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Gurugram News: सोहना नगर परिषद में अवैध कॉलोनी पर पैसा खर्च करने का आरोप

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Tue, 09 Dec 2025 06:41 PM IST
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Sohna Municipal Council accused of spending money on illegal colony
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नगर परिषद अवैध कॉलोनियों में करोड़ों रुपये खर्च कर से कर रही निर्माण
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संवाद न्यूज एजेंसी
सोहना। नगरपरिषद विभाग अधिकारियों पर करोड़ों रुपये की सरकारी राशि को अवैध कॉलोनियों के निर्माण कार्यों पर खर्च करने का आरोप लगा है। लोगों का कहना है कि विभाग ने ऐसी कॉलोनियों के कार्यों पर सरकारी पैसा खर्च किया है, जिसको सरकार ने आज तक मंजूरी प्रदान नहीं की है। सरकार ने बीते 10 वर्षों में मात्र पांच कॉलोनियों को ही मंजूरी दी है। लोगों ने मामले की शिकायत कर विजिलेंस से जांच कराने की मांग की है। वहीं, ऐसा होने से नगरपरिषद प्रशासन की पोल खुलने की संभावना है।

सरकार की ओर से करीब 10 वर्ष पहले 9 सितंबर, 2015 को सोहना नगरपालिका को अपग्रेड कर नगरपरिषद का दर्जा दिया गया था। इसमें सोहना के आसपास 13 गांव लगते हैं। इनमें संपकि नंगली, बेरका, लोहटकी, सिरस्का, धुनेला, खाईका, बालूदा, रायपुर, जखोपुर आदि को शामिल किया गया था, जिनमें अवैध कॉलोनियां बना दी गई हैं। इन्हें सरकार ने आज तक भी वैध घोषित नहीं किया है। इसके विपरीत परिषद ने सभी नियमों को उल्लंघन कर अवैध कॉलोनियों में करोड़ों रुपये की राशि निर्माण कार्यों पर खर्च कर डाली है। उक्त राशि परिषद कोष, डी प्लान, सीएम घोषणा आदि से खर्च की गई है, जिसका खुलासा परिषद विभाग ने सरकार को आज तक भी नहीं किया है। सरकारी राशि का दुरुपयोग करने में सभी सक्षम अधिकारियों की मिलीभगत है। मामले में ऑडिटर की भूमिका भी संदिग्ध है।
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सरकार ने बीते 10 वर्षों के अंतराल में मात्र 5 अवैध कालोनियों को ही वैध घोषित किया है। सरकार द्वारा जारी पत्र दिनांक 6 मार्च 2024 में धुनेला, सोहना हरिनगर, सोहना अज्ञात कालोनी, एमटेक कॉलोनी जखोपुर व एमटेक कालोनी जखोपुर शामिल हैं।

सोहना व्यापार मंडल प्रधान अशोक गर्ग, आनंद, सुरेंद्र, राजू अनुराग आदि ने उक्त मामले की शिकायत उपायुक्त गुरुग्राम से लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री को लिखित रूप में विजिलेंस से जांच कराने की मांग उठाई है। लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने मात्र कमीशन के लालच में करोड़ों रुपये को खुर्दबुर्द कर डाला है, जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

नगरपरिषद कार्यकारी अधिकारी सुमनलता कहती हैं कि वर्तमान में भूमि का स्टेटस देखकर ही विकास कार्य कराए गए हैं। पिछले कराए कार्यों की उनको जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर अवैध कॉलोनियों में विकास कराने की शिकायत आएगी तो जांच कराई जाएगी।
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