नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी करीब छह माह बाकी हैं पर गुर्जरों के गढ़ दादरी में जनसभा करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही सम्राट मिहिर भोज के संबोधन से पहले गुर्जर ‘शब्द’ न बोला हो। लेकिन गुर्जरी माता पन्ना धाय का उदाहरण देकर ठाकुर समाज के राजकुमार को बचाने के लिए अपने पुत्र का बलिदान देने का उदाहरण दिया था। यह बात कहकर सीएम ने सिर्फ गुर्जर समुदाय को ही नहीं बल्कि ठाकुर समाज को भी साधने का काम किया। उन्होंने जातियों का नाम लिए बिना ही प्रतिहार सम्राट को गुर्जर या राजपूत जाति से न जोड़ने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पराक्रमी राजा मिहिर भोज किसी एक जाति के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। इससे यहां पर सीएम ने विवाद को खत्म करने का भी प्रयास किया कि सम्राट मिहिर भोज देश की धरोहर है और उनको जातियों में न बांटा जाए। इससे वह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने का प्रयास करते दिखे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा में पचास हजार से अधिक लोगों अधिक भीड़ जुटी थी। लोग बरसात के कारण अव्यवस्था हुई तो पंडाल से बाहर आकर सड़क और अन्य स्थानों पर जाकर खड़े हो गए थे। पंडाल में 15 से 20 हजार की भीड़ थी। उन्होंने गुर्जर और ठाकुर समाज में किसी तरह का विवाद न हो इसलिए दोनों को साधते हुए बीच का रास्ता निकाला और सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर या किसी दूसरे शब्द से संबोधित नहीं किया। हालांकि उन्होंने सम्राट मिहिर भोज की बहादुरी के खूब कसीदे पढ़े थे और मां पन्नाधाय का उदाहरण देकर भी दोनों जातियों को एक होने का संदेश दिया था। इस सभा में जहां गुर्जरों की संख्या अधिक थी तो वहीं ठाकुर समाज समेत अन्य लोग भी मौजूद थे। सीएम ने एक-एक बात को दोनों जातियों में हो रहे विवाद को लेकर कहा।
गुर्जर वोटर बहुल है गौतमबुद्ध नगर
गौतमबुद्ध नगर में तीन विधान सभा सीट हैं। दादरी, नोएडा और जेवर। कुछ साल पहले तक गौतमबुद्घनगर की तीनों सीटो को गुर्जर बहुल माना जाता था। मगर दादरी विधान सभा को गुर्जरों का गढ़ माना जाता है। हालांकि अभी इस सीट पर सबसे अधिक गुर्जर है लेकिन राजपूत और यादव भी बड़ी संख्या में हैं। दादरी सीट पर गुर्जर मतदाता करीब एक लाख 40 हजार है। 80 हजार के करीब एससी/एसटी है। लगभग 40 हजार मुस्लिम, 35 हजार ब्राह्मण और 35 हजार ही राजूपत मतदाता हैं।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर, ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटी व नोएडा एक्सप्रेसवे पर बसी आबादी जो विधान सभा में आती है। यहां करीब एक लाख वोटर है। जबकि पाल समेत धनगर जातियां, नाई, कुम्हार, जोगी आदि समेत जो जातियां यह भी करीब एक लाख मतदाता है। इस तरह करीब पांच लाख 30 हजार मतदाता इस समय दादरी विधान सभा सीट पर हैं। जेवर विधानसभा सीट पर गुर्जर और ठाकुर वोटरों का दबदबा है। दोनों ही जातियों से 50 हजार से ज्यादा वोटर हैं। मुसलिम वोटर भी यहां बड़ी संख्या में हैं।
पार्टी गुटबाजी, बिरादरी का विरोध भी झेलना पडे़गा भाजपा विधायक को
साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में पार्टी की गुटबाजी के बाद अब दादरी विधायक तेजपाल नागर को गुर्जर बिरादरी का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। दो दिनों से गुर्जर संगठनों समेत क्षेत्र के लोग विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। लेकिन उनके चुप्पी साधने से विरोधी पार्टी भी सवाल उठा रहे हैं। दादरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दो गुट सक्रिय थे। एक गुट दादरी विधायक के नजदीकी रहा है। वहीं, दूसरा गुट उनका विरोधी है। दूसरा गुट पिछले कई साल से विभिन्न अवसरों पर उनका विरोध करता रहा है। लेकिन विधायक अपनी टीम के साथ क्षेत्र के विकास समेत मुद्दों को उठाते रहे हैं।
