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Noida News: प्राधिकरण ने लोटस पनास सोसाइटी में 3 टावर और 10 दुकानें कीं सील
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फोटो हैं।
-702 करोड़ 59 लाख रुपये बिल्डर की तरफ से बकाया नहीं दिया गया -नक्शे की वैधता समाप्त होने के बाद भी किया जा रहा था निर्माण
-सील हुए निर्माणधीन टावर में 200 से ज्यादा फ्लैट, अभी इनका काम पूरा न होने से कोई रह नहीं रहा था, निवेशक होने पर फंसेंगे
माई सिटी रिपोर्टर,
नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-110 लोटस पनास सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। प्राधिकरण ने यहां पर काम रुकवाने के साथ 3 निर्माणाधीन टावर व 10 बन चुकीं दुकानें सील कीं हैं। यह कार्रवाई प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग विभाग की तरफ से की गई। कारण यह है कि बिल्डर पर 702 करोड़ 59 लाख रुपये बकाया है, जो नहीं जमा किया जा रहा था। इसके साथ ही नक्शे की वैधता भी समाप्त हो चुकी थी, फिर भी बिल्डर निर्माण करवा रहा था। पहले भी प्राधिकरण यहां पर सीलिंग की कार्रवाई कर चुका है। सील निर्माणाधीन टावर में 200 से ज्यादा फ्लैट हैं। अभी इनमें कोई रह नहीं रहा था, लेकिन बुकिंग करने वाले अगर निवेशक होंगे तो वह फंसेंगे।
प्राधिकरण की टीम ने यह कार्रवाई ओएसडी क्रांति शेखर सिंह की अगुवाई में की। ओएसडी ने बताया कि प्लॉट संख्या-जीएच-5, सेक्टर-110 में मैसर्स ग्रेनिटेट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की ग्रुप हाउसिंग परियोजना है। प्लॉट का क्षेत्रफल 1 लाख 64 हजार 120 वर्ग मीटर का है। प्राधिकरण ने रजिस्ट्री 29 दिसंबर 2009 को की थी। परियोजना में कुल 31 टावर स्वीकृत किए गए थे जिनमें 4018 फ्लैट बनाए जाने प्रस्तावित हैं। बिल्डर ने भवन मानचित्र की समय सीमा बढ़ाने के लिए 8 फरवरी 2024 को आवेदन किया था जिस पर प्राधिकरण की ओर से आपत्तियों की सूची जारी की गई थी। इसके यह बाद यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने परियोजना में नियुक्त रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की सुनवाई की। आवंटी को साफ तौर पर निर्देश दिए गए थे कि जब तक नक्शे की समय सीमा बढ़ोतरी को मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक मौके पर कोई काम न किया जाए। बकाया नहीं देने व मौके पर काम जारी रखने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।
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-702 करोड़ 59 लाख रुपये बिल्डर की तरफ से बकाया नहीं दिया गया -नक्शे की वैधता समाप्त होने के बाद भी किया जा रहा था निर्माण
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नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-110 लोटस पनास सोसाइटी में बिल्डर के खिलाफ बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। प्राधिकरण ने यहां पर काम रुकवाने के साथ 3 निर्माणाधीन टावर व 10 बन चुकीं दुकानें सील कीं हैं। यह कार्रवाई प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग विभाग की तरफ से की गई। कारण यह है कि बिल्डर पर 702 करोड़ 59 लाख रुपये बकाया है, जो नहीं जमा किया जा रहा था। इसके साथ ही नक्शे की वैधता भी समाप्त हो चुकी थी, फिर भी बिल्डर निर्माण करवा रहा था। पहले भी प्राधिकरण यहां पर सीलिंग की कार्रवाई कर चुका है। सील निर्माणाधीन टावर में 200 से ज्यादा फ्लैट हैं। अभी इनमें कोई रह नहीं रहा था, लेकिन बुकिंग करने वाले अगर निवेशक होंगे तो वह फंसेंगे।
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प्राधिकरण की टीम ने यह कार्रवाई ओएसडी क्रांति शेखर सिंह की अगुवाई में की। ओएसडी ने बताया कि प्लॉट संख्या-जीएच-5, सेक्टर-110 में मैसर्स ग्रेनिटेट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की ग्रुप हाउसिंग परियोजना है। प्लॉट का क्षेत्रफल 1 लाख 64 हजार 120 वर्ग मीटर का है। प्राधिकरण ने रजिस्ट्री 29 दिसंबर 2009 को की थी। परियोजना में कुल 31 टावर स्वीकृत किए गए थे जिनमें 4018 फ्लैट बनाए जाने प्रस्तावित हैं। बिल्डर ने भवन मानचित्र की समय सीमा बढ़ाने के लिए 8 फरवरी 2024 को आवेदन किया था जिस पर प्राधिकरण की ओर से आपत्तियों की सूची जारी की गई थी। इसके यह बाद यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने परियोजना में नियुक्त रिजोल्यूशन प्रोफेशनल की सुनवाई की। आवंटी को साफ तौर पर निर्देश दिए गए थे कि जब तक नक्शे की समय सीमा बढ़ोतरी को मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक मौके पर कोई काम न किया जाए। बकाया नहीं देने व मौके पर काम जारी रखने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।