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Delhi Blast: 'पापा मैं शॉप से निकल गया हूं, बस जल्दी ही घर पहुंच रहा हूं', अमर ने पिता से कहे थे ये आखिरी शब्द
शुजात आलम, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 12 Nov 2025 04:18 PM IST
सार
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में दवा कारोबारी अमर कटारिया (34) की मौत हो गई। इकलौते बेटे की अंतिम बार सुनी हुई आवाज अब भी पिता के कानों में गूंज रही है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
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मृतकों की फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
"पापा मैं शॉप से निकल गया हूं, बस जल्दी ही घर पहुंच रहा हूं..."। अपने पिता को हादसे से आधे घंटे पहले कॉल कर अमर कटारिया ने दुकान से निकलने की खबर दी थी। परिजन अमर का इंतजार कर रहे थे। अमर जब घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनको कॉल किया, लेकिन उनका नंबर नहीं लगा। बाद में रात आठ बजे बेटे की मौत की मनहूस खबर परिवार को मिली।
सोमवार को लाल किले के पास हुए धमाके में दवा कारोबारी अमर कटारिया (34) की मौत हो गई। इकलौते बेटे की अंतिम बार सुनी हुई आवाज अब भी पिता के कानों में गूंज रही है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
पुलिस ने हादसे के बाद सोमवार देर रात को उनके शव का पोस्टमार्टम करवा दिया और तड़के शव परिजनों के हवाले किया। परिवार ने सुबह ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अमर का तीन साल के मासूम को नहीं पता है कि उसके पापा अब नहीं रहे वह घर में पापा को खोज रहा है।
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सोमवार को लाल किले के पास हुए धमाके में दवा कारोबारी अमर कटारिया (34) की मौत हो गई। इकलौते बेटे की अंतिम बार सुनी हुई आवाज अब भी पिता के कानों में गूंज रही है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
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पुलिस ने हादसे के बाद सोमवार देर रात को उनके शव का पोस्टमार्टम करवा दिया और तड़के शव परिजनों के हवाले किया। परिवार ने सुबह ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अमर का तीन साल के मासूम को नहीं पता है कि उसके पापा अब नहीं रहे वह घर में पापा को खोज रहा है।
किडनी खराब होने के बाद भाई का इलाज करवा रहा था नौमान
धमाके में झिंझाना, शामली के रहने वाले नौमान अंसारी (23) की मौत हो गई जबकि इसके ताऊ का बेटा अमन अंसारी (22) बुरी तरह जख्मी हो गया। अमन का एलएनजेपी अस्पताल में इलाज जारी है। नौमान कॉसमैटिक की दुकान के लिए चचेरे भाई के साथ दिल्ली सामान लेने आया था और ब्लास्ट का शिकार हो गया।
धमाके में झिंझाना, शामली के रहने वाले नौमान अंसारी (23) की मौत हो गई जबकि इसके ताऊ का बेटा अमन अंसारी (22) बुरी तरह जख्मी हो गया। अमन का एलएनजेपी अस्पताल में इलाज जारी है। नौमान कॉसमैटिक की दुकान के लिए चचेरे भाई के साथ दिल्ली सामान लेने आया था और ब्लास्ट का शिकार हो गया।
नौमान की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दरअसल नौमान ही घर में अकेला कमाने वाला था। सोमवार सुबह वह अपने गांव से टैक्सी लेकर दिल्ली के सदर बाजार और किनारी बाजार सामान खरीदने आए थे। इस बीच धमाके का शिकार हो गया।
नौमान के चाचा ने बताया कि इनका परिवार कस्बा झिंझाना, शामली, यूपी में रहता है। नौमान के परिवार में पिता इमरान अंसारी के अलावा मां अफसाना, बड़ा भाई फरमान (24) और चार बहनें हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बहनें सना (13), रानी (16) और हुमैरा (7) पढ़ाई कर रही हैं।
पिता के बीमार होने पर कैब चलाकर परिवार का खर्चा उठा रहे थे पंकज सैनी
धमाके में कैब चालक पंकज सैनी (22) की भी मौत हो गई। पिता राम बालक सैनी (55) को अस्थमा के अलावा हार्ट की प्रॉब्लम है। शादीशुदा बड़ा भाई परिवार से अलग रहता है। पंकज कैब चलाकर परिवार का खर्चा और भाई-बहनों को पढ़ा रहा था। उनके नहीं रहने पर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
धमाके में कैब चालक पंकज सैनी (22) की भी मौत हो गई। पिता राम बालक सैनी (55) को अस्थमा के अलावा हार्ट की प्रॉब्लम है। शादीशुदा बड़ा भाई परिवार से अलग रहता है। पंकज कैब चलाकर परिवार का खर्चा और भाई-बहनों को पढ़ा रहा था। उनके नहीं रहने पर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिजन निकेश ने बताया कि मूलरूप से समस्तीपुर बिहार का रहने वाला पंकज अपने परिवार के साथ उपकार विहार, सवदा, घेवरा, कंझावला में रहता था। पिता के बीमार होने पर पंकज ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर कैब चलाना शुरू कर दिया था।
सोमवार शाम को अपने पड़ोसी से दीपक गुप्ता नामक सवारी को लेकर वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा था। इस बीच उसे लाल किले के पास दूसरी सवारी मिली। सवारी को बिठाने से पहले ही वह हादसे का शिकार हो गया। धमाके से उसकी वैगनआर कार के परखच्चे उड़ गए।
हादसे में हो गई दो दोस्तों की मौत साथ खाना खाने का बना था प्लान
धमाके में कार के ठीक पीछे चल रही बाइक पर सवार दो दोस्त अशोक कुमार और लोकेश अग्रवाल की भी जान चली गई। लोकेश सोमवार को अपनी समधन को गंगाराम अस्पताल में देखने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त अशोक को कॉल किया और साथ खाना खाने की बात कही।
धमाके में कार के ठीक पीछे चल रही बाइक पर सवार दो दोस्त अशोक कुमार और लोकेश अग्रवाल की भी जान चली गई। लोकेश सोमवार को अपनी समधन को गंगाराम अस्पताल में देखने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त अशोक को कॉल किया और साथ खाना खाने की बात कही।
अशोक बाइक से पहुंचे तो दोनों खाने के लिए निकल पड़े और धमाके का शिकार हो गए। पुलिस ने अशोक की बाइक के नंबर के आधार पर उसके परिजनों को खबर दी तो घर में मातम छा गया। एक परिजन ने बताया कि मूलरूप से गांव मंगरौला, हसनपुर, अमरोहा, यूपी का रहने वाले अशोक कुमार परिवार के साथ दिल्ली के जगतपुर, वजीराबाद में रहते थे।
इनके परिवार में पत्नी सोनम के अलावा एक बेटा आरव और दो छोटी बेटी काव्या और आरोही है। अशोक कलस्टर बस में कंडक्टर की नौकरी करते थे जबकि लोकेश अग्रवाल हसनपुर, यूपी में रहते हैं। इनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। इनका एक बेटा देहरादून में वैज्ञानिक है जबकि लोकेश हसनपुर में खाद की दुकान चलाते हैं।
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