साइबर ठगों ने बैंकों का अधिकारी बनकर और रिमोट एप बनाकर लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है। इससे लिंक भेजकर लोगों के बैंक खातों से रुपये निकाल रहे हैं। साइबर टीम ने नौ लोगों के 5.71 लाख रुपये वापस कराए हैं।
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि ठगों ने पीएनबी सपोर्ट और आरबीएल सपोर्ट नाम से रिमोट के लिंक भेज कर लोगों के बैंक खाते से रुपये निकाले हैं। इसी का शिकार हुए इंदिरापुरम के रहने वाले विश्वेश त्यागी से केवाईसी के नाम पर 3 लाख 59 हजार 800 रुपये की ठगी हुई थी। विश्वेश से 12 जनवरी को बैंककर्मी बनकर ठग ने कॉल के बाद पीएनबी सपोर्ट एप इंस्टॉल करवाकर रुपये निकाले थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत साइबर सेल से शिकायत की थी।
ठगी के बाद फ्लिपकार्ट से की खरीददारी
साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि जांच में सामने आया कि अकाउंट से फ्लिपकार्ट से शॉपिंग की गई थी। समय पर शिकायत मिलने से टीम ने फ्लिपकार्ट से बात करके तुरंत प्रक्रिया को रुकवाया और उनके अकाउंट में रुपये वापस कराए।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा ठगी का शिकार हुए विनय कुमार विज के 4,749 रुपये, गीतांजलि शर्मा के 4,999 रुपये, मनोज कुमार के 25,180 रुपये, दिनेश प्रसाद के 25,280 रुपये, मनोज गर्ग के 19,999 रुपये, संदीप सिन्हा के 31,101 रुपये, अभिमन्यु सूद के 70,856 रुपये और सुहेल के 30,000 रुपये उनके खाते में वापस कराए हैं। इन लोगों ने रुपये वापस मिलने पर पुलिस टीम का धन्यवाद किया है।
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साइबर ठगों ने बैंकों का अधिकारी बनकर और रिमोट एप बनाकर लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया है। इससे लिंक भेजकर लोगों के बैंक खातों से रुपये निकाल रहे हैं। साइबर टीम ने नौ लोगों के 5.71 लाख रुपये वापस कराए हैं।
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि ठगों ने पीएनबी सपोर्ट और आरबीएल सपोर्ट नाम से रिमोट के लिंक भेज कर लोगों के बैंक खाते से रुपये निकाले हैं। इसी का शिकार हुए इंदिरापुरम के रहने वाले विश्वेश त्यागी से केवाईसी के नाम पर 3 लाख 59 हजार 800 रुपये की ठगी हुई थी। विश्वेश से 12 जनवरी को बैंककर्मी बनकर ठग ने कॉल के बाद पीएनबी सपोर्ट एप इंस्टॉल करवाकर रुपये निकाले थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत साइबर सेल से शिकायत की थी।