18 अप्रैल से लापता 17 साल की बेटी के बरामद न होने पर पिता धर्मेंद्र कुमार ने सोमवार को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे डीएम के दफ्तर में डीएम आरके सिंह के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें आग लगाने से रोका और हिरासत में ले लिया। उनका कहना है कि बेटी लव जेहाद में फंसी है। आरोप है कि पुलिस उसकी तलाश में लापरवाही बरत रही है। जिस युवक पर शक है, उससे सख्ती से पूछताछ नहीं की।
उन्होंने रविवार को आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इसे देखते हुए कलक्ट्रेट में पुलिस तैनात की गई थी लेकिन वे पीछे से गेट से ट्रेजरी के पास से होते हुए सीधे डीएम दफ्तर पहुंच गए। डीएम लोगों की शिकायत सुन रहे थे। धर्मेंद्र ने जेब से शीशी निकाली और उसमें से पेट्रोल कपड़ों पर डाल लिया। इसके बाद उन्होंने जैसे ही जेब में हाथ डाला तो लोगों को लगा कि वह माचिस निकाल रहे हैं, तभी उन्हें पकड़ लिया और शोर मचा दिया। इसके बाद पुलिस आई और उन्हें मधुबन बापूधाम थाना ले गई।
संजय नगर निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि वह 18 अप्रैल से ही थाने और पुलिस अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। पुलिस का सिर्फ एक ही जवाब है, तलाश चल रही है, लेकिन हकीकत में कोई कोशिश ही नहीं की जा रही है। जब उन्हें लगा कि ऐसे कोई सुनने वाला नहीं है तो उसने यह कदम उठाया। 12 वीं में पढ़ने वाली बेटी स्कूल से घर आते समय लापता हुई थी। आशंका है कि उसका अपहरण किया गया है।
इस पर एसएसपी मुनीराज जी. का कहना है कि 18 अप्रैल से ही पुलिस की टीम किशोरी की बरामदगी का प्रयास कर रही है। जिस युवक पर परिजनों ने शक जाहिर किया, वह घर पर ही मिला। उससे पूछताछ में कोई सुराग नहीं निकला।
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18 अप्रैल से लापता 17 साल की बेटी के बरामद न होने पर पिता धर्मेंद्र कुमार ने सोमवार को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे डीएम के दफ्तर में डीएम आरके सिंह के सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें आग लगाने से रोका और हिरासत में ले लिया। उनका कहना है कि बेटी लव जेहाद में फंसी है। आरोप है कि पुलिस उसकी तलाश में लापरवाही बरत रही है। जिस युवक पर शक है, उससे सख्ती से पूछताछ नहीं की।
उन्होंने रविवार को आत्मदाह की चेतावनी दी थी। इसे देखते हुए कलक्ट्रेट में पुलिस तैनात की गई थी लेकिन वे पीछे से गेट से ट्रेजरी के पास से होते हुए सीधे डीएम दफ्तर पहुंच गए। डीएम लोगों की शिकायत सुन रहे थे। धर्मेंद्र ने जेब से शीशी निकाली और उसमें से पेट्रोल कपड़ों पर डाल लिया। इसके बाद उन्होंने जैसे ही जेब में हाथ डाला तो लोगों को लगा कि वह माचिस निकाल रहे हैं, तभी उन्हें पकड़ लिया और शोर मचा दिया। इसके बाद पुलिस आई और उन्हें मधुबन बापूधाम थाना ले गई।
संजय नगर निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि वह 18 अप्रैल से ही थाने और पुलिस अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। पुलिस का सिर्फ एक ही जवाब है, तलाश चल रही है, लेकिन हकीकत में कोई कोशिश ही नहीं की जा रही है। जब उन्हें लगा कि ऐसे कोई सुनने वाला नहीं है तो उसने यह कदम उठाया। 12 वीं में पढ़ने वाली बेटी स्कूल से घर आते समय लापता हुई थी। आशंका है कि उसका अपहरण किया गया है।
इस पर एसएसपी मुनीराज जी. का कहना है कि 18 अप्रैल से ही पुलिस की टीम किशोरी की बरामदगी का प्रयास कर रही है। जिस युवक पर परिजनों ने शक जाहिर किया, वह घर पर ही मिला। उससे पूछताछ में कोई सुराग नहीं निकला।