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नर्सरी दाखिला: दिल्ली के 700 से अधिक स्कूलों में कैसे भरना है फार्म, नहीं पता; मानक अपलोड न होने से परेशानी
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: विजय पुंडीर
Updated Tue, 02 Dec 2025 03:59 AM IST
सार
शिक्षा निदेशालय ने दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए स्कूलों को अपने मानक वेबसाइट व उपलब्ध कराए लिंक पर अपलोड करने के लिए 28 नवंबर तक का समय दिया था। स्कूलों ने निदेशालय के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया है। 1753 स्कूलों में से अब तक 1009 स्कूलों ने ही अपने-अपने दाखिला मानक लिंक पर जारी किए हैं। जबकि 744 स्कूलों ने मानक जारी नहीं किए हैं, इस सूची में कई नामचीन स्कूल भी शामिल हैं।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : Freepik
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विस्तार
दिल्ली के 1753 निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2026-27 के अंतर्गत नर्सरी, केजी में दाखिले के लिए आवेदन चार दिसंबर से शुरू हो जाएंगे। ऐसे में अभिभावकों को अब भी सात सौ से अधिक स्कूल के मानकों का पता नहीं है। ऑनलाइन मानक अपलोड न होने से अभिभावक परेशान हैं। दिल्ली में अब भी 744 ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने मानक अपलोड करने में रुचि नहीं दिखाई है। इस कारण से अभिभावकों को इन स्कूलों में दाखिले के आधार का पता नहीं चल रहा।
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शिक्षा निदेशालय ने दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए स्कूलों को अपने मानक वेबसाइट व उपलब्ध कराए लिंक पर अपलोड करने के लिए 28 नवंबर तक का समय दिया था। स्कूलों ने निदेशालय के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया है। 1753 स्कूलों में से अब तक 1009 स्कूलों ने ही अपने-अपने दाखिला मानक लिंक पर जारी किए हैं। जबकि 744 स्कूलों ने मानक जारी नहीं किए हैं, इस सूची में कई नामचीन स्कूल भी शामिल हैं।
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दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों में सबसे अधिक 117 पश्चिमी दिल्ली बी इलाके (जिले) के स्कूल हैं। इस इलाके में 241 निजी स्कूल में से अब तक 124 स्कूलों ने दाखिला जानकारी अपडेट की है। दूसरे नंबर पर उत्तर पश्चिमी (ए) का इलाका है। जहां 79 स्कूलों ने मानक अपलोड करने में रुचि नहीं दिखाई।
अभिभावक बोले, पता ही नहीं चल रहा मानक क्या हैं
धौला कुआं स्थित एक नामी स्कूल में अपने बेटे के दाखिले के इच्छुक अभिभावक प्रीत सैनी ने बताया कि उन्हें अब तक यह नहीं पता चल पा रहा कि वहां दाखिले के लिए क्या मानक हैं। वह आसपास के कई अन्य स्कूलों में भी आवेदन करेंगे। उनके घर के सबसे पास वही स्कूल है। चूंकि अधिकतर स्कूल नेबरहुड को अपने दाखिले का आधार बनाते हैं और उसको ही सबसे अधिक अंक देते हैं। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि यदि स्कूल नेबरहुड के आधार पर दाखिला देगा तो उनके बच्चे का दाखिला वहां संभव है। नारायणा के स्कूल में बच्चे के दाखिले के इच्छुक अभिभावक की परेशानी भी यही है।
अधिकतर स्कूलों ने नेबरहुड को ही दी प्रमुखता
स्कूलों के मानक जिस तरह से सामने आ रहे हैं, उनमें स्कूलों ने नेबरहुड (पड़ोस) को ही प्रमुखता दी है। स्कूलों ने 0-5, 5-10, 10-15 किलोमीटर की श्रेणी में पड़ोस को बांटा है। जिसकी घर से स्कूल की दूरी जितनी कम उसे उतने ही अंक मिलेंगे। एक स्कूल ने 0-6 किलोमीटर की दूरी के लिए 80 अंक और 6.1 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए 70 अंक तय किए हैं। वहीं एक ने 0-10 किलोमीटर के लिए 50, 10.1 से 15 किलोमीटर के लिए 45 और 15 किलोमीटर से अधिक के लिए 40 अंक निर्धारित किए हैं।