उन्होंने गुर्जर विद्या सभा के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाकर मूर्ति अनावरण के लिए समय दिलाने में भूमिका निभाकर गुर्जर बिरादरी को खुश करने का प्रयास किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में भारी भीड़ जुटाकर अपनी स्थिति भी मजबूत की। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण में गुर्जर शब्द का राजपूत संगठनों ने विरोध किया। दादरी विधान सभा क्षेत्र में राजपूत समाज के करीब 84 गांव है। एक बड़े वोट बैंक को नाराज होने के डर के चलते विवाद बना रहा। मुख्यमंत्री के आने से चंद मिनट पहले ही गुर्जर शब्द को हटा दिया गया। जनसभा में भीड़ एकत्र करके दादरी विधायक ने वाह-वाही लूट ली। लेकिन प्रतिमा पर लिखे गुर्जर शब्द हटाए जाने के बाद गुर्जर संगठन विरोध में खड़े हो गये। मंच पर ही नारेबाजी की गई।
बुधवार शाम उनके घर पर भी नारेबाजी की गई। विरोध के चलते बृहस्पतिवार को सारा दिन सोशल मीडिया पर लोग टिप्पणी करते रहे। कई लोगों ने तो समाज के साथ धोखा करने की बात कहते हुए आगामी चुनाव में सबक सिखाने की धमकी तक दी। गुर्जर शब्द को हटाए जाने के मामले को लेकर दादरी विधायक तेजपाल नागर से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन विधायक का फोन बुधवार देर रात से ही बंद चल रहा है। वहीं कार्यक्रम में शामिल हुए स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा, विधानसभा परिषद सदस्य श्री चंद्र शर्मा का शिलापट पर नाम नहीं होने और भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष को मंच से उतारे जाने से ब्राहमण समाज में भी नाराजगी है।
नोएडा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी करीब छह माह बाकी हैं पर गुर्जरों के गढ़ दादरी में जनसभा करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही सम्राट मिहिर भोज के संबोधन से पहले गुर्जर ‘शब्द’ न बोला हो। लेकिन गुर्जरी माता पन्ना धाय का उदाहरण देकर ठाकुर समाज के राजकुमार को बचाने के लिए अपने पुत्र का बलिदान देने का उदाहरण दिया था। यह बात कहकर सीएम ने सिर्फ गुर्जर समुदाय को ही नहीं बल्कि ठाकुर समाज को भी साधने का काम किया। उन्होंने जातियों का नाम लिए बिना ही प्रतिहार सम्राट को गुर्जर या राजपूत जाति से न जोड़ने का भी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पराक्रमी राजा मिहिर भोज किसी एक जाति के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं। इससे यहां पर सीएम ने विवाद को खत्म करने का भी प्रयास किया कि सम्राट मिहिर भोज देश की धरोहर है और उनको जातियों में न बांटा जाए। इससे वह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को साधने का प्रयास करते दिखे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा में पचास हजार से अधिक लोगों अधिक भीड़ जुटी थी। लोग बरसात के कारण अव्यवस्था हुई तो पंडाल से बाहर आकर सड़क और अन्य स्थानों पर जाकर खड़े हो गए थे। पंडाल में 15 से 20 हजार की भीड़ थी। उन्होंने गुर्जर और ठाकुर समाज में किसी तरह का विवाद न हो इसलिए दोनों को साधते हुए बीच का रास्ता निकाला और सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर या किसी दूसरे शब्द से संबोधित नहीं किया। हालांकि उन्होंने सम्राट मिहिर भोज की बहादुरी के खूब कसीदे पढ़े थे और मां पन्नाधाय का उदाहरण देकर भी दोनों जातियों को एक होने का संदेश दिया था। इस सभा में जहां गुर्जरों की संख्या अधिक थी तो वहीं ठाकुर समाज समेत अन्य लोग भी मौजूद थे। सीएम ने एक-एक बात को दोनों जातियों में हो रहे विवाद को लेकर कहा।
