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Blast Effect: धमाके में घायल लोगों को सुनने में आ रही है दिक्कत, तीन दिन बाद भी मरीजों की हालत नहीं है स्थिर

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Fri, 14 Nov 2025 04:55 AM IST
सार

कई घायलों सुनने में दिक्कत, कान में दर्द और लगातार आवाज (टिनिटस) की समस्या हो रही है। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास मौजूद लोगों के कानों पर सीधा असर पड़ा।

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Blast Effect: Those injured in the blast are experiencing hearing problems.
लोकनायक अस्पताल - फोटो : ANI
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विस्तार
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लाल किला धमाके के तीन दिन बाद भी घायलों की हालत पूरी तरह स्थिर नहीं हुई है। कई घायलों सुनने में दिक्कत, कान में दर्द और लगातार आवाज (टिनिटस) की समस्या हो रही है। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास मौजूद लोगों के कानों पर सीधा असर पड़ा।

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एलएनजेपी अस्पताल में अभी कई घायल भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मरीजों के कानों के पर्दे फट गए हैं जबकि कई को अस्थायी सुनने की समस्या है। चेन्नई के मोहम्मद सफवान (28) ने बताया कि धमाके के तुरंत बाद दोनों कान बजने लगे और अब लगातार दर्द हो रहा है। वहीं, यूपी के शिवा जायसवाल (28) को कम सुनाई दे रहा है और उनके चेहरे, हाथ व पैरों पर जलने के निशान हैं।
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इधर, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. देविंदर राय ने कहा कि इस तरह के शक्तिशाली धमाकों से कानों पर काफी गहरा असर होता है। कुछ लोगों में शोर के झटके को सहने की क्षमता कम होती है जिससे सुनने की शक्ति अस्थायी या स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है। घायलों को जल्द सामान्य सुनने की क्षमता वापस पाने में कई हफ्ते लग सकते हैं जबकि कुछ मामलों में स्थायी नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

धमाके के तीन दिन बाद भी मिल रहे मानव अंग
जांच एजेंसियों की लापवाही कहें या चूक...धमाके के तीन दिन बाद भी शव के अवशेष मिल रहे हैं। बृहस्पतिवार को धमाके वाली जगह से करीब 150 मीटर दूर एक शौचालय की टीन शेड पर एक मानव हाथ मिला। सुबह के समय शौचालय आए एंबुलेंस चालक की नजर उस पर गई तो उसने जांच दल को सूचना दी। एफएसएल की टीम ने हाथ को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखवा दिया है। जांच के दौरान शौचालय के पास जांच दल को एक मांस का लोथड़ा मिला था, जिसे लेकर आशंका जताई जा रही है कि शायद इसको कुत्ते उठाकर यहां लाएं हो। करीब एक किलोमीटर एरिया की दोबारा तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान धमाके के बाद हवा में उड़कर आए गाड़ियों के पुर्जें और दूसरा सामान बरामद होता रहा।

धमाके के पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजा नाकाफी : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने लाल किला धमाके के पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से घोषित मुआवजा राशि को अपर्याप्त बताया है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों को 10 लाख, स्थायी रूप से विकलांगों को पांच लाख और गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये देना अमानवीय व नाकाफी है। दिल्ली सरकार कांग्रेस की ओर से सुझाई गई 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि पर विचार करे। धमाके में मारे गए अधिकतर लोग परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे जो भाजपा सरकार की सुरक्षा चूक का शिकार बने। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता केवल दिखावटी संवेदनाएं प्रकट कर रही हैं और पीड़ितों के पुनर्वास की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहीं। 

धमाके में जान गंवाने वालों को सरोजिनी नगर में दी श्रद्धांजलि
लाल किला धमाके जान गंवाने वाले लोगों के लिए बृहस्पतिवार को सरोजिनी नगर मार्केट में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों, व्यापारियों और धमाकों में परिजनों को खो चुके पीड़ित परिवारों ने भाग लिया।

श्रद्धांजलि सभा में लाल किला धमाके में मारे गए पंकज साहनी के पिता राम बालक साहनी ने दीप जलाकर और फूल चढ़ाकर पुत्र व अन्य मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में 2005, 2008 और 2011 में हुए बम धमाकों के पीड़ित भी शामिल हुए। इनमें मनीषा, विनोद पोद्दार, कुलदीप सिंह, सुरेंद्र, शकील अहमद और संगीता सहित कई लोग उपस्थित रहे। इस दौरान सरोजिनी नगर मार्केट के व्यापारियों और ग्राहकों ने भी मोमबत्तियां जलाकर शांति और एकता का संदेश दिया। सभा का आयोजन साउथ एशियन फोरम फॉर पीपल अगेंस्ट टेरर (पंजीकृत) ने किया। संगठन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने कहा कि सरकार को आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 2 फीसदी आरक्षण प्रदान करना चाहिए ताकि उन्हें सामाजिक और आर्थिक सहयोग मिल सके। वहीं, सभा का समापन दो मिनट के मौन और भारत माता की जय के नारों के साथ किया गया।

एनएलजेपी में एक और घायल की मौत हुई, मृतकों की संख्या 13 पहुंची
लाल किला के पास सोमवार को हुए बम धमाके में घायल जम्मू कश्मीर निवासी बिलाल पुत्र गुलाम अहमद की बृहस्पतिवार सुबह एलएनजेपी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल से बृहस्पतिवार सुबह बिलाल की मौत के बारे में सूचना मिली। बिलाल की मौत के साथ दिल्ली बम ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। 28 घायलों का उपचार जारी है। दिल्ली पुलिस ने लालकिले बम धमाके की फाइल बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) को सौंप दी।

लाल किला बम धमाके की तीव्रता इतनी थी कि ब्लास्ट के बाद एक दुकान की छत पर बृहस्पतिवार सुबह एक कटा हुआ हाथ मिला। उत्तरी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार कटा हुआ यह हाथ विस्फोट स्थल से कुछ मीटर दूर जैन मंदिर के पीछे मिला। पीड़ित की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कटे हुए हाथ को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।

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