ग्रेटर नोएडा। शहर के लोगों तक गंगाजल पहुंचाने की आखिरी बाधा भी दूर कर ली गई है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन निकालने का काम प्राधिकरण ने टनल बनाकर पूरा कर लिया है। साथ ही, देहरा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल की सभी लाइनें जोड़ दी गई हैं। देहरा स्थित प्लांट से टेस्टिंग 7 अक्तूबर को सीईओ शुरू कर चुके हैं। अब फाइनल टेस्टिंग जल्द शुरू होगी। इससे 16 साल से इंतजार कर रहे लोगों को नए साल में गंगाजल मिलने लगेगा।
ग्रेटर नोएडा में गंग नहर के जरिये 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव 2005 में बना, लेकिन तमाम अड़चनों के चलते अगले 10 साल में भी इस परियोजना पर कुछ खास काम नहीं हो सका और 2016 में ग्रेनो वासियों तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य बहुत पहले पीछे छूट गया। 2017 के बाद करीब 800 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पूरा करने में तेजी आई और 2019 में ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। इस बीच वन विभाग, सिंचाई विभाग, एनटीपीसी व किसानों से जमीन विवाद के कारण भी काम रुका, लेकिन इन दिक्कतों को भी जल्द सुलझा लिया गया। हालांकि, इन वजहों से अगस्त 2021 में ग्रेनो तक गंगाजल लाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका।
वहीं, आईओसीएल व गेल की गैस पाइप लाइन के कारण भी कुछ समय के लिए काम रुका रहा। इसका पटाक्षेप अगस्त 2021 में तब हुआ जब सीईओ नरेंद्र भूषण ने इन केंद्रीय विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए खुद कमान संभाली। संबंधित अधिकारियों से कई दौर की वार्ता कर इस मसले को सुलझाया। अक्तूबर 2021 तक बारिश होने से ग्रेनोवासियों को एक बार फिर गंगाजल तय लक्ष्य पर नहीं मिल सका। बारिश के कारण काम रुका रहा। हाल ही में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन को निकालने में भी दिक्कत आई। कुछ समय के लिए फिर से काम बाधित हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सहमति से ग्रेनो प्राधिकरण ने पाइपलाइन को एक्सप्रेसवे पार कराने पर फिर काम शुरू किया। पाइपलाइन जोड़ने से मात्र तीन मीटर पहले एक बड़े पत्थर ने रास्ता रोक लिया, लेकिन शनिवार को यह काम भी पूरा हो गया। देहरा से बिसाहड़ा तक पानी की टेस्टिंग पूरी कर ली गई है। अब आगे की टेस्टिंग शुरू होगी।
ऐसे अंतिम चरण में पहुंची परियोजना
- 2005 में गंगाजल परियोजना की घोषणा हुई
- 2016 में गंगाजल ग्रेनो तक पहुंचाने का पहला लक्ष्य रखा गया
- 2017 के बाद से इस परियोजना के काम में आई तेजी
- फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
- जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली अनुमति
- जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
- सितंबर 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
- अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
गंगाजल परियोजना की सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। गंगनहर से ग्रेटर नोएडा तक पाइप लाइन जोड़ने का काम पूरा हो गया है। शहर वासियों के घरों तक बहुत जल्द गंगाजल पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
- नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा। शहर के लोगों तक गंगाजल पहुंचाने की आखिरी बाधा भी दूर कर ली गई है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन निकालने का काम प्राधिकरण ने टनल बनाकर पूरा कर लिया है। साथ ही, देहरा से लेकर ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल की सभी लाइनें जोड़ दी गई हैं। देहरा स्थित प्लांट से टेस्टिंग 7 अक्तूबर को सीईओ शुरू कर चुके हैं। अब फाइनल टेस्टिंग जल्द शुरू होगी। इससे 16 साल से इंतजार कर रहे लोगों को नए साल में गंगाजल मिलने लगेगा।
ग्रेटर नोएडा में गंग नहर के जरिये 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव 2005 में बना, लेकिन तमाम अड़चनों के चलते अगले 10 साल में भी इस परियोजना पर कुछ खास काम नहीं हो सका और 2016 में ग्रेनो वासियों तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य बहुत पहले पीछे छूट गया। 2017 के बाद करीब 800 करोड़ रुपये की इस परियोजना को पूरा करने में तेजी आई और 2019 में ग्रेटर नोएडा तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। इस बीच वन विभाग, सिंचाई विभाग, एनटीपीसी व किसानों से जमीन विवाद के कारण भी काम रुका, लेकिन इन दिक्कतों को भी जल्द सुलझा लिया गया। हालांकि, इन वजहों से अगस्त 2021 में ग्रेनो तक गंगाजल लाने का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका।
वहीं, आईओसीएल व गेल की गैस पाइप लाइन के कारण भी कुछ समय के लिए काम रुका रहा। इसका पटाक्षेप अगस्त 2021 में तब हुआ जब सीईओ नरेंद्र भूषण ने इन केंद्रीय विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के लिए खुद कमान संभाली। संबंधित अधिकारियों से कई दौर की वार्ता कर इस मसले को सुलझाया। अक्तूबर 2021 तक बारिश होने से ग्रेनोवासियों को एक बार फिर गंगाजल तय लक्ष्य पर नहीं मिल सका। बारिश के कारण काम रुका रहा। हाल ही में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से पाइपलाइन को निकालने में भी दिक्कत आई। कुछ समय के लिए फिर से काम बाधित हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सहमति से ग्रेनो प्राधिकरण ने पाइपलाइन को एक्सप्रेसवे पार कराने पर फिर काम शुरू किया। पाइपलाइन जोड़ने से मात्र तीन मीटर पहले एक बड़े पत्थर ने रास्ता रोक लिया, लेकिन शनिवार को यह काम भी पूरा हो गया। देहरा से बिसाहड़ा तक पानी की टेस्टिंग पूरी कर ली गई है। अब आगे की टेस्टिंग शुरू होगी।
ऐसे अंतिम चरण में पहुंची परियोजना
- 2005 में गंगाजल परियोजना की घोषणा हुई
- 2016 में गंगाजल ग्रेनो तक पहुंचाने का पहला लक्ष्य रखा गया
- 2017 के बाद से इस परियोजना के काम में आई तेजी
- फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
- जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली अनुमति
- जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
- सितंबर 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
- अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
गंगाजल परियोजना की सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। गंगनहर से ग्रेटर नोएडा तक पाइप लाइन जोड़ने का काम पूरा हो गया है। शहर वासियों के घरों तक बहुत जल्द गंगाजल पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।
- नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण