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Uttarakhand News: 38 वर्षों में 33 हाथियों ने गंवाई अपनी जान, वन्यजीवों की सुरक्षा के दावों पर उठे सवाल

महेश पंवार, संवाद न्यूज एजेंसी, रायवाला (ऋषिकेश) Published by: रेनू सकलानी Updated Tue, 02 Dec 2025 12:24 PM IST
सार

रेलवे ट्रैक पर होने वाली वन्यजीव दुर्घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। 38 वर्षों में 33 हाथियों ने अपनी जान गंवा दी। वन्यजीवों की सुरक्षा के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।

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Wildlife protection 33 elephants lost their lives in 38 years Haridwar-Dehradun railway line Uttarakhand News
हाथी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हरिद्वार रेंज के खड़खड़ी बीट में ट्रेन की चपेट में आने से एक गज शिशु की मौत ने एक बार फिर वन्यजीवों की सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे और पार्क प्रशासन की ओर से अभी तक जितने भी प्रयास किए गए हैं, वह कागजों तक सिमट कर रह गए हैं। 38 वर्षों में 33 हाथी अपनी जान गंवा चुके हैं।

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पार्क गठन के बाद 38 वर्षो में 33 हाथियों ने अपनी जान गंवाई। इस घटना से यह प्रतीत होता है कि रेलवे और पार्क प्रशासन के बीच जो सामंजस्य बनाकर कार्य करने की बात कही जा रही थी, वह धरातल पर नहीं उतर पाई। रेलवे और पार्क प्रशासन के अधिकारियों के मध्य कई बैठकेें हुईं, जिनमें रेलवे ट्रैक पर होने वाली वन्यजीव दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर चर्चा हुई। वह दावे मूर्त रूप नहीं ले पाए।

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इसमें चाहे बजट की कमी रही हो या फिर अधिकारियों की इच्छा शक्ति की। पार्क क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड को लेकर भी सवाल उठाए गए। ट्रैक पर ट्रेन की गति तय है, लेकिन जैसे ही मामला पुराना होता चला गया ट्रेनों की स्पीड बढ़ती चली गई।बता दें कि हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस के अलावा कई एक्सप्रेस ट्रेनें हैं जिनकी गति मानक से अधिक हैं। ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए किए गए दावों पर सवाल उठना स्वभाविक है। आंकड़े बता रहे हैं कि दोनों विभागों के बीच तालमेल का अभाव है। 

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े

- 19 सितंबर 2023- हरिद्वार क्षेत्र में सीतापुर फाटक के पास एक नर हाथी की ट्रेन से टकराकर मौत

- वर्ष 2021 में दो हाथियों ने ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाई

- 27 जुलाई 2020 को नकरौंदा में हाथी की मौत

- 21 नवंबर 2020 को हर्रावाला के पास रेलवे ट्रैक पर एक हाथी की मौत

- फरवरी 2018 में रायवाला के पास ट्रेन की चपेट में आने से शिशु हाथी की मौत

- 19 अप्रैल 2017 में ज्वालापुर के पास दो हाथियों की ट्रेन से कट कर मौत

- 15 अक्तूबर 2016 को नंदा देवी एक्सप्रेस से रायवाला के वैदिक नगर के पास एक हाथी की मौत

- 20 मार्च 2018 को मादा हाथी की ट्रेन की टक्कर से मौत

- 2001 में ट्रेन ने चपेट में आने से चार हाथियों की मौत

- आठ मार्च 2021 को लच्छीवाला के पास शिशु हाथी की मौत

- 27 नवंबर 2021 को एक हाथी की मौत

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हर तीसरे माह रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें ट्रेनों की स्पीड लिमिट से लेकर अन्य बिंदुओं पर चर्चा की जाती है। रेलवे ट्रैक पर वनकर्मियों द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाती है। - अजय सिंह, वन्य जीव प्रतिपालक, हरिद्वार

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