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Delhi Blast Case: जहां मिली आतंकियों की दूसरी कार, जांच टीम वहां से एक शख्स को कार में डालकर ले गई

अमर उजाला नेटवर्क, फरीदाबाद Published by: अनुज कुमार Updated Wed, 12 Nov 2025 10:09 PM IST
सार

फरीदाबाद के खंदावली गांव से लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट कार बरामद होने के बाद एक संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है। मीडिया से बचाने के लिए गाड़ी के पीछे डालकर दे गए हैं। 

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Delhi Blast Case first arrest investigation team took a person from there in car
दिल्ली गाड़ी में एक शख्स को ले गई टीम - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके के मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है।  फरीदाबाद के खंदावली गांव से एक संदिग्ध शख्स को बुधवार रात पकड़ा है। जहां से आतंकवादियों की दूसरी कार मिली है। मीडिया से बचाने के लिए व्यक्ति को दिल्ली नंबर की गाड़ी की डिग्गी में लिटाकर निकाला गया।
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दिल्ली आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में फरीदाबाद के खंदावली गांव में धौज गांव के पूर्व सरपंच के खाली प्लॉट पर मिली लाल रंग की इको स्पॉर्ट्स कार की जांच पूरी हो गई है। एफएसएल की फॉरेंसिक टीम और एनएसजी की बम स्क्वॉड ने गाड़ी की गहन जांच की, जो पिछले डेढ़ घंटे से चल रही थी। 
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जांच के बाद दोनों टीमें दिल्ली वापस लौट गईं। मौके पर पुलिस प्रशासन और क्राइम ब्रांच की टीम मौजूद रही। स्थानीय गवाह ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 9 बजे दो व्यक्ति और एक महिला कार को ईदगाह के पीछे खड़ी करके चले गए थे। उन्होंने कहा था कि हम अभी आ रहे हैं। लाल रंग की गाड़ी दिल्ली के राजौरी गार्डन के उमर नामक व्यक्ति के नाम पर है। 


खंदावली गांव से बाहर 200 मीटर दूर खेतों में बने लगभग 10 घरों में फहीम के घर के पास ये लाल रंग की कार खड़ी है। कार में विस्फोटक है। इन 10 घरों को पुलिस ने खाली करा दिया है। लगभग 400 पुलिसकर्मी तैनात है। वहां के आसपास किसी को नहीं जाने दे रहे है।

फहीम की ससुराल धौज गांव में है, जहां अल फलाह यूनिवर्सिटी है। मंगलवार सुबह कार यहां खड़ी करने वाले दो पुरुष व एक महिला में फहीम का साला भी शामिल रहा। फहीम का साल बतौर कार मिस्त्री काम करता है। वो भी कार सर्विस कराने आने के चलते अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों और संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में आया था।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द ही अब चल रही पूरी जांच
दिल्ली में बम धमाके और फरीदाबाद में बरामद 2900 किलो विस्फोटक की जांच अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के इर्द-गिर्द की चल रही है। बुधवार को एनआईए, जम्मू कश्मीर पुलिस, यूपी एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल की अलग-अलग टीमें फरीदाबाद पहुंची। इन टीमों ने यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचकर यहां के स्टॉफ व छात्रों से पूछताछ की। सुबह से अलग-अलग टीमें, अपना समय लेकर इन लोगों से यहां पूछताछ में जुटी हैं।

वहीं बुधवार को फरीदाबाद पुलिस को एक अन्य बड़ी कामयाबी मिली। दिल्ली धमाके में प्रयोग हुई आई20 कार के अलावा एक अन्य लाल रंग की दिल्ली नंबर की ईकोस्पोर्ट कार चर्चा में आई। ये दावा किया गया कि ये कार भी आतंकियों की आई20 कार के साथ ही दिल्ली में कई घंटे तक घूमती रही। फरीदाबाद पुलिस ने बुधवार शाम लगभग साढ़े 6 बजे ये कार बल्लभगढ़ के खंदावली गांव से ढूंढ निकाली। पुलिस की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसी को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद शाम लगभग 7 बजे फोरेंसिक की टीम इस कार तक पहुंची।

फरीदाबाद पुलिस ने खंदावली गांव में ईदगाह के पीछे खाली जगह में खड़ी कार के आस-पास के पूरे इलाके को सील कर दिया और यहां किसी को आने नहीं दिया गया। फोरेंसिक टीम अब इस कार की जांच कर रही है कि कहीं इसमें कोई विस्फोटक या अन्य हथियार तो नहीं है। फोरेंसिक टीम की क्लियरेंस के बार ही इस कार को यहां से जब्त करने की कार्रवाई पुलिस टीम करेगी।

वहीं अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में कार्यरत डॉ. निसार-उल-हसन का नाम भी बुधवार को चर्चा में रहा। ये डॉक्टर यहां छात्रों को पढ़ाते भी थे। दिल्ली बम धमाके के बाद से ये डॉक्टर यूनिवर्सिटी परिसर से फरार बताए जा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो साल 2023 में डॉ. निसार-उल-हसन को जम्मू कश्मीर में प्रोफेसर के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। राज्यपाल ने उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों के चलते बर्खास्त किया था।

इसके बावजूद उन्हें अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी मिलना बड़ा सवाल खड़ा करता है। डॉ. निसार-उल-हसन की बेटी भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। बुधवार को यूनिवर्सिटी परिसर में मौजूद टीमों ने उनकी बेटी से भी कई घंटे तक पूछताछ की है। देर शाम तक उससे व यहां के अन्य डॉक्टरों व छात्रों से पूछताछ का दौर जारी है। वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से भी अपने बयान में कहा गया है कि उनके यहां कार्यरत दो डॉक्टरों को जांच एजेंसी ने हिरासत में लिया है। वे आगे भी जांच एजेंसी को पूरा सहयोग कर रहे हैं।

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