गुर्जर वोटर बहुल है गौतमबुद्ध नगर
गौतमबुद्ध नगर में तीन विधान सभा सीट हैं। दादरी, नोएडा और जेवर। कुछ साल पहले तक गौतमबुद्घनगर की तीनों सीटो को गुर्जर बहुल माना जाता था। मगर दादरी विधान सभा को गुर्जरों का गढ़ माना जाता है। हालांकि अभी इस सीट पर सबसे अधिक गुर्जर है लेकिन राजपूत और यादव भी बड़ी संख्या में हैं। दादरी सीट पर गुर्जर मतदाता करीब एक लाख 40 हजार है। 80 हजार के करीब एससी/एसटी है। लगभग 40 हजार मुस्लिम, 35 हजार ब्राह्मण और 35 हजार ही राजूपत मतदाता हैं।
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर, ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटी व नोएडा एक्सप्रेसवे पर बसी आबादी जो विधान सभा में आती है। यहां करीब एक लाख वोटर है। जबकि पाल समेत धनगर जातियां, नाई, कुम्हार, जोगी आदि समेत जो जातियां यह भी करीब एक लाख मतदाता है। इस तरह करीब पांच लाख 30 हजार मतदाता इस समय दादरी विधान सभा सीट पर हैं। जेवर विधानसभा सीट पर गुर्जर और ठाकुर वोटरों का दबदबा है। दोनों ही जातियों से 50 हजार से ज्यादा वोटर हैं। मुसलिम वोटर भी यहां बड़ी संख्या में हैं।
पार्टी गुटबाजी, बिरादरी का विरोध भी झेलना पडे़गा भाजपा विधायक को
साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में पार्टी की गुटबाजी के बाद अब दादरी विधायक तेजपाल नागर को गुर्जर बिरादरी का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। दो दिनों से गुर्जर संगठनों समेत क्षेत्र के लोग विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट करके नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। लेकिन उनके चुप्पी साधने से विरोधी पार्टी भी सवाल उठा रहे हैं। दादरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दो गुट सक्रिय थे। एक गुट दादरी विधायक के नजदीकी रहा है। वहीं, दूसरा गुट उनका विरोधी है। दूसरा गुट पिछले कई साल से विभिन्न अवसरों पर उनका विरोध करता रहा है। लेकिन विधायक अपनी टीम के साथ क्षेत्र के विकास समेत मुद्दों को उठाते रहे हैं।
उन्होंने गुर्जर विद्या सभा के प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाकर मूर्ति अनावरण के लिए समय दिलाने में भूमिका निभाकर गुर्जर बिरादरी को खुश करने का प्रयास किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में भारी भीड़ जुटाकर अपनी स्थिति भी मजबूत की। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण में गुर्जर शब्द का राजपूत संगठनों ने विरोध किया। दादरी विधान सभा क्षेत्र में राजपूत समाज के करीब 84 गांव है। एक बड़े वोट बैंक को नाराज होने के डर के चलते विवाद बना रहा। मुख्यमंत्री के आने से चंद मिनट पहले ही गुर्जर शब्द को हटा दिया गया। जनसभा में भीड़ एकत्र करके दादरी विधायक ने वाह-वाही लूट ली। लेकिन प्रतिमा पर लिखे गुर्जर शब्द हटाए जाने के बाद गुर्जर संगठन विरोध में खड़े हो गये। मंच पर ही नारेबाजी की गई।
बुधवार शाम उनके घर पर भी नारेबाजी की गई। विरोध के चलते बृहस्पतिवार को सारा दिन सोशल मीडिया पर लोग टिप्पणी करते रहे। कई लोगों ने तो समाज के साथ धोखा करने की बात कहते हुए आगामी चुनाव में सबक सिखाने की धमकी तक दी। गुर्जर शब्द को हटाए जाने के मामले को लेकर दादरी विधायक तेजपाल नागर से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन विधायक का फोन बुधवार देर रात से ही बंद चल रहा है। वहीं कार्यक्रम में शामिल हुए स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा, विधानसभा परिषद सदस्य श्री चंद्र शर्मा का शिलापट पर नाम नहीं होने और भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष को मंच से उतारे जाने से ब्राहमण समाज में भी नाराजगी है।