चुनाव में इस बार 11 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की पहचान के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल तो होगा लेकिन डिजिटल मतदाता पर्ची का इस्तेमाल नहीं होगा। इसलिए बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जाना वर्जित होगा।
हालांकि वोटर हेल्पलाइन एप से डिजिटल मतदाता पर्ची डाउनलोड कर उसका प्रिंट आउट लेकर मतदान केंद्र पर जा सकते हैं। सभी 70 सीटों पर चुनाव अधिकारियों द्वारा बूथ एप के इस्तेमाल करने की तैयारी थी।
इसके तहत सभी मतदाताओं की पर्ची पर क्यूआर कोड का प्रावधान किया गया है। ताकि मतदाता केंद्र पर चुनावी ड्यूटी में जुटे अधिकारी बूथ एप के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर मतदाताओं की पहचान कर सकें।
लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने सिर्फ 11 विधानसभा क्षेत्रों में ही इसका इस्तेमाल करने की इजाजत दी। तब यह कहा गया था कि बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर क्यूआर कोड युक्त मतदाता पर्ची पहुंचाएंगे।
किसी वजह से यह पर्ची खो जाने पर मतदाता मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र पर जा सकेंगे। ताकि क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए डिजिटल पर्ची का इस्तेमाल हो सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि इस प्रावधान पर कई लोगों द्वारा सवाल उठाए गए। चुनाव में गोपनीयता सबसे अहम है। इसे ध्यान में रखते हुए बूथ में मोबाइल ले जाने की स्वीकृति नहीं होगी।
80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं को इस बार घर बैठे मतदान की सुविधा दी जा रही है। ऐसे कुल 2,55,303 मतदाता हैं लेकिन इसमें से सिर्फ करीब चार हजार लोगों ने ही इस सुविधा के लिए आवेदन दिया है। सीईओ कार्यालय के अनुसार मतदान के दिन चुनाव अधिकारी बैलेट लेकर उनके घर जाएंगे और मतदान कराएंगे। यह मतदान भी पूरी तरह गोपनीय होगा। उसकी वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जाएगी और उम्मीदवारों के एजेंट भी वहां मौजूद रह सकते हैं।
पिक एंड ड्रॉप की सुविधा
80 वर्ष से अधिक उम्र वाले जिन बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं ने घर बैठे मतदान के लिए आवेदन नहीं दिया है उन्हें पिक एंड ड्रॉप की सुविधा दी जाएगी। वोटर हेल्पलाइन नंबर (1950) पर कॉल कर के या मैसेज (7738299899) भेजकर सुविधा की मांग की जा सकती है। मतदाताओं को मैसेज बॉक्स में वोटर कार्ड नंबर और स्पेस देकर पिक लिखकर संबंधित नंबर पर मैसेज करना होगा।
70 मॉडल मतदान केंद्र संभालेंगी महिला अधिकारी
दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक बूथ मॉडल मतदान केंद्र होंगे। जहां अन्य मतदान केंद्रों की तुलना में अधिक सुविधा होगी। खास बात यह है कि इन 70 मतदान केंद्रों के सभी बूथ पिंक बूथ होंगे। इसका मतलब यह है कि उसकी कमान पूरी तरह महिला अधिकारियों के हाथ में होगी।
चुनाव में इस बार 11 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की पहचान के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल तो होगा लेकिन डिजिटल मतदाता पर्ची का इस्तेमाल नहीं होगा। इसलिए बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जाना वर्जित होगा।
हालांकि वोटर हेल्पलाइन एप से डिजिटल मतदाता पर्ची डाउनलोड कर उसका प्रिंट आउट लेकर मतदान केंद्र पर जा सकते हैं। सभी 70 सीटों पर चुनाव अधिकारियों द्वारा बूथ एप के इस्तेमाल करने की तैयारी थी।
इसके तहत सभी मतदाताओं की पर्ची पर क्यूआर कोड का प्रावधान किया गया है। ताकि मतदाता केंद्र पर चुनावी ड्यूटी में जुटे अधिकारी बूथ एप के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर मतदाताओं की पहचान कर सकें।
लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने सिर्फ 11 विधानसभा क्षेत्रों में ही इसका इस्तेमाल करने की इजाजत दी। तब यह कहा गया था कि बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर क्यूआर कोड युक्त मतदाता पर्ची पहुंचाएंगे।
किसी वजह से यह पर्ची खो जाने पर मतदाता मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र पर जा सकेंगे। ताकि क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए डिजिटल पर्ची का इस्तेमाल हो सके।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि इस प्रावधान पर कई लोगों द्वारा सवाल उठाए गए। चुनाव में गोपनीयता सबसे अहम है। इसे ध्यान में रखते हुए बूथ में मोबाइल ले जाने की स्वीकृति नहीं होगी।