवार शाम को मौसम साफ हुआ। धूप खिलते के यमुनोत्री धाम के ऊपर की चोटियों सप्त ऋषि कुंड, बंदर पूंछ, गरुडगंगा टॉप पर बर्फबारी हुई।
कई गांवों के नजदीक पहुंचा टिहरी झील का पानी
लगातार हो रही बारिश और टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर ने बांध प्रभावित परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जलस्तर आरएल 828.60 मीटर पहुंचने से कई गांव के नजदीक पानी पहुंच गया है। हालांकि टीएचडीसी का कहना है कि जलस्तर बढ़ाने से कोई दिक्कत नहीं है।
टीएचडीसी को टिहरी झील का जलस्तर आरएल 828 मीटर भरने की अनुमति थी, लेकिन बीते 25 अगस्त को सरकार ने अधिकतम 830 मीटर जलभराव की अनुमति दी है। अनुमति मिलने के बाद टीएचडीसी ने जलस्तर बढ़ाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को जलस्तर आरएल 828.60 मीटर पहुंच गया है।
मसूरी: बारिश के बाद अचानक उफान पर आया कैंपटी फॉल, विकराल रूप देख दहशत में आए पर्यटक, तस्वीरें...
भागीरथी नदी से 400 क्यूमेक्स, भिलंगना से 125 और सहायक नदियों से 150 क्यूमेक्स पानी का बहाव दर्ज किया गया, जिसमें से 448 क्यूमेक्स पानी नदी की ओर छोड़ा जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से खांड, रमोलगांव, सरोठ, उप्पू, नंदगांव, रौलाकोट, छोलगांव, लुणेटा, भल्डगांव आदि के नजदीक पानी पहुंचने लगा है, जिससे गांव में रह रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। बदरीचंद रमोला, जोत सिंह, नारायण सिंह, बच्चन सिंह का कहना है कि जल स्तर बढ़ने से झील के आसपास स्थित गांवों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि इस वर्ष अभी किसी भी गांव के आसपास से भूस्खलन की समस्या सामने नहीं आई है।
22 मिलियन यूनिट हो रहा उत्पादन
वहीं जलस्तर बढ़ने से टीएचडीसी पॉवर हाउस की चारों की टरबाइनों से 22 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है जबकि सामान्य दिनों में 8-10 मिलियन बिजली उत्पादन होता है।
टिहरी झील के आरएल 835 मीटर तक के परिवारों का संपूर्ण पुनर्वास किया जा चुका है। इस परिधि में अब कोई भी परिवार निवासरत नहीं है। कॉलेकट्रल डैमेज पॉलिसी की सिफारिश के अनुसार जिन परिवारों को पात्र पाया गया है, उन्हें नकद भुगतान के लिए एक सप्ताह के अंदर पुनर्वास निदेशालय को धनराशि दी जाएगी। झील के जल स्तर पर निरस्तर निगरानी रखी जा रही है। जलस्तर बढ़ने से भूस्खलन जैसी कोई समस्या नहीं है।
- यूके सक्सेना, अधिशासी निदेशक टीएचडीसी इंडिया लि. टिहरी।