Delhi Blast: फरीदाबाद में ईदगाह के पीछे मिली लाल इकोस्पोर्ट, धमाके वाली रात संदिग्धों ने इसका किया था इस्तेमाल
जैश ए मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल के संदिग्ध फरीदाबाद में पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद दिल्ली में दो कारों से पहुंचे थे। एक कार, जोकि हरियाणा नंबर की है, से लालकिले के सामने बम धमाका किया गया है। जबकि दूसरी कार इकोस्पोर्ट थी, जो अब पकड़ी गई है।
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दिल्ली में हुए धमाके के मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिस दूसरी लाल रंग की इकोस्पोर्ट कार का इस्तेमाल संदिग्धों द्वारा किया गया था, उसे फरीदाबाद के खंदावली गांव से बरामद कर लिया गया है। फरीदाबाद पुलिस ने इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है। यह बरामदगी मामले की जांच में अहम साबित हो सकती है, क्योंकि यह कार घटना के तार फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से जोड़ने का संकेत दे रही है। पुलिस इस गाड़ी से जुड़े अन्य सुरागों की भी तलाश कर रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार सुबह लगभग 9 बजे दो पुरुष और एक महिला द्वारा कार को ईदगाह के पीछे खड़ा किया गया था, जिसके बाद वे जल्द लौटने की बात कहकर चले गए थे। इस बरामदगी से मामले की जांच में अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस ने लाल रंग की इकोस्पोर्ट DL 10 CK 0458 को पकड़ा है, जिसके दिल्ली ब्लास्ट मामले के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर से जुड़े होने का संदेह है। यह खंदावली गांव के पास ईदगाह के पीछे खड़ी मिली है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल के संदिग्ध फरीदाबाद में पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद दिल्ली में दो कारों से पहुंचे थे। एक कार, जोकि हरियाणा नंबर की है, से लालकिले के सामने बम धमाका किया गया है।
लालकिले के पास घूम रही थी लाल ईकोस्पोर्ट
इस कार में एक संदिग्ध सवार था और वह आई-20 कार में सवार संदिग्धों से बात भी कर रहा था। स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि ये दोनों कारें बदरपुर बॉर्डर से एक साथ ही दिल्ली घुसी थीं। साथ ही चांदनी चौक व लालकिले के आसपास एक साथ घूम रही थी।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात तक इसमें सवार संदिग्ध के बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। पुलिस अब इस कार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी डिटेल खंगालने में जुट गई है, जिससे इसमें सवार उस संदिग्ध तक पहुंचा जा सके और पूरे मामले की कड़ियां जोड़ी जा सकें।
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