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Ghaziabad News: प्रदूषण से बढ़ी सांस की बीमारियां, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
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गाजियाबाद। गिरते तापमान और बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है। जिले में सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा (दमा) के मरीजों की परेशानी दोगुनी हो गई है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों की ओपीडी में लगातार आसे मरीज पहुंच रहे हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। सिर्फ एमएमजी अस्पताल में रोजाना 35 से 40 मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.अखिलेश मोहन ने बुधवार को विभाग की ओर से एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें प्रदूषण से बचाव के लिए लोगों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि वायु प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर तेजी से पड़ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति को जागरूक रहते हुए इससे बचाव के उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिन की योजना बनाने से पहले अपने क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जरूर जांचें। जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां जाने से बचें। भारी यातायात और धूल वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं। खराब से गंभीर वायु प्रदूषण वाले दिनों में, जब एक्यूआई 200 से अधिक हो तो सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें। आवश्यकता होने पर दोपहर 12 बजे के आसपास घरों को हवादार करें और शाम तक अधिकतर समय घर के अंदर ही रहें। बाहरी गतिविधियों का समय एक्यूआई स्तर के अनुसार तय करें।
डॉ.अखिलेश मोहन ने बताया कि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर कोमॉर्बिड (पहले से बीमार) और बुजुर्ग लोगों पर पड़ता है। कोविड-19 से ग्रस्त या इससे उबर चुके व्यक्तियों के लिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है। सांस फूलना, सीने में दर्द या बेचैनी, खांसी, आंखों में जलन या चक्कर आने जैसी समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को यथासंभव घर में ही रहने की सलाह दी गई है।
सभी प्रभारियों को कहा गया है कि इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार रखा जाए। विशेषज्ञ डॉक्टरों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है ताकि ओपीडी और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके। विभाग की ओर से अपील की गई है कि लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और मास्क का उपयोग जरूर करें।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.अखिलेश मोहन ने बुधवार को विभाग की ओर से एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें प्रदूषण से बचाव के लिए लोगों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि वायु प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर तेजी से पड़ रहा है। ऐसे में हर व्यक्ति को जागरूक रहते हुए इससे बचाव के उपाय करने चाहिए।
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उन्होंने कहा कि दिन की योजना बनाने से पहले अपने क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जरूर जांचें। जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां जाने से बचें। भारी यातायात और धूल वाले क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं। खराब से गंभीर वायु प्रदूषण वाले दिनों में, जब एक्यूआई 200 से अधिक हो तो सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें। आवश्यकता होने पर दोपहर 12 बजे के आसपास घरों को हवादार करें और शाम तक अधिकतर समय घर के अंदर ही रहें। बाहरी गतिविधियों का समय एक्यूआई स्तर के अनुसार तय करें।
डॉ.अखिलेश मोहन ने बताया कि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर कोमॉर्बिड (पहले से बीमार) और बुजुर्ग लोगों पर पड़ता है। कोविड-19 से ग्रस्त या इससे उबर चुके व्यक्तियों के लिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है। सांस फूलना, सीने में दर्द या बेचैनी, खांसी, आंखों में जलन या चक्कर आने जैसी समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को यथासंभव घर में ही रहने की सलाह दी गई है।
सभी प्रभारियों को कहा गया है कि इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार रखा जाए। विशेषज्ञ डॉक्टरों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है ताकि ओपीडी और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके। विभाग की ओर से अपील की गई है कि लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें और मास्क का उपयोग जरूर करें।