दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) कॉरिडोर पर बृहस्पतिवार से ड्राइवरलेस मेट्रो दौड़ने लगेगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो का उद्घाटन करेंगे।
इससे पहले दिसंबर, 2020 में दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन को ड्राइवरलेस किया था। कोरोना महामारी के दौरान विपरीत परिस्थितियों के बीच दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने के बाद दोनों लाइनों पर ड्राइवरलेस मेट्रो का नेटवर्क करीब 92 किलोमीटर का हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली मेट्रो का नाम ड्राइवरलेस मेट्रो के लिहाज से दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार हो जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर 58.43 किलोमीटर के कॉरिडोर पर मेट्रो को ड्राइवरलेस करने से परिचालन पूरी तरह से स्वचालित हो जाएगा। इसके बाद मेट्री की कमान, मेट्रो भवन स्थित ऑपरेशन एंड कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) के पास होगी और यह सेंटर 24 घंटे काम कर सकेगा। मेट्रो के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को न तो मेट्रो की फ्रिक्वेंसी की चिंता होगी और न ही देरी की गुंजाइश होगी। सभी कुछ स्वचालित होने से किसी भी रुकावट का पता पहले ही चल जाएगा, जिसे समय रहते दूर कर लिया जाएगा। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी और गंतव्य तक पहुंचना भी बेहद सुलभ हो जाएगा।
करीब आठ महीने की हुई देरी
पिंक लाइन के शेष हिस्से पर त्रिलोकपुरी (संजय लेक)-मयूर विहार, पॉकेट वन के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू होने में देरी का असर ड्राइवरलेस मेट्रो पर भी पड़ा। इस वजह से पिंक लाइन पर करीब आठ महीने बाद सेवाएं ड्राइवरलेस की जा रही हैं। हालांकि पिंक लाइन को जल्द से जल्द ड्राइवरलेस करने के लिए दिल्ली मेट्रो ने कोरोना काल में भी लगातार सिग्नलिंग, टेस्टिंग, ओवरहेड केबल सहित सेवाएं स्वचालित करने के लिए प्रणाली में कई तकनीकी बदलाव किया। पहले मार्च में ही पिंक लाइन को ड्राइवरलेस करने का लक्ष्य था। इसी माह सुरक्षा आयुक्त (मेट्रो रेल) ने ड्राइवरलेस मेट्रो का निरीक्षण किया था। इसके बाद डीएमआरसी को रिपोर्ट सौंपते हुए परिचालन की मंजूरी दे दी। 25 नवंबर को उद्घाटन के बाद पिंक लाइन के यात्रियों को ड्राइवरलेस मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा। अभी भी चीन, ब्राजील और दुबई में ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन हो रहा है।
सीबीटीसी तकनीक से चलेगी ड्राइवरलेस मेट्रो
कम्यूनिकेशन बेस्ट ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) तकनीक के जरिये ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन होगा। इस तकनीक के जरिये तयशुदा वक्त पर मेट्रो परिचालन के लिए कंट्रोल सेंटर और जमीन के बीच स्वचालित समन्वय होगा। इसके लिए मैन्युअल दिशा निर्देश की जरूरत नहीं होगी। अगर, कहीं रुकावट है भी तो तकनीक के जरिये उसे हल करने की प्राथमिकता होगी। विशेष परिस्थिति में अगर परिचालन में दिक्कतें आती हैं तो उसे कर्मियों द्वारा किया जाएगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से मेट्रो की रफ्तार भी सुनिश्चित होगी और अधिक यात्री इसमें सफर कर सकेंगे।
विस्तार
दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार) कॉरिडोर पर बृहस्पतिवार से ड्राइवरलेस मेट्रो दौड़ने लगेगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो का उद्घाटन करेंगे।
इससे पहले दिसंबर, 2020 में दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन को ड्राइवरलेस किया था। कोरोना महामारी के दौरान विपरीत परिस्थितियों के बीच दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने के बाद दोनों लाइनों पर ड्राइवरलेस मेट्रो का नेटवर्क करीब 92 किलोमीटर का हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली मेट्रो का नाम ड्राइवरलेस मेट्रो के लिहाज से दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार हो जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन पर 58.43 किलोमीटर के कॉरिडोर पर मेट्रो को ड्राइवरलेस करने से परिचालन पूरी तरह से स्वचालित हो जाएगा। इसके बाद मेट्री की कमान, मेट्रो भवन स्थित ऑपरेशन एंड कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) के पास होगी और यह सेंटर 24 घंटे काम कर सकेगा। मेट्रो के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को न तो मेट्रो की फ्रिक्वेंसी की चिंता होगी और न ही देरी की गुंजाइश होगी। सभी कुछ स्वचालित होने से किसी भी रुकावट का पता पहले ही चल जाएगा, जिसे समय रहते दूर कर लिया जाएगा। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी और गंतव्य तक पहुंचना भी बेहद सुलभ हो जाएगा।
करीब आठ महीने की हुई देरी
पिंक लाइन के शेष हिस्से पर त्रिलोकपुरी (संजय लेक)-मयूर विहार, पॉकेट वन के बीच मेट्रो सेवाएं शुरू होने में देरी का असर ड्राइवरलेस मेट्रो पर भी पड़ा। इस वजह से पिंक लाइन पर करीब आठ महीने बाद सेवाएं ड्राइवरलेस की जा रही हैं। हालांकि पिंक लाइन को जल्द से जल्द ड्राइवरलेस करने के लिए दिल्ली मेट्रो ने कोरोना काल में भी लगातार सिग्नलिंग, टेस्टिंग, ओवरहेड केबल सहित सेवाएं स्वचालित करने के लिए प्रणाली में कई तकनीकी बदलाव किया। पहले मार्च में ही पिंक लाइन को ड्राइवरलेस करने का लक्ष्य था। इसी माह सुरक्षा आयुक्त (मेट्रो रेल) ने ड्राइवरलेस मेट्रो का निरीक्षण किया था। इसके बाद डीएमआरसी को रिपोर्ट सौंपते हुए परिचालन की मंजूरी दे दी। 25 नवंबर को उद्घाटन के बाद पिंक लाइन के यात्रियों को ड्राइवरलेस मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा। अभी भी चीन, ब्राजील और दुबई में ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन हो रहा है।
सीबीटीसी तकनीक से चलेगी ड्राइवरलेस मेट्रो
कम्यूनिकेशन बेस्ट ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) तकनीक के जरिये ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन होगा। इस तकनीक के जरिये तयशुदा वक्त पर मेट्रो परिचालन के लिए कंट्रोल सेंटर और जमीन के बीच स्वचालित समन्वय होगा। इसके लिए मैन्युअल दिशा निर्देश की जरूरत नहीं होगी। अगर, कहीं रुकावट है भी तो तकनीक के जरिये उसे हल करने की प्राथमिकता होगी। विशेष परिस्थिति में अगर परिचालन में दिक्कतें आती हैं तो उसे कर्मियों द्वारा किया जाएगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से मेट्रो की रफ्तार भी सुनिश्चित होगी और अधिक यात्री इसमें सफर कर सकेंगे।